प्लासी और बक्सर के युद्ध से संबंधित GK Quiz सभी परीक्षाओं के Free Mock Test में पूछा जाता है। यहाँ आप बंगाल का अधिग्रहण का GK Online Test in Hindi में दे सकते हैं।
लगभग सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान से सम्बंधित GK Quiz in Hindi में पूछे जाते हैं इसलिए हम आपके लिए परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए Free Mock Test लेकर आए हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए प्लासी और बक्सर के युद्ध से सम्बंधित GK Online Test in Hindi में लेकर आए हैं जो आपकी मदद करेगा।
प्लासी और बक्सर का युद्ध MCQ in Hindi –
1. स्वतंत्र बंगाल की स्थापना किसने की थी ?
(a) अलीवर्दी खां
(b) मुर्शिद कुली खां
(c) सिराजुद्दौला
(d) निजाम-उल-मुल्क
Show Answer
उत्तर ➲ (b) मुर्शिद कुली खां
महत्वपूर्ण तथ्य –
- जब औरंगजेब मुग़ल शासक था उस समय बंगाल का सूबेदार अजीमुशान था और बंगाल का दीवान मुर्शिद कुली खां था।
- औरंगजेब की मृत्यु होने के बाद मुग़ल साम्राज्य टूटने लगता है। जब फरुखसियर (1713-1719) मुग़ल साम्राज्य का शासक बना तो उसने मुर्शिद कुली खां को बंगाल का सूबेदार नियुक्त कर दिया।
- 1717 में मुग़ल सम्राट फ़र्रुख़सियर ने अंग्रेज़ों को शाही फरमान (दस्तक) जारी कर दिया। जो पुरे बंगाल प्रान्त तथा नवाबों के लिए बहुत बुरा साबित होने वाला था।
- 1719 में फरुखसियर की मृत्यु के बाद मुर्शिद कुली खां ने अपने आप को मुग़ल साम्राज्य से स्वतंत्र कर लिया और स्वतंत्र बंगाल की स्थापना की।
- बंगाल का पहला नवाब मुर्शिदकुली खां बना इसने बंगाल की राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित किया। इसने 1719 में उड़ीसा का विलय बंगाल में कर दिया।
शाही फरमान (दस्तक) –
- 1717 को जॉन सरमन मिशन एवं डॉक्टर हैमिल्टन फरुखसियर से मिलने जाता हैं। उस समय फरुखसियर एक बीमारी से ग्रसित था जिसका इलाज़ डॉक्टर हैमिल्टन ने कर दिया। बदले में जॉन सरमन मिशन ने फरुखसियर से पुरे उत्तर भारत पर कर मुक्त व्यापार (tax free trade) करने की अनुमति मांगी।
- फरुखसियर ने अंग्रेज़ों को शाही फरमान (Royal decree) जारी कर दिया। अंग्रेज़ों को 3000 रु के वार्षिक कर पर पुरे बंगाल और 10000 रु के वार्षिक कर पर पुरे सूरत पर कर मुक्त व्यापर करने की अनुमति दे दी।
- बम्बई में ढाले जाने वाले ब्रिटिश कंपनी के सिक्कों को पुरे मुग़ल साम्राज्य में चलाने की अनुमति दे दी। इसी को इतिहासकारों ने मैग्नाकार्टा ऑफ़ कंपनी (Magna carta of company) कहा।
- बंगाल में सिर्फ 3000 का वार्षिक कर देकर अंग्रेज़ एक प्रकार का कर मुक्त व्यापार कर सकते थे। इस शाही फरमान से आगे चलकर बंगाल के नवाबों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा उनको राजस्व हानि होने लगी। अंग्रेज़ अपने फायदे के लिए इस फरमान का दुरूपयोग भी किया करते थे।
2. बंगाल का पहला नवाब कौन था ?
(a) मुर्शिद कुली खां
(b) सिराजुद्दौला
(c) निजाम-उल-मुल्क
(d) अलीवर्दी खां
Show Answer
उत्तर ➲ (a) मुर्शिद कुली खां
3. बंगाल का नवाब बनने के लिए गिरिया का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
(a) मुर्शिद कुली खां और सुजाउद्दीन
(b) शुजाउद्दीन और सरफ़राज़ खां
(c) अलीवर्दी खां और सुजाउद्दीन
(d) अलीवर्दी खां और सरफ़राज़ खां
Show Answer
उत्तर ➲ (d) अलीवर्दी खां और सरफ़राज़ खां
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1727 में मुर्शिदकुली खान की मृत्यु के बाद उसका दामाद सुजाउद्दीन (1727 -1739) बंगाल का नवाब बना।
- 1732 में इसने बिहार का विलय बंगाल में कर लिया। इसने अलीवर्दी खां को बिहार का सूबेदार बनाया जो आगे चलकर बंगाल का नवाब बना।
- 1739 में शुजाउद्दीन की मृत्यु के बाद उसका पुत्र सरफ़राज़ खां (1739 -1740) अगला नवाब बना। सरफ़राज़ खां एक कमजोर और अयोग्य शासक था।
- अलीवर्दी खां ने इसके खिलाफ विद्रोह कर दिया और 1740 में गिरिया के युद्ध में सरफ़राज़ खां को हराकर अलीवर्दी खां (1740 -1756) बंगाल का अगला नवाब बना।
4. बंगाल के किस नवाब को मराठों के लगातार आक्रमण का सामना करना पड़ा था ?
(a) मीर कासिम
(b) सिराजुद्दौला
(c) अलीवर्दी खां
(d) मीर जाफ़र
Show Answer
उत्तर ➲ (c) अलीवर्दी खां
महत्वपूर्ण तथ्य –
- अलीवर्दी खां (1740 -1756) बंगाल का सबसे योग्य नवाब था।
- इसने मुगलों को वार्षिक कर देना पूर्ण रूप से बंद कर दिया। इसका पूरा शासन काल मराठों से युद्ध में गुज़र गया।
- 1740 से 1751 तक इसके और मराठा के मध्य संघर्ष चलता रहा और अंत में 1751 में मराठा से शांति संधि कर ली जिसके बदले में इसे उड़ीसा प्रांत मराठों को सौंपना पड़ा तथा चौथ कर (12 लाख रु वार्षिक) देने को राज़ी होना पड़ा।
- इसने अंग्रेज़ों को बंगाल में स्थाई दुर्ग (fort) बनाने की अनुमति नहीं दी। अलीवर्दी खां ने अंग्रेज़ों की तुलना मधुमक्खी के छत्ते से की थी।
“अगर इन्हें छेड़ोगे नहीं तो शहद देंगी और अगर छेड़ोगे तो डंक काट काट कर मार डालेगी”
5. बंगाल के किस नवाब ने बंगाल में अंग्रेज़ों के गढ़ Fort William पर हमला कर दिया और अंग्रेज़ों को वहाँ से भागने पर मजबूर कर दिया ?
(a) अलीवर्दी खां
(b) मीर कासिम
(c) सिराजुद्दौला
(d) मीर जाफ़र
Show Answer
उत्तर ➲ (c) सिराजुद्दौला
महत्वपूर्ण तथ्य –
- अलीवर्दी खां के बाद बंगाल का अगला नवाब उसकी बेटी का पुत्र सिराजुद्दौला बना (1756-57)।
- सिराजुद्दौला अंग्रेज़ों द्वारा शाही फरमान के दुरूपयोग को लेकर पहले से ही नाराज था क्योकि उसे राजस्व का काफी नुकसान होने लगा था और अब अंग्रेज़ों ने कोलकाता में किलेबंदी भी करना शुरू कर दिया जिस से उनकी स्थिति और मजबूत हो सके।
- सिराजुद्दौला ने इसका विरोध किया मगर फ्राँसिसिओं को दक्षिण भारत के कर्नाटक युद्ध में हराने के बाद अंग्रेज़ों का हौसला बुलंद था। फ्रांसीसी उस समय चंद्रनगर में रह रहे थे वो भी चंद्रनगर में किलेबंदी कर रहे थे मगर सिराजुद्दौला के आदेश को उनलोगो ने मान लिया और किलेबंदी को रोक दिया। मगर अंग्रेज़ों ने सिराजुद्दौला के आदेश को अनसुना कर दिया।
- सिराजुद्दौला ने अंग्रेज़ों की उद्दंडता को देखते हुए (20 जून 1756) को कोलकाता (फोर्ट विलियम) पर आक्रमण कर दिया और अंग्रेज़ों को वहाँ से भागने पर विवश कर दिया। अंग्रेज़ों ने भाग कर “फुल्टा द्वीप” पर शरण लिया।
- जॉर्ज हॉलवेल द्वारा इस आक्रमण के समय “ब्लैक होल” की घटना का जिक्र मिलता है। जिसके अनुसार नवाब सिराजुद्दौला द्वारा 146 अंग्रेज़ों को एक छोटी सी कालकोठरी में बंद कर दिया जिसमे सिर्फ 23 लोग ही जिन्दा बचे थे।
- सिराजुद्दौला ने मानिक चंद को कलकत्ता का प्रभार सौंप दिया और कलकत्ता का नाम बदलकर अलीनगर रख दिया।
6. बंगाल के किस नवाब ने कलकत्ता का नाम बदलकर अलीनगर रखा था ?
(a) सिराजुद्दौला
(b) अलीवर्दी खां
(c) मीर कासिम
(d) मीर जाफ़र
Show Answer
उत्तर ➲ (a) सिराजुद्दौला
7. अलीनगर की संधि कब हुई थी ?
(a) जून 1757
(b) जून 1756
(c) फरवरी 1756
(d) फरवरी 1757
Show Answer
उत्तर ➲ (d) फरवरी 1757
महत्वपूर्ण तथ्य –
- अंग्रेज़ों द्वारा फोर्ट विलियम हार जाने के बाद यह खबर जब मद्रास पहुंची तो वहां से एडमिरल वाट्सन और कर्नल क्लाइव के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना को कम्पनी की सहायता के लिए बंगाल भेजा गया।
- मानिक चंद ने रिश्वत लेकर किला (फोर्ट विलियम) अंग्रेज़ों को सौंप दिया। अंग्रेज़ों ने जनवरी 1757 में फिर से कोलकाता पर अधिकार कर लिया।
- सिराजुद्दौला इस परिस्थिति से अच्छी तरह निबट नहीं सका और बेबस होकर उसे अंग्रेज़ों के साथ 9 फरवरी 1757 को अपमानजनक “अलीनगर” की संधि करनी पड़ी।
- अलीनगर संधि – कलकत्ता की किलेबंदी, सिक्के ढालने का अधिकार, कलकत्ता में कर मुक्त व्यापर, युद्ध में हुई क्षतिपूर्ति का वादा, भविष्य में दोनों पक्षों में शांति बनाये रखने का वादा।
8. प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?
(a) 13 जून 1757
(b) 23 जून 1757
(c) 25 जून 1757
(d) 15 जून 1757
Show Answer
उत्तर ➲ (b) 23 जून 1757
महत्वपूर्ण तथ्य –
- अलीनगर की संधि होने के बाद अंग्रेज़ों को शक था की इसका बदला लेने के लिए सिराजुद्दौला फ्रंसिसिओं के साथ संधि कर उनपर आक्रमण कर सकता है। इसलिए रॉबर्ट क्लाइव ने सिराजुद्दौला के खिलाफ षड़यंत्र रचना शुरू कर दिया।
- उसने इस षड़यंत्र में घसीटी बेगम, रायदुर्लभ, मानिक चंद, सेनापति मीर ज़ाफर, जगत सेठ, खादिम खां, अमीरचंद को शामिल कर लिया।
- इससे पहले की सिराजुद्दौला को कुछ भनक लगती अंग्रेज़ों ने अलीनगर की संधि के उल्लंघन को मुद्दा बनाकर सिराजुद्दौला के खिलाफ जंग का एलान कर दिया।
- प्लासी का युद्ध भारतीय इतिहास के निर्णायक युद्धों में गिना जाता है जिसने भारत की दशा और दिशा बदल कर रख दी।
- 23 जून 1757 को प्लासी का युद्ध नवाब सिराजुद्दौला की सेना (50,000 सैनिक) और रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में “ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी” की सेना (3,200 सैनिक) के बीच लड़ी गई।
- यह युद्ध एक बहुत बड़े षड़यंत्र के तहत होने वाला था। सेनापति मीर जाफ़र तथा रायदुर्लभ ने बहुत बड़ी सेना की टुकड़ी को युद्ध में शामिल नहीं होने दिया।
- विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान और मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हो गए सिराजुद्दौला अकेला पड़ गया सिराजुद्दौला को जब पता चलता है की युद्ध में उसके बड़े बड़े सेनानायक उसके साथ विश्वास घात कर रहे हैं तो मज़बूर परिस्थितियों में वह भाग जाता है।
- सिराजुद्दौला भाग कर मुर्शिदाबाद चला गया वहां मीर जाफ़र के पुत्र मीरन ने उसकी हत्या करवा दी। इस तरह अंग्रेज़ों का षड़यंत्र सफल रहा।
- रॉबर्ट क्लाइव की इस जीत से ब्रिटिश कंपनी राजनैतिक शक्ति बन कर उभरती है। रॉबर्ट क्लाइव को ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक कहा जाता है।
- प्लासी के युद्ध के बाद मीर जाफ़र को अंग्रेज़ों द्वारा बंगाल का नवाब बनाया गया बदले में मीर जाफ़र ने अंग्रेज़ों को बंगाल, बिहार, उड़ीसा में कर मुक्त व्यापर करने की अनुमति दे दी और कलकत्ता के पास 24 परगना की जमींदारी भी अंग्रेज़ों को मिल गई।
- मीर जाफ़र को उसके अंग्रेज़ मित्रों द्वारा दिए गए समर्थन का भारी जुर्माना भुगतना पड़ा। मीर जाफ़र को अंग्रेज़ों को भारी रकम अदा करनी पड़ी।
- प्लासी के युद्ध ने अंग्रेज़ों की राजनैतिक शक्ति को मजबूत करने के साथ साथ बंगाल के संपन्न खजाने तक भी उनकी पहुंच बना दी। इसी खजाने की मदद से अंग्रेज़ भारत पर नियंत्रण करने में सफल रहे।
9. 1759 में बेदरा का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
(a) सिराजुद्दौला और अंग्रेज़ों के बीच
(b) मीर जाफ़र और अंग्रेज़ों के बीच
(c) डचों और अंग्रेज़ों के बीच
(d) फ़्राँसीसियों और अंग्रेज़ों के बीच
Show Answer
उत्तर ➲ (c) डचों और अंग्रेज़ों के बीच
महत्वपूर्ण तथ्य –
- नवंबर 1759 को चिनसुरा के निकट बेदरा का युद्ध डचों और अंग्रेज़ों के बिच लड़ा गया जिसमें डच बुरी तरह हार गए।
- मीर जाफ़र ने डचों के साथ सांठ गांठ कर डचों की मदद की थी। जिसके चलते अंग्रेज़ों ने मीर जाफ़र को हटाकर उसके दामाद मीर कासिम को बंगाल का नवाब बनाया।
- मीर कासिम ने बदले में अंग्रेज़ों के साथ समझौता किया जिसके तहत मिदनापुर ,बर्दवान एवं चटगांव की जमींदारी कंपनी को सौंपी जानी थी।
- मीर कासिम के बंगाल का नवाब बन ने की घटना को वेंसिटार्ट ने “बंगाल की क्रांति” कहा है।
10. बक्सर का युद्ध किसके किसके बिच लड़ा गया ?
(a) अँग्रेज़ और (मीर जाफ़र, शाह आलम द्वितीय, शुजाउद्दौला) के बीच
(b) अँग्रेज़ और (मीर जाफ़र, शाह आलम द्वितीय) के बीच
(c) अँग्रेज़ और (मीर कासिम, शाह आलम द्वितीय) के बीच
(d) अँग्रेज़ और (मीर कासिम, शाह आलम द्वितीय, शुजाउद्दौला) के बीच
Show Answer
उत्तर ➲ (d) अँग्रेज़ और (मीर कासिम, शाह आलम द्वितीय, शुजाउद्दौला) के बीच
महत्वपूर्ण तथ्य –
- मीर कासिम नवाब बनते ही सबसे पहले उसने अपने विश्वास के अधिकारिओं की नियुक्ति किया, नौकरशाही का पुनर्गठन किया, तथा सेना की कौशल क्षमता बढ़ाने के लिए उसमें सुधार किये।
- अंग्रेज़ों के हस्तक्षेप से बचने के लिए उसने राजधानी को मुर्शिदाबाद से मुंगेर स्थानांतरित किया। मीर कासिम ने अंग्रेज़ों द्वारा शाही फरमान का दुरूपयोग करने को लेकर कड़ा विरोध किया।
- मगर अंग्रेज़ों को इस से कोई फर्क नहीं पड़ा तो 1763 में मीर कासिम ने इसके जवाब में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए सभी भारतीय व्यापारिओं को कर मुक्त व्यापार करने की आज्ञा दे दी।
- इससे अंग्रेज़ों का अधिकार ख़त्म हो गया और इसे अंग्रेज़ों ने अपना अपमान समझा। 1763 में अंग्रेज़ों ने मीर कासिम के खिलाफ औपचारिक युद्ध की घोषणा कर दी।
- अंग्रेज़ और मीर कासिम के बिच कुछ छोटी छोटी लड़ाइयां हुई और मीर कासिम हार कर मुंगेर भाग गया वहां से फिर पटना चला गया। मीर जाफ़र को फिर से नवाब बना दिया गया।
- मीर कासिम अवध जाकर अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुग़ल शासक शाह आलम द्वितीय से संधि कर ली ताकि वह कलकत्ता को वापस से हासिल कर सके।
11. बक्सर के युद्ध के समय मुग़ल शासक कौन था ?
(a) आलमगीर II
(b) मोहम्मद शाह
(c) फरुखसियर
(d) शाह आलम II
Show Answer
उत्तर ➲ (d) शाह आलम II
12. बक्सर का युद्ध कब लड़ा गया ?
(a) 23 जून 1764
(b) 23 जून 1763
(c) 22 अक्टूबर 1763
(d) 22 अक्टूबर 1764
Show Answer
उत्तर ➲ (d) 22 अक्टूबर 1764
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर का युद्ध होता है जिसमें अंग्रेज़ों की सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो कर रहा था।
- यह युद्ध प्लासी के युद्ध की तरह छल कपट के बजाय अपनी अपनी क्षमता पर लड़ा जाने वाला था।
- 1760 में अंग्रेज़ों ने वांडीवाश के युद्ध में फ्रंसिसिओं को करारी मात दी थी जिसका अनुभव अंग्रेज़ों को काम आया।
- मीर कासिम, शुजाउद्दौला और शाह आलम द्वितीय की सेना इसमें बुरी तरह पराजित होती है। पराजय के बाद शाह आलम द्वितीय और शुजाउद्दौला आत्मसमर्पण कर देते हैं और मीर कासिम भाग जाता है।
- बक्सर के युद्ध के बाद बंगाल पर अंग्रेज़ों ने पूरी तरह से राजनितिक नियंत्रण स्थापित कर लिया।
13. बक्सर के युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व किसने किया था ?
(a) रोबर्ट क्लाइव
(b) हेक्टर मुनरो
(c) एडमिरल वाट्सन
(d) चार्ल्स आयरकूट
Show Answer
उत्तर ➲ (b) हेक्टर मुनरो
14. बक्सर का युद्ध किस संधि से समाप्त हुआ ?
(a) इलाहाबाद की संधि
(b) मंगलोर की संधि
(c) मद्रास की संधि
(d) अलीनगर की संधि
Show Answer
उत्तर ➲ (a) इलाहाबाद की संधि
महत्वपूर्ण तथ्य –
- युद्ध के बाद 1765 में इलाहाबाद की संधि करने के लिए दूसरी बार रोबर्ट क्लाइव को बंगाल का गवर्नर बनाकर भेजा गया।
- बक्सर के युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफ़र था मगर युद्ध के कुछ महीनों बाद 7 january 1965 को मीर जाफ़र की मृत्यु हो जाती है और बंगाल का अगला नवाब नज़्मुद्दौला (5 February 1765 – 8 May 1766) बनता है।
- इलाहाबाद की संधि के समय बंगाल का नवाब नज़्मुद्दौला रहता है।
15. इलाहाबाद की संधि के समय बंगाल का नवाब कौन रहता है?
(a) मीर जाफ़र
(b) सुजाउद्दौला
(c) नज़्मुद्दौला
(d) मीर कासिम
Show Answer
उत्तर ➲ (c) नज़्मुद्दौला
16. इलाहाबाद की प्रथम संधि किसके किसके बीच हुई थी ?
(a) शाह आलम द्वितीय और हेक्टर मुनरो के बीच
(b) शाह आलम द्वितीय और रोबर्ट क्लाइव के बीच
(c) शुजाउद्दौला और रोबर्ट क्लाइव के बीच
(d) शुजाउद्दौला और हेक्टर मुनरो के बीच
Show Answer
उत्तर ➲ (c) शुजाउद्दौला और रोबर्ट क्लाइव के बीच
इलाहाबाद की प्रथम संधि ( 02 अगस्त 1765 ) –
- यह संधि मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय और रोबर्ट क्लाइव के बीच 02 अगस्त 1765 को हुई।
- शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कंपनी को “बंगाल, बिहार और ओडिशा” की दीवानी (भू-राजस्व वसूली) प्रदान की और बदले में बादशाह को 26 लाख रूपए का वार्षिक भुगतान तय किया गया।
- ब्रिटिश कंपनी ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला से इलाहाबाद और कड़ा जिला लेकर मुग़ल शासक शाह आलम द्वितीय को दे दिया।
- मुग़ल शासक, प्रांतो में निजामत कार्यों (पुलिस एवं न्यायिक कार्य) के लिए कंपनी को 53 लाख रूपये देने की लिए सहमत हुई।
- बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत हुई।
17. किस मुग़ल शासक ने ईस्ट इंडिया कंपनी को “बंगाल, बिहार और ओडिशा” की दीवानी प्रदान की थी 1765 में ?
(a) शुजाउद्दौला
(b) आलमगीर II
(c) शाह आलम II
(d) नज़्मुद्दौला
Show Answer
उत्तर ➲ (c) शाह आलम II
18. इलाहाबाद की द्वितीय संधि किसके किसके बीच हुई थी ?
(a) शाह आलम द्वितीय और रोबर्ट क्लाइव के बीच
(b) शाह आलम द्वितीय और हेक्टर मुनरो के बीच
(c) शुजाउद्दौला और हेक्टर मुनरो के बीच
(d) शुजाउद्दौला और रोबर्ट क्लाइव के बीच
Show Answer
उत्तर ➲
(d) शुजाउद्दौला और रोबर्ट क्लाइव के बीच
इलाहाबाद की द्वितीय संधि -(16 अगस्त 1765)
- यह संधि अवध के नवाब शुजाउद्दौला और रोबर्ट क्लाइव के बीच 16 अगस्त 1765 को हुई।
- युद्ध में हुई क्षतिपूर्ति के रूप में नवाब द्वारा 50 लाख रुपये कंपनी को देने की बात हुई तथा कड़ा और इलाहाबाद प्रान्त छोड़कर अवध का शेष क्षेत्र शुजाउद्दौला को वापस कर दिया।
- पुरे अवध में कर मुक्त व्यापर करने की छूट। अवध में नवाब के खर्च पर अंग्रेजी सेना रखने की बात हुई ताकि वो अवध को बाहरी आक्रमण से बचा सके।
- बनारस के जमींदार बलवंत सिंह को पहले की तरह लगन वसूलने का अधिकार दिया जाये क्योकि बलवंत सिंह से युद्ध में अंग्रेज़ों की सहायता की थी।
19. बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत कब हुई ?
(a) 1764
(b) 1763
(c) 1766
(d) 1765
Show Answer
उत्तर ➲ (d) 1765
महत्वपूर्ण तथ्य –
- मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय द्वारा ब्रिटिश को बंगाल की दीवानी प्रदान करने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था लागु हुई उसे द्वैध शासन (दोहरा शासन) कहा गया।
- इस व्यवस्था का अंग्रेज़ों को यह फायदा था की बंगाल व्यवस्था पर अंग्रेज़ों का उत्तरदायित्व रहित अधिकार था। इसमें बंगाल का नवाब अंग्रेज़ों के हाथ की कठपुतली मात्र बन कर रह गया था।
- इसमें प्रशासनिक दायित्व का कार्य बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली तथा कानून व्यवस्था ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथ में था।
- शीघ्र ही बंगाल में इस शासन व्यवस्था का दुष्परिणाम भी दिखने लगा। पुरे बंगाल में अराजकता और भ्रष्टाचार का माहौल बनने लगा। व्यापार और वाणिज्य का पतन होने लगा व्यापारिओं की हालत भीख मांगने जैसी हो गई।
- बंगाल सूती और रेशमी वस्त्र उद्योग के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध था समृद्ध और विकसित सारे उद्योग नष्ट हो गए। अत्यधिक राजस्व वसूली तथा शोषण के कारण किसानों ने खेती करना बंद कर दिया। किसान भयानक गरीबी के शिकार हो गए।
- 1772 में वारेन हेस्टिंग द्वारा इस शासन को समाप्त कर दिया गया। 1773 में रेगुलेटिंग एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर पद को गवर्नर जनरल का पद बना दिया गया। 1773 में वारेन हेस्टिंग को पहला गवर्नर जनरल बनाया गया।
बंगाल में द्वैध शासन किसने लागु किया था ?
(a) हेक्टर मुनरो
(b) चार्ल्स आयरकूट
(c) रोबर्ट क्लाइव
(d) वारेन हेस्टिंग
Show Answer
उत्तर ➲ (c) रोबर्ट क्लाइव
बंगाल का अधिग्रहण –
1707 में औरंगजेब की मृत्यु हो जाने के बाद मुग़ल साम्रज्य छोटे छोटे राज्यों में टूटना शुरू हो जाता है। इन राज्यों में से 1 राज्य होता है बंगाल। जिसकी स्वतंत्रता को मुर्शिद कुली खां स्थापित करता है।
बंगाल के अलावा इन सभी राज्यों की भी स्वतंत्रता स्थापित होती है। स्वतंत्र हैदराबाद की स्थापना निजाम-उल-मुल्क आसफ जाह करता है। स्वतंत्र कर्नाटक की स्थापना सदातुल्ला खां करता है। स्वतंत्र मैसूर की स्थापना हैदर अली द्वारा की गई। मराठा को शिवाजी और पेशवा ने स्थापित किया। पंजाब की स्थापना महाराजा रणजीत सिंह ने की। रुहेलखंड की स्थापना वीर दाऊद एवं अली मोहम्मद खां ने की। अवध की स्थापना शहादत खां ने की।
अंग्रेज़ों ने कभी भी भारत की सम्मिलित एकजुट शक्ति का सामना नहीं किया क्योकि भारत अनेक क्षेत्रीय राज्यों में बंटा हुआ था और इन सभी राज्यों का आपस में संघर्ष होता रहता था। एक और महत्वपूर्ण कारण ये भी था की अंग्रेज़ों की राजनितिक कूटनीति को भारतीय समय रहते समझ नहीं पाए। एक एक करके अंग्रेज़ इन सभी हिस्सों पर हमला करेंगे और इन सभी को ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा बनाएंगे।
सबसे पहले हमलोग देखेंगे बंगाल पर अंग्रेज़ों ने कब्ज़ा कैसे किया और उसके Question Answer Set का Test देंगे। आपलोगों के लिए Best Quiz Set बनाया है जिससे आपका Modern Indian History पूरा clear हो जायेगा।
प्लासी और बक्सर का युद्ध –
बंगाल अंग्रेज़ों के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों था ?
- बंगाल की खाड़ी में सबसे बड़ा डेल्टा बनने के कारण बंगाल की मिट्टी में उर्वरक क्षमता ज्यादा थी। मिट्टी के उर्वरक क्षमता ज्यादा होने का मतलब था वहाँ फसलों को ज्यादा मात्रा में उपजाया जाता था। ज्यादा फसल मतलब अंग्रेज़ों के पास लगान के रूप में ब्याज (tax) ज्यादा मात्रा में आएगा।
- बंगाल के समुद्र के नजदीक होने के कारण यहाँ से समुद्री परिवहन (navigation) भी आसान था। समुद्री व्यापार यहाँ से आसानी से किया जा सकता था।
- यहाँ पर अंग्रेज़ों को चुनौती देने वाला कोई नहीं था। बंगाल के आस पास कोई बड़ा प्रांत नहीं था जिससे अंग्रेज़ों को यहाँ चुनौती मिलती और मराठा भी दुर थे उनकी शक्ति बंगाल तक नहीं पहुंच पाई थी जिसका फायदा अंग्रेज़ों को मिला।
बंगाल को जितने के बाद वहाँ से लगान के रूप में लुटे गए पैसों का उपयोग अंग्रेज़ों ने कर्नाटक, सिंध, मराठा, मैसूर की लड़ाइयों में किया।
प्लासी और बक्सर का युद्ध Free Mock Test
Results
#1. स्वतंत्र बंगाल की स्थापना किसने की थी ?
- जब औरंगजेब मुग़ल शासक था उस समय बंगाल का सूबेदार अजीमुशान था और बंगाल का दीवान मुर्शिद कुली खां था।
- औरंगजेब की मृत्यु होने के बाद मुग़ल साम्राज्य टूटने लगता है। जब फरुखसियर (1713-1719) मुग़ल साम्राज्य का शासक बना तो उसने मुर्शिद कुली खां को बंगाल का सूबेदार नियुक्त कर दिया।
- 1717 में मुग़ल सम्राट फ़र्रुख़सियर ने अंग्रेज़ों को शाही फरमान (दस्तक) जारी कर दिया। जो पुरे बंगाल प्रान्त तथा नवाबों के लिए बहुत बुरा साबित होने वाला था।
- 1719 में फरुखसियर की मृत्यु के बाद मुर्शिद कुली खां ने अपने आप को मुग़ल साम्राज्य से स्वतंत्र कर लिया और स्वतंत्र बंगाल की स्थापना की।
- बंगाल का पहला नवाब मुर्शिदकुली खां बना इसने बंगाल की राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित किया। इसने 1719 में उड़ीसा का विलय बंगाल में कर दिया।
शाही फरमान (दस्तक) –
- 1717 को जॉन सरमन मिशन एवं डॉक्टर हैमिल्टन फरुखसियर से मिलने जाता हैं। उस समय फरुखसियर एक बीमारी से ग्रसित था जिसका इलाज़ डॉक्टर हैमिल्टन ने कर दिया। बदले में जॉन सरमन मिशन ने फरुखसियर से पुरे उत्तर भारत पर कर मुक्त व्यापार (tax free trade) करने की अनुमति मांगी।
- फरुखसियर ने अंग्रेज़ों को शाही फरमान (Royal decree) जारी कर दिया। अंग्रेज़ों को 3000 रु के वार्षिक कर पर पुरे बंगाल और 10000 रु के वार्षिक कर पर पुरे सूरत पर कर मुक्त व्यापर करने की अनुमति दे दी।
- बम्बई में ढाले जाने वाले ब्रिटिश कंपनी के सिक्कों को पुरे मुग़ल साम्राज्य में चलाने की अनुमति दे दी। इसी को इतिहासकारों ने मैग्नाकार्टा ऑफ़ कंपनी (Magna carta of company) कहा।
- बंगाल में सिर्फ 3000 का वार्षिक कर देकर अंग्रेज़ एक प्रकार का कर मुक्त व्यापार कर सकते थे। इस शाही फरमान से आगे चलकर बंगाल के नवाबों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा उनको राजस्व हानि होने लगी। अंग्रेज़ अपने फायदे के लिए इस फरमान का दुरूपयोग भी किया करते थे।
#2. बंगाल का पहला नवाब कौन था ?
#3. बंगाल का नवाब बनने के लिए गिरिया का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
- 1727 में मुर्शिदकुली खान की मृत्यु के बाद उसका दामाद सुजाउद्दीन (1727 -1739) बंगाल का नवाब बना।
- 1732 में इसने बिहार का विलय बंगाल में कर लिया। इसने अलीवर्दी खां को बिहार का सूबेदार बनाया जो आगे चलकर बंगाल का नवाब बना।
- 1739 में शुजाउद्दीन की मृत्यु के बाद उसका पुत्र सरफ़राज़ खां (1739 -1740) अगला नवाब बना। सरफ़राज़ खां एक कमजोर और अयोग्य शासक था।
- अलीवर्दी खां ने इसके खिलाफ विद्रोह कर दिया और 1740 में गिरिया के युद्ध में सरफ़राज़ खां को हराकर अलीवर्दी खां (1740 -1756) बंगाल का अगला नवाब बना।
#4. बंगाल के किस नवाब को मराठों के लगातार आक्रमण का सामना करना पड़ा था ?
- अलीवर्दी खां (1740 -1756) बंगाल का सबसे योग्य नवाब था।
- इसने मुगलों को वार्षिक कर देना पूर्ण रूप से बंद कर दिया। इसका पूरा शासन काल मराठों से युद्ध में गुज़र गया।
- 1740 से 1751 तक इसके और मराठा के मध्य संघर्ष चलता रहा और अंत में 1751 में मराठा से शांति संधि कर ली जिसके बदले में इसे उड़ीसा प्रांत मराठों को सौंपना पड़ा तथा चौथ कर (12 लाख रु वार्षिक) देने को राज़ी होना पड़ा।
- इसने अंग्रेज़ों को बंगाल में स्थाई दुर्ग (fort) बनाने की अनुमति नहीं दी। अलीवर्दी खां ने अंग्रेज़ों की तुलना मधुमक्खी के छत्ते से की थी।
“अगर इन्हें छेड़ोगे नहीं तो शहद देंगी और अगर छेड़ोगे तो डंक काट काट कर मार डालेगी”
#5. बंगाल के किस नवाब ने बंगाल में अंग्रेज़ों के गढ़ Fort William पर हमला कर दिया और अंग्रेज़ों को वहाँ से भागने पर मजबूर कर दिया ?
- अलीवर्दी खां के बाद बंगाल का अगला नवाब उसकी बेटी का पुत्र सिराजुद्दौला बना (1756-57)।
- सिराजुद्दौला अंग्रेज़ों द्वारा शाही फरमान के दुरूपयोग को लेकर पहले से ही नाराज था क्योकि उसे राजस्व का काफी नुकसान होने लगा था और अब अंग्रेज़ों ने कोलकाता में किलेबंदी भी करना शुरू कर दिया जिस से उनकी स्थिति और मजबूत हो सके।
- सिराजुद्दौला ने इसका विरोध किया मगर फ्राँसिसिओं को दक्षिण भारत के कर्नाटक युद्ध में हराने के बाद अंग्रेज़ों का हौसला बुलंद था। फ्रांसीसी उस समय चंद्रनगर में रह रहे थे वो भी चंद्रनगर में किलेबंदी कर रहे थे मगर सिराजुद्दौला के आदेश को उनलोगो ने मान लिया और किलेबंदी को रोक दिया। मगर अंग्रेज़ों ने सिराजुद्दौला के आदेश को अनसुना कर दिया।
- सिराजुद्दौला ने अंग्रेज़ों की उद्दंडता को देखते हुए (20 जून 1756) को कोलकाता (फोर्ट विलियम) पर आक्रमण कर दिया और अंग्रेज़ों को वहाँ से भागने पर विवश कर दिया। अंग्रेज़ों ने भाग कर “फुल्टा द्वीप” पर शरण लिया।
- जॉर्ज हॉलवेल द्वारा इस आक्रमण के समय “ब्लैक होल” की घटना का जिक्र मिलता है। जिसके अनुसार नवाब सिराजुद्दौला द्वारा 146 अंग्रेज़ों को एक छोटी सी कालकोठरी में बंद कर दिया जिसमे सिर्फ 23 लोग ही जिन्दा बचे थे।
- सिराजुद्दौला ने मानिक चंद को कलकत्ता का प्रभार सौंप दिया और कलकत्ता का नाम बदलकर अलीनगर रख दिया।
#6. बंगाल के किस नवाब ने कलकत्ता का नाम बदलकर अलीनगर रखा था ?
#7. अलीनगर की संधि कब हुई थी ?
- अंग्रेज़ों द्वारा फोर्ट विलियम हार जाने के बाद यह खबर जब मद्रास पहुंची तो वहां से एडमिरल वाट्सन और कर्नल क्लाइव के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना को कम्पनी की सहायता के लिए बंगाल भेजा गया।
- मानिक चंद ने रिश्वत लेकर किला (फोर्ट विलियम) अंग्रेज़ों को सौंप दिया। अंग्रेज़ों ने जनवरी 1757 में फिर से कोलकाता पर अधिकार कर लिया।
- सिराजुद्दौला इस परिस्थिति से अच्छी तरह निबट नहीं सका और बेबस होकर उसे अंग्रेज़ों के साथ 9 फरवरी 1757 को अपमानजनक “अलीनगर” की संधि करनी पड़ी।
- अलीनगर संधि – कलकत्ता की किलेबंदी, सिक्के ढालने का अधिकार, कलकत्ता में कर मुक्त व्यापर, युद्ध में हुई क्षतिपूर्ति का वादा, भविष्य में दोनों पक्षों में शांति बनाये रखने का वादा।
#8. प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?
- अलीनगर की संधि होने के बाद अंग्रेज़ों को शक था की इसका बदला लेने के लिए सिराजुद्दौला फ्रंसिसिओं के साथ संधि कर उनपर आक्रमण कर सकता है। इसलिए रॉबर्ट क्लाइव ने सिराजुद्दौला के खिलाफ षड़यंत्र रचना शुरू कर दिया।
- उसने इस षड़यंत्र में घसीटी बेगम, रायदुर्लभ, मानिक चंद, सेनापति मीर ज़ाफर, जगत सेठ, खादिम खां, अमीरचंद को शामिल कर लिया।
- इससे पहले की सिराजुद्दौला को कुछ भनक लगती अंग्रेज़ों ने अलीनगर की संधि के उल्लंघन को मुद्दा बनाकर सिराजुद्दौला के खिलाफ जंग का एलान कर दिया।
- प्लासी का युद्ध भारतीय इतिहास के निर्णायक युद्धों में गिना जाता है जिसने भारत की दशा और दिशा बदल कर रख दी।
- 23 जून 1757 को प्लासी का युद्ध नवाब सिराजुद्दौला की सेना (50,000 सैनिक) और रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में “ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी” की सेना (3,200 सैनिक) के बीच लड़ी गई।
- यह युद्ध एक बहुत बड़े षड़यंत्र के तहत होने वाला था। सेनापति मीर जाफ़र तथा रायदुर्लभ ने बहुत बड़ी सेना की टुकड़ी को युद्ध में शामिल नहीं होने दिया।
- विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान और मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हो गए सिराजुद्दौला अकेला पड़ गया सिराजुद्दौला को जब पता चलता है की युद्ध में उसके बड़े बड़े सेनानायक उसके साथ विश्वास घात कर रहे हैं तो मज़बूर परिस्थितियों में वह भाग जाता है।
- सिराजुद्दौला भाग कर मुर्शिदाबाद चला गया वहां मीर जाफ़र के पुत्र मीरन ने उसकी हत्या करवा दी। इस तरह अंग्रेज़ों का षड़यंत्र सफल रहा।
- रॉबर्ट क्लाइव की इस जीत से ब्रिटिश कंपनी राजनैतिक शक्ति बन कर उभरती है। रॉबर्ट क्लाइव को ब्रिटिश साम्राज्य का संस्थापक कहा जाता है।
- प्लासी के युद्ध के बाद मीर जाफ़र को अंग्रेज़ों द्वारा बंगाल का नवाब बनाया गया बदले में मीर जाफ़र ने अंग्रेज़ों को बंगाल, बिहार, उड़ीसा में कर मुक्त व्यापर करने की अनुमति दे दी और कलकत्ता के पास 24 परगना की जमींदारी भी अंग्रेज़ों को मिल गई।
- मीर जाफ़र को उसके अंग्रेज़ मित्रों द्वारा दिए गए समर्थन का भारी जुर्माना भुगतना पड़ा। मीर जाफ़र को अंग्रेज़ों को भारी रकम अदा करनी पड़ी।
- प्लासी के युद्ध ने अंग्रेज़ों की राजनैतिक शक्ति को मजबूत करने के साथ साथ बंगाल के संपन्न खजाने तक भी उनकी पहुंच बना दी। इसी खजाने की मदद से अंग्रेज़ भारत पर नियंत्रण करने में सफल रहे।
#9. 1759 में बेदरा का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
- नवंबर 1759 को चिनसुरा के निकट बेदरा का युद्ध डचों और अंग्रेज़ों के बिच लड़ा गया जिसमें डच बुरी तरह हार गए।
- मीर जाफ़र ने डचों के साथ सांठ गांठ कर डचों की मदद की थी। जिसके चलते अंग्रेज़ों ने मीर जाफ़र को हटाकर उसके दामाद मीर कासिम को बंगाल का नवाब बनाया।
- मीर कासिम ने बदले में अंग्रेज़ों के साथ समझौता किया जिसके तहत मिदनापुर ,बर्दवान एवं चटगांव की जमींदारी कंपनी को सौंपी जानी थी।
- मीर कासिम के बंगाल का नवाब बन ने की घटना को वेंसिटार्ट ने “बंगाल की क्रांति” कहा है।
#10. बक्सर का युद्ध किसके किसके बिच लड़ा गया ?
- मीर कासिम नवाब बनते ही सबसे पहले उसने अपने विश्वास के अधिकारिओं की नियुक्ति किया, नौकरशाही का पुनर्गठन किया, तथा सेना की कौशल क्षमता बढ़ाने के लिए उसमें सुधार किये।
- अंग्रेज़ों के हस्तक्षेप से बचने के लिए उसने राजधानी को मुर्शिदाबाद से मुंगेर स्थानांतरित किया। मीर कासिम ने अंग्रेज़ों द्वारा शाही फरमान का दुरूपयोग करने को लेकर कड़ा विरोध किया।
- मगर अंग्रेज़ों को इस से कोई फर्क नहीं पड़ा तो 1763 में मीर कासिम ने इसके जवाब में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए सभी भारतीय व्यापारिओं को कर मुक्त व्यापार करने की आज्ञा दे दी।
- इससे अंग्रेज़ों का अधिकार ख़त्म हो गया और इसे अंग्रेज़ों ने अपना अपमान समझा। 1763 में अंग्रेज़ों ने मीर कासिम के खिलाफ औपचारिक युद्ध की घोषणा कर दी।
- अंग्रेज़ और मीर कासिम के बिच कुछ छोटी छोटी लड़ाइयां हुई और मीर कासिम हार कर मुंगेर भाग गया वहां से फिर पटना चला गया। मीर जाफ़र को फिर से नवाब बना दिया गया।
- मीर कासिम अवध जाकर अवध के नवाब शुजाउद्दौला और मुग़ल शासक शाह आलम द्वितीय से संधि कर ली ताकि वह कलकत्ता को वापस से हासिल कर सके।
#11. बक्सर के युद्ध के समय मुग़ल शासक कौन था ?
#12. बक्सर का युद्ध कब लड़ा गया ?
- 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर का युद्ध होता है जिसमें अंग्रेज़ों की सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो कर रहा था।
- यह युद्ध प्लासी के युद्ध की तरह छल कपट के बजाय अपनी अपनी क्षमता पर लड़ा जाने वाला था।
- 1760 में अंग्रेज़ों ने वांडीवाश के युद्ध में फ्रंसिसिओं को करारी मात दी थी जिसका अनुभव अंग्रेज़ों को काम आया।
- मीर कासिम, शुजाउद्दौला और शाह आलम द्वितीय की सेना इसमें बुरी तरह पराजित होती है। पराजय के बाद शाह आलम द्वितीय और शुजाउद्दौला आत्मसमर्पण कर देते हैं और मीर कासिम भाग जाता है।
- बक्सर के युद्ध के बाद बंगाल पर अंग्रेज़ों ने पूरी तरह से राजनितिक नियंत्रण स्थापित कर लिया।
#13. बक्सर के युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व किसने किया था ?
#14. बक्सर का युद्ध किस संधि से समाप्त हुआ ?
- युद्ध के बाद 1765 में इलाहाबाद की संधि करने के लिए दूसरी बार रोबर्ट क्लाइव को बंगाल का गवर्नर बनाकर भेजा गया।
- बक्सर के युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफ़र था मगर युद्ध के कुछ महीनों बाद 7 january 1965 को मीर जाफ़र की मृत्यु हो जाती है और बंगाल का अगला नवाब नज़्मुद्दौला (5 February 1765 – 8 May 1766) बनता है।
- इलाहाबाद की संधि के समय बंगाल का नवाब नज़्मुद्दौला रहता है।
#15. इलाहाबाद की संधि के समय बंगाल का नवाब कौन रहता है?
#16. इलाहाबाद की प्रथम संधि किसके किसके बीच हुई थी ?
इलाहाबाद की प्रथम संधि ( 02 अगस्त 1765 ) –
- यह संधि मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय और रोबर्ट क्लाइव के बीच 02 अगस्त 1765 को हुई।
- शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कंपनी को “बंगाल, बिहार और ओडिशा” की दीवानी (भू-राजस्व वसूली) प्रदान की और बदले में बादशाह को 26 लाख रूपए का वार्षिक भुगतान तय किया गया।
- ब्रिटिश कंपनी ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला से इलाहाबाद और कड़ा जिला लेकर मुग़ल शासक शाह आलम द्वितीय को दे दिया।
- मुग़ल शासक, प्रांतो में निजामत कार्यों (पुलिस एवं न्यायिक कार्य) के लिए कंपनी को 53 लाख रूपये देने की लिए सहमत हुई।
- बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत हुई।
#17. किस मुग़ल शासक ने ईस्ट इंडिया कंपनी को "बंगाल, बिहार और ओडिशा" की दीवानी प्रदान की थी 1765 में ?
#18. इलाहाबाद की द्वितीय संधि किसके किसके बीच हुई थी ?
इलाहाबाद की द्वितीय संधि -(16 अगस्त 1765)
- यह संधि अवध के नवाब शुजाउद्दौला और रोबर्ट क्लाइव के बीच 16 अगस्त 1765 को हुई।
- युद्ध में हुई क्षतिपूर्ति के रूप में नवाब द्वारा 50 लाख रुपये कंपनी को देने की बात हुई तथा कड़ा और इलाहाबाद प्रान्त छोड़कर अवध का शेष क्षेत्र शुजाउद्दौला को वापस कर दिया।
- पुरे अवध में कर मुक्त व्यापर करने की छूट। अवध में नवाब के खर्च पर अंग्रेजी सेना रखने की बात हुई ताकि वो अवध को बाहरी आक्रमण से बचा सके।
- बनारस के जमींदार बलवंत सिंह को पहले की तरह लगन वसूलने का अधिकार दिया जाये क्योकि बलवंत सिंह से युद्ध में अंग्रेज़ों की सहायता की थी।
#19. बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत कब हुई ?
- मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय द्वारा ब्रिटिश को बंगाल की दीवानी प्रदान करने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था लागु हुई उसे द्वैध शासन (दोहरा शासन) कहा गया।
- इस व्यवस्था का अंग्रेज़ों को यह फायदा था की बंगाल व्यवस्था पर अंग्रेज़ों का उत्तरदायित्व रहित अधिकार था। इसमें बंगाल का नवाब अंग्रेज़ों के हाथ की कठपुतली मात्र बन कर रह गया था।
- इसमें प्रशासनिक दायित्व का कार्य बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली तथा कानून व्यवस्था ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथ में था।
- शीघ्र ही बंगाल में इस शासन व्यवस्था का दुष्परिणाम भी दिखने लगा। पुरे बंगाल में अराजकता और भ्रष्टाचार का माहौल बनने लगा। व्यापार और वाणिज्य का पतन होने लगा व्यापारिओं की हालत भीख मांगने जैसी हो गई।
- बंगाल सूती और रेशमी वस्त्र उद्योग के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध था समृद्ध और विकसित सारे उद्योग नष्ट हो गए। अत्यधिक राजस्व वसूली तथा शोषण के कारण किसानों ने खेती करना बंद कर दिया। किसान भयानक गरीबी के शिकार हो गए।
- 1772 में वारेन हेस्टिंग द्वारा इस शासन को समाप्त कर दिया गया। 1773 में रेगुलेटिंग एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर पद को गवर्नर जनरल का पद बना दिया गया। 1773 में वारेन हेस्टिंग को पहला गवर्नर जनरल बनाया गया।
#20. बंगाल में द्वैध शासन किसने लागु किया था ?
प्लासी और बक्सर का युद्ध GK Quiz
1. स्वतंत्र बंगाल की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर ➲ 1719 में फरुखसियर की मृत्यु के बाद मुर्शिद कुली खां ने अपने आप को मुग़ल साम्राज्य से स्वतंत्र कर लिया और स्वतंत्र बंगाल की स्थापना की थी।
2. बंगाल का पहला नवाब कौन था ?
उत्तर ➲ बंगाल का पहला नवाब मुर्शिदकुली खां बना इसने बंगाल की राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित किया।
3. बंगाल का नवाब बनने के लिए गिरिया का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
उत्तर ➲ 1740 में गिरिया के युद्ध में सरफ़राज़ खां को हराकर अलीवर्दी खां (1740 -1756) बंगाल का अगला नवाब बना।
4. बंगाल के किस नवाब को मराठों के लगातार आक्रमण का सामना करना पड़ा था ?
उत्तर ➲ अलीवर्दी खां का पूरा शासन काल मराठों से युद्ध में गुज़र गया। 1740 से 1751 तक इसके और मराठा के मध्य संघर्ष चलता रहा और अंत में 1751 में मराठा से शांति संधि कर ली जिसके बदले में इसे उड़ीसा प्रांत मराठों को सौंपना पड़ा तथा चौथ कर (12 लाख रु वार्षिक) देने को राज़ी होना पड़ा।
(Respiratory system) श्वसन तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
5. बंगाल के किस नवाब ने बंगाल में अंग्रेज़ों के गढ़ Fort William पर हमला कर दिया और अंग्रेज़ों को वहाँ से भागने पर मजबूर कर दिया ?
उत्तर ➲ सिराजुद्दौला ने अंग्रेज़ों की उद्दंडता को देखते हुए (20 जून 1756) को कोलकाता (फोर्ट विलियम) पर आक्रमण कर दिया और अंग्रेज़ों को वहाँ से भागने पर विवश कर दिया।
6. बंगाल के किस नवाब ने कलकत्ता का नाम बदलकर अलीनगर रखा था ?
उत्तर ➲ सिराजुद्दौला ने मानिक चंद को कलकत्ता का प्रभार सौंप दिया और कलकत्ता का नाम बदलकर अलीनगर रख दिया।
7. अलीनगर की संधि कब हुई थी ?
उत्तर ➲ सिराजुद्दौला इस परिस्थिति से अच्छी तरह निबट नहीं सका और बेबस होकर उसे अंग्रेज़ों के साथ 9 फरवरी 1757 को अपमानजनक “अलीनगर” की संधि करनी पड़ी।
8. प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?
उत्तर ➲ 23 जून 1757 को प्लासी का युद्ध नवाब सिराजुद्दौला की सेना (50,000 सैनिक) और रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में “ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी” की सेना (3,200 सैनिक) के बीच लड़ी गई।
(Digestive System) पाचन तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
9. 1759 में बेदरा का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
उत्तर ➲ नवंबर 1759 को चिनसुरा के निकट बेदरा का युद्ध डचों और अंग्रेज़ों के बिच लड़ा गया जिसमें डच बुरी तरह हार गए।
10. बक्सर का युद्ध किसके किसके बिच लड़ा गया ?
उत्तर ➲ अँग्रेज़ और मीर कासिम, शाह आलम द्वितीय, शुजाउद्दौला के बीच
11. बक्सर के युद्ध के समय मुग़ल शासक कौन था ?
उत्तर ➲ शाह आलम II
12. बक्सर का युद्ध कब लड़ा गया ?
उत्तर ➲ 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर का युद्ध होता है जिसमें अंग्रेज़ों की सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो कर रहा था।
(Endocrine gland) अंतः स्रावी ग्रंथि से सम्बंधित important MCQ – click here
13. बक्सर के युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व किसने किया था ?
उत्तर ➲ 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर का युद्ध होता है जिसमें अंग्रेज़ों की सेना का नेतृत्व हेक्टर मुनरो कर रहा था।
14. बक्सर का युद्ध किस संधि से समाप्त हुआ ?
उत्तर ➲ युद्ध के बाद 1765 में इलाहाबाद की संधि करने के लिए दूसरी बार रोबर्ट क्लाइव को बंगाल का गवर्नर बनाकर भेजा गया।
15. इलाहबाद की प्रथम संधि किसके किसके बिच हुई थी ?
उत्तर ➲ इलाहाबाद की प्रथम संधि 02 अगस्त 1765 को मुग़ल सम्राट शाह आलम द्वितीय और रोबर्ट क्लाइव के बीच हुई।
16. किस मुग़ल शासक ने ईस्ट इंडिया कंपनी को दीवानी प्रदान की थी 1765 में ?
उत्तर ➲ शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कंपनी को “बंगाल, बिहार और ओडिशा” की दीवानी (भू-राजस्व वसूली) प्रदान की और बदले में बादशाह को 26 लाख रूपए का वार्षिक भुगतान तय किया गया।
(Excretory System) उत्सर्जन तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
17. इलाहाबाद की द्वितीय संधि किसके किसके बिच हुई थी ?
उत्तर ➲ यह संधि अवध के नवाब शुजाउद्दौला और रोबर्ट क्लाइव के बिच हुई।
18. बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत कब हुई ?
उत्तर ➲ 1765 ई. में
19. बंगाल में द्वैध शासन किसने लागु किया था ?
उत्तर ➲ रोबर्ट क्लाइव
ये भी पढ़ें - प्लासी - बक्सर युद्ध GK Quiz in Hindi ये भी पढ़ें - आंग्ल मैसूर युद्ध GK Online Test in Hindi ये भी पढ़ें - यूरोपियन कंपनियों का आगमन GK online Test in Hindi
किसी भी एग्जाम को पास करने के लिए Free Mock Test देना बहुत महत्वपूर्ण होता है। प्लासी और बक्सर का युद्ध से सम्बंधित GK Quiz प्रायः Railways, SSC CGL, UPSC, SSC CHSL, NDA, Patwari, Police, IBPS PO, IBPS Clerk, RRB, State PSC exams में पूछे जाते हैं। इस Free Mock Test में प्लासी और बक्सर के युद्ध से सम्बंधित Objective Questions and Answers को मजबूत कर सकते हैं ताकि आप आने वाले सभी Competitive Exams में अच्छे आंक प्राप्त कर सकें।
अगर आपको इस Post “प्लासी और बक्सर का युद्ध MCQ” में कोई भी त्रुटि लगे तो जरूर सूचित करें।
धन्यवाद !