Pragaitihasik kal me jharkhand (प्रागैतिहासिक काल में झारखण्ड) का विषय, Jharkhand Quiz or MCQ की एक महत्वपूर्ण श्रृंखला है जो झारखण्ड के सभी प्रतियोगिता परीक्षार्थिओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
झारखण्ड में इस विषय से सम्बंधित 26 Most Important Question जो प्रतियोगिता परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं उसे Quiz या MCQ के रूप में आपके सामने प्रस्तुत किया है, ताकि आप अपनी तैयारी को और भी अच्छे से परख सकें।
आज हम महत्वपूर्ण प्रश्नों को हल करेंगे ताकि आप JSSC CGL, Excise Constable, Jharkhand Police, Clerk, Diploma, Forest Guard तथा अन्य प्रतियोगिताओं में अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
प्रागैतिहासिक काल में झारखण्ड –
झारखंड का इतिहास बहुत ही प्राचीन है, यहाँ के विभिन्न भागों में प्रागैतिहासिक काल जैसे पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल और नवपाषाण काल के विभिन्न प्रकार के औजार पाए गए हैं। इन्हीं तथ्यों पर आज का प्रागैतिहासिक काल में झारखण्ड क्विज होने वाला है।
TOP 26 Important Pragaitihasik kal me jharkhand Quiz –
1. पुरापाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
(a) 4,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
(b) 25 लाख ई.पू. से 10 हजार ई.पू.
(c) 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू.
(d) 10,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
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उत्तर ➲ (b) 25 लाख ई.पू. से 10 हजार ई.पू.
2. पुरापाषाण काल के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
(a) इस काल के लोग आग का उपयोग करना जानते थे।
(b) इस काल के लोग शिकारी तथा खाद्य संग्राहक थे।
(c) इस काल में लोगों को कृषि का ज्ञान नहीं था।
(d) इस काल में पशुपालन का प्रारम्भ नहीं हुआ था।
(e) इस काल में आग की जानकारी हो चुकी थी मगर उपयोग करना नहीं आता था।
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उत्तर ➲ (a) इस काल के लोग आग का उपयोग करना जानते थे।
महत्वपूर्ण तथ्य –
पुरापाषाण काल के लोग शिकारी तथा खाद्य संग्राहक थे, इन्हें कृषि का ज्ञान नहीं था, इन्होंने पशुओं को पालना शुरू नहीं किया था, इनको आग की जानकारी थी मगर इसका उपयोग कैसे करते हैं इसका ज्ञान नहीं था।
3. झारखण्ड के किस क्षेत्र से पुरापाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
(a) हजारीबाग
(b) बोकारो
(c) साहेबगंज
(d) देवघर
(e) पूर्वी सिंहभूम
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उत्तर ➲ (c) साहेबगंज
महत्वपूर्ण तथ्य –
झारखण्ड के बोकारो, राँची, देवघर, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम के क्षेत्र से पुरापाषाण काल के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
4. झारखण्ड के किस जिले से पाषाणकालीन मानव द्वारा निर्मित पत्थर के औजार मिले हैं ?
(a) हजारीबाग
(b) खूँटी
(c) गुमला
(d) राँची
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उत्तर ➲ (a) हजारीबाग
5. हजारीबाग जिले के किन पुरातात्विक स्थलों से 1991 ई. में कराये गए उत्खनन से पुरापाषाण कालीन चित्रकारी के प्रमाण प्राप्त नहीं हुए ?
(a) देहांगी
(b) सरैया
(c) बालूगारा
(d) इस्को
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उत्तर ➲ (c) बालूगारा
महत्वपूर्ण तथ्य –
हजारीबाग जिले के इस्को, सरैया, रहम, देहांगी से 1991 ई. में कराये गए उत्खनन से पुरापाषाण कालीन चित्रकारी के प्रमाण प्राप्त हुए हैं।
6. पुरापाषाण काल में भूलभुलैया की आकृति, नक्षत्र, गुफा, अंतरिक्ष जहाज आदि के चित्र किस स्थान से पाए गए ?
(a) रहम
(b) इस्को
(c) देहांगी
(d) बालूगारा
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उत्तर ➲ (b) इस्को
7. झारखण्ड के किस जिले में स्थित कर्णकोलाजार नदी से पुरापाषाण काल के औजार मिले हैं ?
(a) देवघर
(b) धनबाद
(c) दुमका
(d) गिरिडीह
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उत्तर ➲ (a) देवघर
8. झारखण्ड के किस जिले में स्थित गोबई नदी से पुरापाषाण काल में निर्मित स्फटिक (Crystal) के औजार प्राप्त हुए ?
(a) हजारीबाग
(b) पलामू
(c) राँची
(d) दुमका
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उत्तर ➲ (d) दुमका
9. मध्यपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
(a) 4,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
(b) 25 लाख ई.पू. से 10 हजार ई.पू.
(c) 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू.
(d) 10,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
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उत्तर ➲ (c) 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू.
10. मध्यपाषाण काल के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
(a) इस काल में आग की जानकारी हो चुकी थी।
(b) इस काल में पशुपालन की शुरुआत नहीं हुई थी।
(c) इस काल के लोग शिकारी तथा खाद्य संग्राहक थे।
(d) इस काल में पशुपालन की शुरुआत हो चुकी थी।
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उत्तर ➲ (b) इस काल में पशुपालन की शुरुआत नहीं हुई थी।
11. झारखण्ड के किस क्षेत्र से मध्यपाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
(a) साहेबगंज
(b) पलामू
(c) दुमका
(d) धनबाद
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उत्तर ➲ (a) साहेबगंज
महत्वपूर्ण तथ्य –
झारखण्ड में मध्यपाषाण काल के अवशेष दुमका, पलामू, धनबाद, राँची, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम क्षेत्रों से पाए गए हैं।
12. नवपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
(a) 25 लाख ई.पू. से 10 हजार ई.पू.
(b) 4,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
(c) 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू.
(d) 10,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
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उत्तर ➲ (d) 10,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
13. नवपाषाण काल के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
(a) इस काल में कुम्भकारी का भी प्रारम्भ हो गया था।
(b) इस काल में पशुपालन की शुरुआत हो चुकी थी।
(c) इस काल में कृषि की शुरुआत नहीं हुई थी।
(d) इस काल में आग का उपयोग शुरू हो चुका था।
(e) इस काल में कृषि की शुरुआत हो चुकी थी।
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उत्तर ➲ (c) इस काल में कृषि की शुरुआत नहीं हुई थी।
महत्वपूर्ण तथ्य –
नवपाषाण काल में आग का उपयोग, कृषि की शुरुआत, तथा कुम्भकारी का ज्ञान हो चुका था।
14. झारखण्ड के किस क्षेत्र से नवपाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
(a) राँची
(b) पलामू
(c) लोहरदगा
(d) पूर्वी सिंहभूम
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उत्तर ➲ (b) पलामू
महत्वपूर्ण तथ्य –
झारखण्ड के राँची, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम क्षेत्र से नवपाषाण काल के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
15. नवपाषाण काल के 12 हस्त कुठार झारखण्ड में कहाँ पाए गए ?
(a) सिंहभूम प्रदेश
(b) पलामू प्रदेश
(c) संथाल परगना प्रदेश
(d) छोटानागपुर प्रदेश
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उत्तर ➲ (d) छोटानागपुर प्रदेश
16. ताम्रपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
(a) 4,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
(b) 10,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
(c) 25 लाख ई.पू. से 10 हजार ई.पू.
(d) 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू.
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उत्तर ➲ तांबा मानव द्वारा प्रयोग की गई प्रथम धातु है।
17. झारखण्ड का कौन सा क्षेत्र ताम्रपाषाण काल का केंद्रबिंदु था ?
(a) साहेबगंज
(b) हजारीबाग
(c) सिंहभूम
(d) पलामू
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उत्तर ➲ (c) सिंहभूम
18. ताम्रपाषाण काल में किस जनजाति के लोग तांबा गलाने तथा उससे संबंधित उपकरण बनाने की कला से परिचित नहीं थे ?
(a) बिरहोर
(b) असुर
(c) बिरजिया
(d) खड़िया
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उत्तर ➲ (d) खड़िया
ताम्रपाषाण काल में असुर, बिरजिया तथा बिरहोर जनजाति के लोग तांबा गलाने तथा उससे संबंधित उपकरण बनाने की कला से परिचित थे।
19. झारखण्ड की प्राचीनतम जनजाति कौन सी है ?
(a) खड़िया जनजाति
(b) असुर जनजाति
(c) बिरहोर जनजाति
(d) बिरजिया जनजाति
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उत्तर ➲ (b) असुर जनजाति
20. ताम्रपाषाण काल में झारखण्ड के किस स्थान से तांबे की 49 खानों के अवशेष प्राप्त हुए ?
(a) लातेहार के चंदवा से
(b) कोडरमा के सतगावां से
(c) देवघर के सारठ से
(d) हजारीबाग के बाहरगंडा से
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उत्तर ➲ (d) हजारीबाग के बाहरगंडा से
21. कांस्य युग में छोटानागपुर क्षेत्र के किस जनजाति को कांस्ययुगीन औजारों का प्रारम्भकर्ता माना जाता है ?
(a) असुर, बिरजिया
(b) असुर, खड़िया
(c) बिरहोर, बिरजिया
(d) असुर, बिरहोर
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उत्तर ➲ (a) असुर, बिरजिया
कांस्य युग में तांबा तथा टिन को मिलाकर कांसा का निर्माण कर इससे उपकरण बनाया जाता था।
22. लौह युग में लोहे से औजार बनाने की कला के प्रारम्भकर्ता किस जनजाति को कहा जाता है ?
(a) असुर, खड़िया
(b) असुर, बिरहोर
(c) असुर, बिरजिया
(d) बिरहोर, बिरजिया
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उत्तर ➲ (c) असुर, बिरजिया
- मौर्य काल में लोहे की प्राप्ति झारखण्ड से ही होती थी।
- लौह युग में झारखण्ड में निर्मित लोहे को मेसोपोटामिया (आधुनिक इराक) भेजा जाता था तथा इस लोहे से दमिश्क (सीरिया की राजधानी) में बहुत मजबूत तलवार बनाया जाता था।
23. इनमें से कौन सा काल ‘हड़प्पा पूर्व काल, हड़प्पा काल, हड़प्पा पश्चात् काल’ तीनों से सम्बंधित है ?
(a) नवपाषाण काल
(b) ताम्रपाषाण काल
(c) लौह युग
(d) कांस्य युग
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उत्तर ➲ (b) ताम्रपाषाण काल
24. किस जनजाति के लिए ऐसा माना जाता है की इस जनजाति ने कैमूर की पहाड़ियों से होकर छोटानागपुर में प्रवेश किया था ?
(a) बिरजिया, बिरहोर, असुर
(b) बिरजिया, खड़िया, असुर
(c) बिरजिया, बिरहोर, खड़िया
(d) बिरहोर, खड़िया, असुर
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उत्तर ➲ (c) बिरजिया, बिरहोर, खड़िया
25. झारखण्ड में कौन सी जनजाति राजमहल तथा पलामू नामक दो शाखाओं में बसे थे ?
(a) उराँव
(b) खड़िया
(c) चेरो
(d) खरवार
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उत्तर ➲ (a) उराँव
26. 1000 ई.पू. तक इनमें से किस जनजाति को छोड़कर झारखण्ड की सभी जनजाति छोटानागपुर क्षेत्र में बस चुकी थी ?
(a) चेरो, खरवार, उराँव
(b) चेरो, खरवार, संथाल
(c) खरवार, संथाल, उराँव
(d) उराँव, संथाल, चेरो
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उत्तर ➲ (b) चेरो, खरवार, संथाल
Pragaitihasik kal me jharkhand Mock Test –
Results
Try again.
#1. पुरापाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
#2. पुरापाषाण काल के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
- पुरापाषाण काल के लोग शिकारी तथा खाद्य संग्राहक थे, इन्हें कृषि का ज्ञान नहीं था, इन्होंने पशुओं को पालना शुरू नहीं किया था, इनको आग की जानकारी थी मगर इसका उपयोग कैसे करते हैं इसका ज्ञान नहीं था।
#3. झारखण्ड के किस क्षेत्र से पुरापाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
- झारखण्ड के बोकारो, राँची, देवघर, हजारीबाग, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम के क्षेत्र से पुरापाषाण काल के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
#4. झारखण्ड के किस जिले से पाषाणकालीन मानव द्वारा निर्मित पत्थर के औजार मिले हैं ?
#5. हजारीबाग जिले के किन पुरातात्विक स्थलों से 1991 ई. में कराये गए उत्खनन से पुरापाषाण कालीन चित्रकारी के प्रमाण प्राप्त नहीं हुए ?
- हजारीबाग जिले के इस्को, सरैया, रहम, देहांगी से 1991 ई. में कराये गए उत्खनन से पुरापाषाण कालीन चित्रकारी के प्रमाण प्राप्त हुए हैं।
#6. पुरापाषाण काल में भूलभुलैया की आकृति, नक्षत्र, गुफा, अंतरिक्ष जहाज आदि के चित्र किस स्थान से पाए गए ?
#7. झारखण्ड के किस जिले में स्थित कर्णकोलाजार नदी से पुरापाषाण काल के औजार मिले हैं ?
#8. झारखण्ड के किस जिले में स्थित गोबई नदी से पुरापाषाण काल में निर्मित स्फटिक (Crystal) के औजार प्राप्त हुए ?
#9. मध्यपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
#10. मध्यपाषाण काल के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
#11. झारखण्ड के किस क्षेत्र से मध्यपाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
- झारखण्ड में मध्यपाषाण काल के अवशेष दुमका, पलामू, धनबाद, राँची, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम क्षेत्रों से पाए गए हैं।
#12. नवपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
#13. नवपाषाण काल के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
- नवपाषाण काल में आग का उपयोग, कृषि की शुरुआत, तथा कुम्भकारी का ज्ञान हो चुका था।
#14. झारखण्ड के किस क्षेत्र से नवपाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
- झारखण्ड के राँची, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम क्षेत्र से नवपाषाण काल के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
#15. नवपाषाण काल के 12 हस्त कुठार झारखण्ड में कहाँ पाए गए ?
#16. ताम्रपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
- तांबा मानव द्वारा प्रयोग की गई प्रथम धातु है।
#17. झारखण्ड का कौन सा क्षेत्र ताम्रपाषाण काल का केंद्रबिंदु था ?
#18. ताम्रपाषाण काल में किस जनजाति के लोग तांबा गलाने तथा उससे संबंधित उपकरण बनाने की कला से परिचित नहीं थे ?
- ताम्रपाषाण काल में असुर, बिरजिया तथा बिरहोर जनजाति के लोग तांबा गलाने तथा उससे संबंधित उपकरण बनाने की कला से परिचित थे।
#19. झारखण्ड की प्राचीनतम जनजाति कौन सी है ?
#20. ताम्रपाषाण काल में झारखण्ड के किस स्थान से तांबे की 49 खानों के अवशेष प्राप्त हुए ?
#21. कांस्य युग में छोटानागपुर क्षेत्र के किस जनजाति को कांस्ययुगीन औजारों का प्रारम्भकर्ता माना जाता है ?
- कांस्य युग में तांबा तथा टिन को मिलाकर कांसा का निर्माण कर इससे उपकरण बनाया जाता था।
#22. लौह युग में लोहे से औजार बनाने की कला के प्रारम्भकर्ता किस जनजाति को कहा जाता है ?
- मौर्य काल में लोहे की प्राप्ति झारखण्ड से ही होती थी।
- लौह युग में झारखण्ड में निर्मित लोहे को मेसोपोटामिया (आधुनिक इराक) भेजा जाता था तथा इस लोहे से दमिश्क (सीरिया की राजधानी) में बहुत मजबूत तलवार बनाया जाता था।
#23. इनमें से कौन सा काल 'हड़प्पा पूर्व काल, हड़प्पा काल, हड़प्पा पश्चात् काल' तीनों से सम्बंधित है ?
#24. किस जनजाति के लिए ऐसा माना जाता है की इस जनजाति ने कैमूर की पहाड़ियों से होकर छोटानागपुर में प्रवेश किया था ?
#25. झारखण्ड में कौन सी जनजाति राजमहल तथा पलामू नामक दो शाखाओं में बसे थे ?
#26. 1000 ई.पू. तक इनमें से किस जनजाति को छोड़कर झारखण्ड की सभी जनजाति छोटानागपुर क्षेत्र में बस चुकी थी ?
प्रागैतिहासिक काल किसे कहते हैं?
वह काल जिसमें पूर्णतः पुरातात्विक साक्ष्यों पर निर्भर रहना पड़ता है जिसका कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं होता उसे प्रागैतिहासिक काल कहते हैं। प्रागैतिहासिक काल विभिन्न कालों के भाग में बंटा हुआ है।
प्रागैतिहासिक काल के भाग –
- पुरापाषाण काल
- मध्यपाषाण काल
- नवपाषाण काल
- ताम्रपाषाण काल
- कांस्य युग
- लौह युग
पुरापाषाण काल –
- इसका कालखंड – 25 लाख ई.पू. से 10 हजार ई.पू.
- इस कालखंड के अवशेष बोकारो, पश्चिमी सिंहभूम, हजारीबाग, देवघर, राँची, पूर्वी सिंहभूम से प्राप्त हुए हैं।
- इस काल में लोग शिकारी थे, उन्हें आग के उपयोग, कृषि, तथा पशुपालन का ज्ञान नहीं था।
मध्यपाषाण काल –
- इसका कालखंड – 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू.
- इस कालखंड के अवशेष धनबाद, दुमका, पश्चिमी सिंहभूम, पलामू, राँची, पूर्वी सिंहभूम से प्राप्त हुए हैं।
नवपाषाण काल –
- इसका कालखंड – 10,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
- इस कालखंड के अवशेष लोहरदगा, पश्चिमी सिंहभूम, राँची, पूर्वी सिंहभूम से प्राप्त हुए हैं।
- इस काल में लोगों को आग के उपयोग, कृषि, तथा पशुपालन का ज्ञान हो गया था।
ताम्रपाषाण काल –
- इस काल को ताम्रकाल कहे जाने का कारण पत्थर के साथ तांबे के प्रयोग था।
- इसका कालखंड – 4,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
- यह काल हड़प्पा के तीनों काल हड़प्पा पूर्व काल, हड़प्पा काल, तथा हड़प्पा पश्चात् काल से सम्बंधित था।
- सिंहभूम झारखण्ड में इस काल का केंद्र बिंदु था।
- झारखण्ड में इस काल में तांबे से उपकरण बनाने वाली जनजाति – बिरहोर, बिरजिया तथा असुर
कांस्य युग –
- इस युग में कांसे का निर्माण कर उपकरण बनाया जाता था।
- झारखण्ड में कांस्य युगीन औजारों के प्रारम्भकर्ता बिरजिया तथा असुर जनजाति को माना जाता है।
लौह युग –
- इस युग के नाम से ही पता चलता है की इस युग में लोहे से बने उपकरणों का प्रयोग किया जाने लगा था।
- झारखण्ड में असुर तथा बिरजिया जनजाति को इस युग में लोहे के उपकरणों के निर्माण तथा तकनीक के विकास का प्रारम्भकर्ता माना जाता है।
- इस युग में झारखण्ड का संपर्क विदेशी राज्यों से था। मेसोपोटामिया (आधुनिक इराक) के लोग झारखण्ड के लोहे को आयात करते थे तथा झारखण्ड के लोहे का ही उपयोग कर दमिश्क (सीरिया की राजधानी) में बेहतरीन तलवारें तथा अन्य औजार बनाये जाते थे।
Pragaitihasik kal me Jharkhand Quiz –
1. पुरापाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
उत्तर ➲ 25 लाख ई.पू. से 10 हजार ई.पू.
2. झारखण्ड के किस क्षेत्र से पुरापाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
उत्तर ➲ साहेबगंज
3. झारखण्ड के किस जिले से पाषाणकालीन मानव द्वारा निर्मित पत्थर के औजार मिले हैं ?
उत्तर ➲ हजारीबाग
4. हजारीबाग जिले के किन पुरातात्विक स्थलों से 1991 ई. में कराये गए उत्खनन से पुरापाषाण कालीन चित्रकारी के प्रमाण प्राप्त नहीं हुए ?
उत्तर ➲ बालूगारा
5. पुरापाषाण काल में भूलभुलैया की आकृति, नक्षत्र, गुफा, अंतरिक्ष जहाज आदि के चित्र किस स्थान से पाए गए ?
उत्तर ➲ इस्को
6. झारखण्ड के किस जिले में स्थित कर्णकोलाजार नदी से पुरापाषाण काल के औजार मिले हैं ?
उत्तर ➲ देवघर
(Respiratory system) श्वसन तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
7. झारखण्ड के किस जिले में स्थित गोबई नदी से पुरापाषाण काल में निर्मित स्फटिक (Crystal) के औजार प्राप्त हुए ?
उत्तर ➲ दुमका
8. मध्यपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
उत्तर ➲ 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू.
9. मध्यपाषाण काल के संदर्भ में इनमें से कौन सा कथन सत्य नहीं है ?
उत्तर ➲ इस काल में पशुपालन की शुरुआत नहीं हुई थी।
10. झारखण्ड के किस क्षेत्र से मध्यपाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
उत्तर ➲ साहेबगंज
11. नवपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
उत्तर ➲ 10,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
12. झारखण्ड के किस क्षेत्र से नवपाषाण काल के अवशेष प्राप्त नहीं हुए हैं ?
उत्तर ➲ पलामू
(Digestive System) पाचन तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
13. नवपाषाण काल के 12 हस्त कुठार झारखण्ड में कहाँ पाए गए ?
उत्तर ➲ छोटानागपुर प्रदेश
14. ताम्रपाषाण काल का कालखण्ड कब से कब माना जाता है ?
उत्तर ➲ 4,000 ई.पू. से 1,000 ई.पू.
15. झारखण्ड का कौन सा क्षेत्र ताम्रपाषाण काल का केंद्रबिंदु था ?
उत्तर ➲ सिंहभूम
16. ताम्रपाषाण काल में किस जनजाति के लोग तांबा गलाने तथा उससे संबंधित उपकरण बनाने की कला से परिचित नहीं थे ?
उत्तर ➲ खड़िया
17. झारखण्ड की प्राचीनतम जनजाति कौन सी है ?
उत्तर ➲ असुर जनजाति
18. ताम्रपाषाण काल में झारखण्ड के किस स्थान से तांबे की 49 खानों के अवशेष प्राप्त हुए ?
उत्तर ➲ हजारीबाग के बाहरगंडा से
(Endocrine gland) अंतः स्रावी ग्रंथि से सम्बंधित important MCQ – click here
19. कांस्य युग में छोटानागपुर क्षेत्र के किस जनजाति को कांस्ययुगीन औजारों का प्रारम्भकर्ता माना जाता है ?
उत्तर ➲ असुर, बिरजिया
20. लौह युग में लोहे से औजार बनाने की कला के प्रारम्भकर्ता किस जनजाति को कहा जाता है ?
उत्तर ➲ असुर, बिरजिया
21. इनमें से कौन सा काल ‘हड़प्पा पूर्व काल, हड़प्पा काल, हड़प्पा पश्चात् काल’ तीनों से सम्बंधित है ?
उत्तर ➲ ताम्रपाषाण काल
22. किस जनजाति के लिए ऐसा माना जाता है की इस जनजाति ने कैमूर की पहाड़ियों से होकर छोटानागपुर में प्रवेश किया था ?
उत्तर ➲ बिरजिया, बिरहोर, खड़िया
23. झारखण्ड में कौन सी जनजाति राजमहल तथा पलामू नामक दो शाखाओं में बसे थे ?
उत्तर ➲ उराँव
24. 1000 ई.पू. तक इनमें से किस जनजाति को छोड़कर झारखण्ड की सभी जनजाति छोटानागपुर क्षेत्र में बस चुकी थी ?
उत्तर ➲ चेरो, खरवार, संथाल
झारखण्ड भूगोल के महत्वपूर्ण MCQ –
- झारखण्ड की भूगर्भिक संरचना के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड के धरातलीय स्वरुप के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड की प्रमुख नदियों के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड की मिट्टियों के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड की कृषि के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड के जलप्रपात के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड की जलवायु के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड की सिंचाई प्रणाली के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड में गर्म जलकुंड के महत्वपूर्ण MCQ
- झारखण्ड सिंचाई परियोजना के महत्वपूर्ण MCQ
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प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध