बौद्ध धर्म से सम्बंधित बहुवैकल्पिक प्रश्न उत्तर – baudh dharm quiz gk mcq question in hindi के Mock Test सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
Baudh dharm quiz gk mcq question in hindi –
Results
#1. नालंदा विश्वविद्यालय इनमें से किसके लिए विश्वप्रसिद्ध था? (RRB 2008)
- नालंदा विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म दर्शन के लिए विश्वप्रसिद्ध था।
#2. बौद्धों की प्रसिद्ध पुस्तक 'धम्मपद' जो गीता के नाम से प्रसिद्ध है इसका संबंध इनमें से किससे है?
- बौद्धों की प्रसिद्ध पुस्तक ‘धम्मपद’ जो गीता के नाम से प्रसिद्ध है इसका संबंध सुत्तपिटक से है, जिसमें धर्म एवं नैतिकता से जुड़े प्रश्न एवं बुद्ध के प्रवचन हैं।
#3. इनमें से कौन सा स्थल गौतम बुद्ध से सम्बंधित नहीं है ? [SSC 2018]
- महात्मा बुद्ध का जन्म ⇒ कपिलवस्तु के समीप लुम्बिनी
- महात्मा बुद्ध की ज्ञान प्राप्ती ⇒ बोधगया
- महात्मा बुद्ध का प्रथम उपदेश (धर्मचक्रप्रवर्तन) ⇒ सारनाथ
- महात्मा बुद्ध का निधन ⇒ कुशीनारा
- महावीर स्वामी का निधन ⇒ पावापुरी
#4. सबसे पहले 'स्तूप' शब्द का वर्णन इनमें से कहाँ मिलता है ?
- सबसे पहले ‘स्तूप‘ शब्द का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है जिसका अर्थ है ‘टीला‘।
#5. मौर्य सम्राट् अशोक का विवरण किस बौद्ध ग्रंथ में मिलता है ? [CDS 2018]
- महावंश एक बौद्ध ग्रन्थ है जिसमें गौतम बुद्ध के प्रारंभिक जीवन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार का वर्णन है। मौर्य सम्राट अशोक का वर्णन भी इस ग्रंथ में मिलता है।
#6. इनमें से कौन सा चिन्ह सुमेलित नहीं है ? [UPPSC (Mains) 2005]
बौद्ध धर्म के प्रतीक निम्नलिखित हैं –
- घटना : चिह्न / प्रतीक
- जन्म : कमल व साँड
- गृहत्याग : घोड़ा
- ज्ञान : पीपल (बोधि) वृक्ष
- निर्वाण : पद चिह्न
- मृत्यु (महापरिनिर्वाण) : स्तूप
#7. हीनयान अवस्था का विशालतम शैलकृत चैत्यगृह इनमें से कहाँ स्थित है ? [UPRO/ARO (Pre) 2014]
#8. गौतम बुद्ध इनमें से किस वंश से संबंधित थीं? [SSC 2008]
- महात्मा बुद्ध शाक्य वंश से संबंधित थे। इनका जन्म कपिलवस्तु के लुम्बिनी में शाक्य मुखिया शुद्धोधन के यहां हुआ था।
#9. इनमें से किस स्थान पर गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था ? [Chhattisgarh PCS Pre. 2011, MPPCS Pre.1997]
- 80 वर्ष की अवस्था में 483 ई. पूर्व कुशीनगर में बुद्ध का निधन हुआ जिसे बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा गया है।
- निधन के पश्चात बुद्ध के अस्थि अवशेषों को भारत के 8 जगहों पर स्थापित कर स्तूपों का निर्माण करवाया गया जिसमें से सबसे बड़ा स्तूप सांची का स्तूप है।
#10. बौद्ध गुफाओं के सन्दर्भ में 'चैत्य' तथा 'विहार' में क्या अंतर होता है ? [IAS (Pre) 2013]
- चैत्यः बौद्ध मंदिर के अंदर एक स्तूप होता है जिसकी पूजा की जाती है उसे चैत्य कहा जाता है।
- विहार: बौद्ध चैत्यों के पास भिक्षुओं के रहने के प्रबंध को ‘विहार’ कहा जाता था।
#11. इनमें से क्या बुद्ध के जन्म का प्रतिक है ?
बौद्ध धर्म के प्रतीक निम्नलिखित हैं –
- घटना : चिह्न / प्रतीक
- जन्म : कमल व साँड
- गृहत्याग : घोड़ा
- ज्ञान : पीपल (बोधि) वृक्ष
- निर्वाण : पद चिह्न
- मृत्यु (महापरिनिर्वाण) : स्तूप
#12. इनमें से किस स्थान पर महात्मा बुद्ध ने अपना पहला 'धर्मचक्रप्रवर्तन' दिया था ? [UPPSC (Mains) 2004 53th to 55th BPSC (Pre) 2011]
- महात्मा बुद्ध ने अपना पहला ‘धर्मचक्रप्रवर्तन‘ ऋषिपत्तन (वर्तमान सारनाथ, वाराणसी) नामक स्थान पर दिया था।
- महात्मा बुद्ध ने सबसे पहले पांच ब्राह्मण संन्यासियों को इसी स्थान पर उपदेश दिया था।
- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है और उन्होंने यह उपदेश पालि भाषा में दिया।
- बुद्ध ने अपने जीवन के सर्वाधिक उपदेश कोशल राज्य की राजधानी श्रावस्ती में दिये थे तथा उन्होंने अंतिम उपदेश कुशीनगर में शुभद्र को दिया था। मगध को उन्होंने अपना प्रचार केंद्र बनाया था।
#13. अशोक के किस अभिलेख से यह पुष्टि होती है कि गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था ? [UPUDA/LDA (Mains) 2010]
#14. किस भारतीय बौद्ध भिक्षुक को प्रथम शताब्दी ईस्वी में चीन भेजा गया था? [RRB Trivandrum Tech 2003]
#15. बुद्ध की 80 फुट बड़ी प्रतिमा जो बोधगया में स्थित है, इनमें से किसके द्वारा निर्मित की गई थी ? [SSC Grad. 2004]
#16. बुद्ध का जन्म इनमें से किस स्थान पर हुआ था ?
- गौतम बुध का जन्म 563 ईसा पूर्व में कपिलवस्तु के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था।
- कपिलवस्तु शाक्यों की राजधानी थी। उनकी माता का नाम महामाया देवी था वह कोलिय गणराज्य की राजकुमारी थीं।
- महात्मा बुद्ध के जन्म के सातवें दिन ही इनकी माता की मृत्यु हो गई थी।
- महात्मा बुद्ध का पालन पोषण उनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया था। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था।
- बचपन से ही गौतम बुद्ध का मन आध्यात्मिकता की ओर था इसीलिए इनके पिता ने इनका विवाह 16 वर्ष की अवस्था में शाक्य कुल की कन्या यशोधरा के साथ कर दिया।
- सिद्धार्थ से यशोधरा को एक पुत्र हुआ, जिसका नाम राहुल था।
#17. बौद्ध मठों में 'पवरन' नामक समारोह इनमें से किसके लिए आयोजित किया जाता था ?
#18. बुद्ध ने अपना सबसे पहला उपदेश इनमें से किस स्थान पर दिया था ? [SSC 2008]
- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया, जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है। बुद्ध ने अपने उपदेश पाली भाषा में दिए थे।
#19. बुद्ध, धम्म और संघ मिलकर इनमें से क्या कहलाते हैं ? SSC 2013
- बुद्ध, धम्म तथा संघ बौद्ध धर्म के त्रिरत्न हैं।
#20. द्वितीय बौद्ध सभा का आयोजन इनमें से किस शासक ने किया था? [RAS/RIS Pre. 1994]
- कालाशोक के द्वारा द्वितीय बौद्ध सभा का आयोजन किया गया था।
#21. इनमें से बुद्ध के जीवन की किस घटना का चित्रण 'मृग सहित चक्र' द्वारा हुआ है? [UPPSC (Mains) 2002]
#22. 'संसार अस्थिर और क्षणिक है' यह कथन इनमें से किससे सम्बंधित है ? [RRB Kolkata ASM 2005]
#23. इनमें से किस बौद्ध साहित्य में महात्मा बुद्ध के 'नैतिक एवं सिद्धांत' संबंधित प्रवचन संकलित हैं? [MPPCS Pre. 2014]
‘सुत्त’ का शाब्दिक अर्थ है – धर्मोपदेश।
बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का उल्लेख सुत्तपिटक में मिलता हैं।
सुत्तपिटक की रचना आनंद के द्वारा की गयी थी।
सुत्तपिटक को पाँच भागों में बाँटा गया है –
- दीर्घ निकाय: इस निकाय में महात्मा बुद्ध के आखिरी समय, अंतिम उपदेशों, मृत्यु तथा अंत्येष्टि का वर्णन मिलता है।
- संयुक्त निकायः इस निकाय में गद्य एवं पद्य दोनों शैलियों के प्रयोग हुआ है तथा इसमें मज्झिम प्रतिपदा एवं आष्टांगिक मार्ग का उल्लेख मिलता है।
- खुद्दक निकायः इस निकाय में लघु ग्रंथों का संकलन है तथा यह निकाय अपने आप में स्वतंत्र एवं पूर्ण है।
- मज्झिम निकाय: इस निकाय में महात्मा बुद्ध का वर्णन कहीं साधारण मनुष्य तथा कहीं अलौकिक शक्ति वाले देव के रूप में किया गया है।
- अंगुत्तर निकाय: इस निकाय में महात्मा बुद्ध के उपदेशों का वर्णन है तथा इस निकाय में के सोलह महाजनपदों का उल्लेख मिलता है।
#24. अष्टांग मार्ग की संकल्पना इनमें से किससे सम्बंधित है ? [IAS (Pre) 1998]
बुद्ध के अनुसार आष्टांगिक मार्गों का पालन करने से मनुष्य की भवतृष्णा नष्ट हो जाती है और उसे निर्वाण प्राप्त हो जाता है।
आष्टांगिक मार्ग –
- सम्यक् दृष्टि – वास्तविक स्वरूप की समझ
- सम्यक् संकल्प – विचार का लोभ, द्वेष तथा हिंसा से मुक्त होना।
- सम्यक् वाक् – बुरे वचनों को न बोलना
- सम्यक् कर्मात – सत्कर्मों का अनुसरण
- सम्यक् आजीव – सदाचार युक्त आजीविका
- सम्यक् व्यायाम – मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना
- सम्यक् स्मृति – सात्विक भाव
- सम्यक् समाधि – एकाग्रता
#25. भारत के बौद्ध स्तूपों के बारे में इनमें से कौन-सा गलत है ? [CDS 2018]
- भारत के बौद्ध स्तूप ग्रामीण इलाकों में स्थित न होकर शहरों के आस-पास स्थित थे।
#26. बौद्ध धर्म इनमें से किस मत पर विश्वास नहीं करता है? [SSC 2011]
- बौद्ध धर्म ईश्वर और आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता है।
- बौद्ध धर्म अनीश्वरवादी और अनात्मवादी है।
- इसके अनुसार, दुनिया दुःखों से भरी है, लोगों को दुःख उनकी इच्छाओं के कारण होते हैं, यदि इच्छाओं पर काबू कर लिया जाए, तो निर्वाण प्राप्त हो जाएगा।
#27. बुद्ध ने इनमें से किस स्थान पर सर्वाधिक उपदेश दिए थे ? [SSC Mat. 2001, SSC Mat. 2002]
- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है और उन्होंने यह उपदेश पालि भाषा में दिया।
- बुद्ध ने अपने जीवन के सर्वाधिक उपदेश कोशल राज्य की राजधानी श्रावस्ती में दिये थे तथा उन्होंने अंतिम उपदेश कुशीनगर में शुभद्र को दिया था।
- मगध को उन्होंने अपना प्रचार केंद्र बनाया था।
#28. इनमें से किसके शासनकाल में पांचवीं बौद्ध परिषद् का आयोजन किया गया था ? [SSC 2004]
पांचवीं बौद्ध परिषद् का आयोजन राजा मिंडन के द्वारा 1871 में बर्मा में किया गया था।
प्रथम बौद्ध संगीति –
- स्थान – राजगीर (सप्तपर्णिगुफा में)
- अवधि – 483 ई.पू.
- शासनकाल – अजातशत्रु
- अध्यक्ष – महाकश्यप
- कार्य – बुद्ध के उपदेशों को सुत्तपिटक तथा विनयपिटक में अलग- अलग संकलित किया गया।
द्वितीय बौद्ध संगीति –
- स्थान – वैशाली
- अवधि – 383 ई.पू.
- शासनकाल – कालाशोक
- अध्यक्ष – साबकमीर (सुबुकामी)
- कार्य – भिक्षुओं में मतभेद के कारण बौद्ध संघ स्थविर एवं महासंघिक में विभाजित।
तृतीय बौद्ध संगीति –
- स्थान – पाटलिपुत्र
- अवधि – 250 ई.पू.
- शासनकाल – अशोक
- अध्यक्ष – मोगलिपुत्त तिस्स
- कार्य – अभिधम्मपिटक (तीसरा पिटक) का संकलन
चतुर्थ बौद्ध संगीति –
- स्थान – कुंडलवन (कश्मीर)
- अवधि – लगभग ईसा की प्रथम शताब्दी
- शासनकाल – कनिष्क
- अध्यक्ष – वसुमित्र [अश्वघोष (उपाध्यक्ष)]
- कार्य – बौद्ध धर्म का हीनयान एवं महायान संप्रदायों में विभाजन। हीनयान स्थविरवादी तथा महायान महासंधिक थे।
#29. 'सांड़' का संबंध बौद्ध धर्म में बुद्ध के जीवन की किस घटना के साथ है ? [SSC Tax Asst. 2006]
बौद्ध धर्म के प्रतीक निम्नलिखित हैं –
- घटना : चिह्न / प्रतीक
- जन्म : कमल व साँड
- गृहत्याग : घोड़ा
- ज्ञान : पीपल (बोधि) वृक्ष
- निर्वाण : पद चिह्न
- मृत्यु (महापरिनिर्वाण) : स्तूप
#30. इनमें से "धर्मचक्रप्रवर्तन" क्या है ?
- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है और उन्होंने यह उपदेश पालि भाषा में दिया।
- बुद्ध ने अपने जीवन के सर्वाधिक उपदेश कोशल राज्य की राजधानी श्रावस्ती में दिये थे तथा उन्होंने अंतिम उपदेश कुशीनगर में शुभद्र को दिया था। मगध को उन्होंने अपना प्रचार केंद्र बनाया था।
#31. इनमें से 'त्रिपिटक' क्या है?
त्रिेपिटक मूल रूप में पाली भाषा में रचे गये हैं। इनकी संख्या तीन है।
- विनय पिटक:- इसमें भिक्षु एवं भिक्षुणियों के आचरण सम्बन्धी नियम हैं।
- सुत्त पिटक:- इसमें बौद्ध धर्म के उपदेश संकलित हैं।
- अभिधम्म पिटक:- इसमें बौद्ध धर्म की दार्शनिक व्याख्यायें दी गई हैं। इसका सबसे महत्वपूर्ण भाग कथावस्तु है।
#32. गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था?
#33. नेपाल में बौद्ध धर्म किसके शासनकाल में फैला था ? [CAPF 2015]
#34. बोधिसत्व अवलोकितेश्वर को महायान बौद्ध धर्म में और किस अन्य नाम से जानते हैं? [SSC Mat. 1999]
- अवलोकितेश्वर बोधिसत्व है जो महायान शाखा के अत्यन्त पूज्यनीय बोधिसत्वों में से एक थे।
- संस्कृत में अवलोकितेश्वर को पद्मपाणि (कमल को धारण किये हुए) अथवा लोकेश्वर (विश्व का स्वामी) कहा जाता है।
#35. इनमें से किस स्थान पर द्वितीय बौद्ध समिति का आयोजन हुआ था ? [RRB Mumbai TC 2005]
प्रथम बौद्ध संगीति –
- स्थान – राजगीर (सप्तपर्णिगुफा में)
- अवधि – 483 ई.पू.
- शासनकाल – अजातशत्रु
- अध्यक्ष – महाकश्यप
- कार्य – बुद्ध के उपदेशों को सुत्तपिटक तथा विनयपिटक में अलग- अलग संकलित किया गया।
द्वितीय बौद्ध संगीति –
- स्थान – वैशाली
- अवधि – 383 ई.पू.
- शासनकाल – कालाशोक
- अध्यक्ष – साबकमीर (सुबुकामी)
- कार्य – भिक्षुओं में मतभेद के कारण बौद्ध संघ स्थविर एवं महासंघिक में विभाजित।
तृतीय बौद्ध संगीति –
- स्थान – पाटलिपुत्र
- अवधि – 250 ई.पू.
- शासनकाल – अशोक
- अध्यक्ष – मोगलिपुत्त तिस्स
- कार्य – अभिधम्मपिटक (तीसरा पिटक) का संकलन
चतुर्थ बौद्ध संगीति –
- स्थान – कुंडलवन (कश्मीर)
- अवधि – लगभग ईसा की प्रथम शताब्दी
- शासनकाल – कनिष्क
- अध्यक्ष – वसुमित्र [अश्वघोष (उपाध्यक्ष)]
- कार्य – बौद्ध धर्म का हीनयान एवं महायान संप्रदायों में विभाजन। हीनयान स्थविरवादी तथा महायान महासंधिक थे।
#36. किस वर्ष महात्मा बुद्ध की मृत्यु हुई थी ? [SSC 2014]
- गौतम बुद्ध की मृत्यु कुशीनगर में 483 ई. पू. हुई थी। गौतम बुद्ध की मृत्यु को ही बौद्ध ग्रंथों में ‘महापरिनिर्वाण‘ कहा गया है।
#37. महापरिनिर्वाण मंदिर कहाँ अवस्थित है ? [UP Lower Sub. (Mains) 2015]
- महापरिनिर्वाण मंदिर कुशीनगर (उ.प्र.) जिले में स्थित है। इस मंदिर में 6.10 मी. ऊँची बुद्ध की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में है।
#38. इनमें से किस स्थान पर प्रथम बौद्ध परिषद् का आयोजन किया गया था ? [SSC 2013]
प्रथम बौद्ध परिषद् का आयोजन मगध सम्राट आजातशत्रु द्वारा राजगृह के सप्तपर्णी गुफा में किया गया था।
इस बौद्ध परिषद् की अध्यक्षता महाकश्यप ने की थी।
प्रथम बौद्ध संगीति –
- स्थान – राजगीर (सप्तपर्णिगुफा में)
- अवधि – 483 ई.पू.
- शासनकाल – अजातशत्रु
- अध्यक्ष – महाकश्यप
- कार्य – बुद्ध के उपदेशों को सुत्तपिटक तथा विनयपिटक में अलग- अलग संकलित किया गया।
द्वितीय बौद्ध संगीति –
- स्थान – वैशाली
- अवधि – 383 ई.पू.
- शासनकाल – कालाशोक
- अध्यक्ष – साबकमीर (सुबुकामी)
- कार्य – भिक्षुओं में मतभेद के कारण बौद्ध संघ स्थविर एवं महासंघिक में विभाजित।
तृतीय बौद्ध संगीति –
- स्थान – पाटलिपुत्र
- अवधि – 250 ई.पू.
- शासनकाल – अशोक
- अध्यक्ष – मोगलिपुत्त तिस्स
- कार्य – अभिधम्मपिटक (तीसरा पिटक) का संकलन
चतुर्थ बौद्ध संगीति –
- स्थान – कुंडलवन (कश्मीर)
- अवधि – लगभग ईसा की प्रथम शताब्दी
- शासनकाल – कनिष्क
- अध्यक्ष – वसुमित्र [अश्वघोष (उपाध्यक्ष)]
- कार्य – बौद्ध धर्म का हीनयान एवं महायान संप्रदायों में विभाजन। हीनयान स्थविरवादी तथा महायान महासंधिक थे।
#39. सर्वप्रथम इनमें से किसमें स्तूप और चैत्य निर्माण के निर्देश तथा इनमें स्थापित करने के लिए बुद्ध के अवशेषों को लेकर विवाद का विवरण मिलता है ? [IAS (Pre) 2009]
#40. इनमें से किस स्थान पर 'विश्व शांति स्तूप' है? [SSC 2015]
#41. इनमें से किस स्थान पर 'सप्तपर्णी गुफा' स्थित है ? [CDS 1998]
- प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन मगध नरेश अजातशत्रु के शासनकाल में राजगीर स्थित सप्तपर्णि गुफा में किया गया था।
- द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन कालाशोक के शासनकाल में वैशाली में किया गया था।
- तृतीय बौद्ध संगीति का आयोजन सम्राट अशोक के शासनकाल में पाटलिपुत्र में किया गया था।
- चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन कनिष्क के शासनकाल में कुंडलवन (कश्मीर) में किया गया था।
#42. गौतम बुद्ध द्वारा अपने धर्म में दीक्षित किया जाने वाला अंतिम व्यक्ति इनमें से कौन था? [SSC Grad. 2005]
- सुमद्द नामक व्यक्ति को गौतम बुद्ध ने अंतिम उपदेश दिया था।
#43. इनमें से किसके शासन काल में बौद्ध धर्म की महायान शाखा औपचारिक रूप से सामने आई ?
#44. इनमें से किस बौद्ध दार्शनिक ने शून्यता के सिद्धांत का सर्वप्रथम प्रतिपादन किया था ?
- शून्यता के सिद्धांत का सर्वप्रथम प्रतिपादन नागार्जुन द्वारा किया गया था।
- इस सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक वस्तु की उत्पत्ति का कारण होता है। इस सिद्धांत को सापेक्षवाद भी कहा जाता है।
#45. इनमें से किस भाषा में बौद्ध ग्रंथ 'पिटकों' की रचना की गई थी ?
#46. इन चार स्थानों पर हुई बौद्ध संगीतियों का सही क्रम क्या है ?
#47. इनमें से किसके शासन काल में बुद्ध कौशाम्बी आए थे?
#48. 'महाभिनिष्क्रमण' बुद्ध के जीवन की किस घटना को दर्शाता है ?
#49. इनमें से किसके शासन काल में गौतम बुद्ध को एक देवता का स्थान प्राप्त हुआ ?
- चतुर्थ बौद्ध संगीति में बौध धर्म दो संप्रदायों में विभाजित हो गया- हीनयान तथा महायान, यह विभाजन कनिष्क के शासनकाल में हुआ था।
- महायान शाखा ने बुद्ध को देवता माना तथा उनकी पूजा प्रारंभ कर दी।
#50. इनमें से कौन बौद्ध साहित्य का अंग है ? [SSC FCI परीक्षा, 2012]
- त्रिपिटक (सुत्तपिटक, विनयपिटक एवं अभिधम्मपिटक) बौद्ध धर्म के साहित्य का अंग है।
- अंग, जैन धर्म से संबंधित हैं तथा उपनिषद् और आरण्यक, वैदिक / ब्राह्मण धर्म से संबंधित हैं।
#51. इनमें से किस स्थान पर कनिष्क के शासनकाल में बौद्ध सभा का आयोजन किया गया था ?
- कनिष्क के शासनकाल में बौद्ध सभा का आयोजन कश्मीर के कुंडलवन में किया गया था।
- यह चौथी बौद्ध संगीति थी जिसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी।
#52. इनमें से किस स्रोत में अशोक के राज्यकाल में तृतीय बौद्ध संगीति होने का उल्लेख मिलता है?
#53. इनमें से कौन गलत है ?
- चतुर्थ बौद्ध संगीति के अध्यक्ष वसुमित्र थे तथा इस संगीति के उपाध्यक्ष अश्वघोष थे।
#54. इनमें से कौन बौद्ध शिक्षा का केंद्र है ?
- विक्रमशिला शिक्षा केन्द्र की स्थापना धर्मपाल ने की थी, यह प्राचीन काल में प्रमुख बौद्ध शिक्षण केन्द्र था।
#55. 'बुद्ध' का अर्थ क्या है ? [SSC 2006]
- सिद्धार्थ को 35 वर्ष की आयु में छः वर्षों की साधना के बाद वैशाख पूर्णिमा की रात पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- ज्ञान प्राप्ति के बाद ही सिद्धार्थ ‘बुद्ध‘ के नाम से विख्यात हुए।
#56. आलार कालाम कौन थे?
#57. भिक्षुणी संघ की स्थापना गौतम बुद्ध द्वारा इनमें से कहाँ की गयी थी?
#58. इनमें से किसके लिए "नवनालंदा महाविहार" प्रसिद्ध है ? [48th to 52th BPSC Pre. 2008]
#59. कनिष्क के शासनकाल में कश्मीर में आयोजित बौद्ध संगीति की अध्यक्षता इनमें से किसने की थी ?
#60. बुद्ध की मृत्यु के बाद प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता इनमें से किसने की थी ?
#61. प्रारंभिक बौद्ध धर्म ग्रंथों की रचना किस भाषा में की गई थी ? [SSC FCI, SSC 2011]
- प्रारंभिक बौद्ध धर्म ग्रंथों की रचना पालि भाषा में की गई थी बाद में बौद्ध धर्म ग्रंथ की रचना संस्कृत भाषा में की गई।
#62. इनमें से किसके शासनकाल में महावीर एवं बुद्ध दोनों ने उपदेश दिया था ?
#63. बौद्ध ग्रन्थ ‘मज्झिम निकाय’ इनमें से किस भाषा में है?
#64. इनमें से कौन सा कथन सही है?
#65. भगवान बुद्ध ने चार आर्य सत्यों का प्रतिपादन किया इनका सही क्रम क्या है ? [UPPSC 2006]
#66. महायान बौद्ध मत की दो दार्शनिक शाखाओं में किसका महायान बौद्धमत से सम्बंधित है ?
#67. इनमें से किसे सारनाथ स्तंभ का चक्र इंगित करता है?(UPPCS 2008)
#68. प्राचीनतम बौद्ध विश्वविद्यालय का नाम क्या है ?
- कुमार गुप्त प्रथम ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
#69. इनमें से किस बौद्ध ग्रंथ में राजा अवन्तिपुत्र और बुद्ध के शिष्य कचन्ना के बीच वर्ण के विषय में संवाद मिलता है?
#70. इनमें से किसके काल में क्षत्रिय एक विशिष्ट पहचान रखते थे? [SSC 2014]
- बुद्ध काल में क्षत्रिय एक विशिष्ट पहचान रखते थे।
- बौद्धकालीन ग्रंथ ‘अंगुत्तरनिकाय‘ में महाजनपदों का उल्लेख मिलता है, जिसके अधिकतर शासक क्षत्रिय कुल से सम्बंधित थे।
- महात्मा बुद्ध तथा महावीर स्वामी स्वयं क्षत्रिय कुल से संबंधित थे।
#71. 'संघ जीवन के नियम' इनमें से किस बौद्ध ग्रंथ से प्राप्त होते हैं?
#72. संसार की रक्षा हेतु इनमें से कौन भावी बुद्ध अवतरित होंगे? [IAS Prelims 2018]
- मैत्रेय शब्द का शाब्दिक अर्थ भावी बुद्ध है।
- मैत्रेय बुद्ध 5वें बुद्ध के रूप में होंगे।
#73. इनमें से कौन सा बौद्ध स्थल निरंजना नदी पर स्थित है ?
- बोधगया निरंजना नदी (वर्तमान नाम फाल्गु) के तट पर स्थित है।
#74. बुद्ध की खड़ी प्रतिमा इनमें से किस काल में बनाई गई थी ?
#75. तृतीय बौद्ध सभा इनमें से किस स्थान पर बुलाई गई थी ?
#76. इनमें से किसने ‘क्षणिकवाद’ का प्रतिपादन किसने किया था ? [CGPCS 2017]
#77. बौद्ध धर्म के महायान एवं हीनयान सम्प्रदायों में मौलिक अन्तर इनमें से किसमें है ?
#78. उत्तर प्रदेश में स्थित इनमें से कौन सा तीर्थस्थल बौद्ध एवं जैनियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है ?
#79. गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण कहां लिया था? (SSC 2000,2002 / RRB 2003,04 / BPSC 2010,12)
#80. इनमें से कहाँ बौद्ध स्तूप नहीं है ?
- धमेख, साँची, भरहुत, सारनाथ, कुशीनगर, धौलागीरी में बौद्ध स्तूप पाए गए हैं।
#81. सांची का स्तूप का निर्माण किसके द्वारा किया गया था ? (SSC 2014)
#82. महात्मा बुद्ध के ‘नैतिक एवं सिद्धान्त’ सम्बन्धित प्रवचन का संकलन इनमें से किस बौद्ध साहित्य में है ?
#83. इनमें से किसके गणतंत्र में महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था ?
#84. इनमें से कौन सा बौद्ध मत निर्वाण की अवधारणा को सही उल्लेखित करता है ?
#85. नागार्जुन इनमें से किस बौद्ध संप्रदाय से सम्बंधित थे ?
#86. संघ जीवन के नियम इनमें से किस बौद्ध ग्रन्थ में प्राप्त होते हैं?
#87. 'एशिया के ज्योति पुंज' इनमें से किसे कहा जाता है ?
#88. अशोकाराम विहार किस स्थान पर स्थित था? [UPPSC (Mains) 2015]
#89. बौद्ध शिक्षा का केंद्र इनमें से कौन है ? [SSC Grad. 1999]
#90. वह बौद्ध साहित्य जो बुद्ध के विभिन्न जन्मों की कथाओं के विषय में वर्णन करता है ?
#91. बुद्ध के उपदेश इनमें से किससे संबंधित हैं ?
#92. सारनाथ के भूमिस्पर्श मुद्रा के बुद्ध मूर्ति का सम्बन्ध इनमें से किस काल से है ?
#93. जातक कथा का सम्बन्ध इनमें से किसके साथ है ?
#94. अनात्मवाद सिद्धान्त इनमें से किससे सम्बंधित है ?
#95. बोधिसत्व पद्मपाणि की सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्रकारी कहाँ है ? [IAS (Pre) 2017]
#96. बुद्ध का जन्म लुंबिनी में हुआ था यह सूचना किस राजा के अभिलेख से मिलती है ?
#97. विश्व का सबसे बड़ा बौद्ध मन्दिर इनमें से कहाँ स्थित है? [Bihar (SI) 2018]
#98. वल्लभी विश्वविद्यालय इनमें से कहाँ स्थित था ?
Baudh dharm –
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध इन्हें एशिया का ज्योति पुंज (Light of Asia) कहा जाता है। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था, वे बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। बुद्ध का अर्थ ‘प्रकाशमान’ होता है।
सिद्धार्थ के पिता का नाम शुद्धोधन था जो ‘शाक्यों‘ के गणराजा थे। गौतम बुध का जन्म 563 ईसा पूर्व में कपिलवस्तु के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। कपिलवस्तु शाक्यों की राजधानी थी। उनकी माता का नाम महामाया देवी था वह कोलिय गणराज्य की राजकुमारी थीं। महात्मा बुद्ध के जन्म के सातवें दिन ही इनकी माता की मृत्यु हो गई थी। महात्मा बुद्ध का पालन पोषण उनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया था।
बचपन से ही गौतम बुद्ध का मन आध्यात्मिकता की ओर था इसीलिए इनके पिता ने इनका विवाह 16 वर्ष की अवस्था में शाक्य कुल की कन्या यशोधरा के साथ कर दिया। सिद्धार्थ से यशोधरा को एक पुत्र हुआ, जिसका नाम राहुल था।
अपने साम्राज्य में भ्रमण के दौरान उन्होंने व्यक्ति जीवन की 4 अवस्थाओं को देखा जिसके बाद उनके मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया – वृद्ध व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, मृत व्यक्ति, सन्यासी (प्रसन्न मुद्रा में)।
सांसारिक समस्याओं से व्यथित होकर 29 वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ ने गृह त्याग कर दिया जिसे बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा गया है। ज्ञान की खोज में बुद्ध इधर-उधर भटकते रहे फिर इन्हें अलारकलाम मिले जो इनके पहले गुरु बने इन्होंने अलारकलाम से सांख्य दर्शन की शिक्षा ली। छः वर्ष बाद 35 वर्ष की आयु में वैशाख पूर्णिमा की एक रात पीपल ( बोधि वृक्ष) वृक्ष के नीचे निरंजना (पुनपुन नदी) नदी के तट पर सिद्धार्थ को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। ज्ञान की प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ ‘गौतम बुद्ध‘ के नाम से प्रसिद्ध हुए।
बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है और उन्होंने यह उपदेश पालि भाषा में दिया। बुद्ध ने अपने जीवन के सर्वाधिक उपदेश कोशल राज्य की राजधानी श्रावस्ती में दिये थे तथा उन्होंने अंतिम उपदेश कुशीनगर में शुभद्र को दिया था। मगध को उन्होंने अपना प्रचार केंद्र बनाया था।
महात्मा बुद्ध के प्रमुख अनुयायी थे – बिंबिसार, प्रसेनजित, उदयिन। बुद्ध के अनुयाई दो भागों में विभाजित थे – 1) भिक्षुक 2) उपासक
- भिक्षुक – बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए सन्यास ग्रहण किया।
- उपासक – गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए बौद्ध धर्म अपनाया।
80 वर्ष की अवस्था में 483 ईसा पूर्व कुशीनगर में बुद्ध का निधन हुआ जिसे बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा गया है। निधन के पश्चात बुद्ध के अस्थि अवशेषों को भारत के 8 जगहों पर स्थापित कर स्तूपों का निर्माण करवाया गया जिसमें से सबसे बड़ा स्तूप सांची का स्तूप है।
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न – बुद्ध (संस्थापक), धम्म (उपदेश) और संघ
बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य – दुःख, दुःख समुदाय, दुःख निरोध, दु:ख निरोधगामिनी प्रतिपदा
चैत्य – बौद्ध मंदिर के अंदर एक स्तूप होता है जिसकी पूजा की जाती है उसे चैत्य कहा जाता है।
विहार – बौद्ध चैत्यों के पास भिक्षुओं के रहने के प्रबंध को ‘विहार’ कहा जाता था।
गौतम बुद्ध के जीवन का परिचय –
जन्म | 563 ई. पू. |
जन्म स्थान | लुंबिनी (नेपाल) |
बचपन का नाम | सिद्धार्थ |
पिता का नाम | शुद्धोधन (कपिलवस्तु में शाक्य गण के प्रधान) |
माता का नाम | मायादेवी / महामाया (कोलिय गणराज्य की कन्या) |
पत्नी का नाम | यशोधरा |
पालन-पोषण | मौसी प्रजापति गौतमी द्वारा |
पुत्र का नाम | राहुल |
घोड़े का नाम | कंथक |
सारथी का नाम | चाण |
ज्ञान प्राप्ति स्थल | बोधगया (निरंजना नदी के तट पर) |
प्रथम उपदेश स्थल | सारनाथ |
जीवन का अंत (महापरिनिर्वाण) | 483 ई.पू. (कुशीनगर) |
धर्म चक्र प्रवर्तन –
- गौतम बुद्ध उरुवेला (वर्तमान बोधगया) से सारनाथ आए तथा यहाँ पाँच ब्राह्मण संन्यासियों को अपना प्रथम उपदेश दिया। इसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्र प्रवर्तन के नाम से जाना जाता है।
- गौतम बुद्ध ने सबसे पहले ‘तपस्सु’ एवं ‘भल्लिक’ नामक दो शूद्रों को बौद्ध धर्म का अनुयायी बनाया था।
- बुद्ध जब राजगृह पहुंचे तो बिम्बिसार ने ‘वेणुवन’ विहार दान कर दिया था।
- वैशाली के लिच्छवियों ने बुद्ध को वैशाली में आमंत्रित किया तथा ‘कूटाग्रशाला’ विहार दान में दिया ।
- बुद्ध ने वैशाली में महिलाओं को संघ में प्रवेश की अनुमति दी तथा प्रजापति गौतमी पहली भिक्षुणी बनी।
- उदायिन जो कौशाम्बी का शासक था उसने बौद्ध भिक्षु पिंडोला भारद्वाज से बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।
महापरिनिर्वाण –
- 483 ई.पू. महात्मा बुद्ध की 80 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई, इसे बौद्ध परंपरा में ‘महापरिनिर्वाण’ के नाम से जाना जाता है।
- उन्होंने मृत्यु के पूर्व कुशीनारा में सुभद्द को उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया।
- महापरिनिर्वाण के बाद बुद्ध के अस्थि अवशेष को 8 जगह- मगध, वैशाली, कपिलवस्तु, अल्लकप्प, रामग्राम, पावा, कुशीनारा और वेधादीप भेजा गया। इन्हीं आठ क्षेत्रों में स्तूप बनाये गए।
बौद्ध धर्म के प्रतीक चिन्ह –
घटना | चिह्न / प्रतीक |
---|---|
जन्म | कमल व साँड |
ज्ञान | पीपल (बोधि) वृक्ष |
प्रथम प्रवचन | चक्र |
गृहत्याग | घोड़ा |
निर्वाण | पद चिह्न |
मृत्यु (महापरिनिर्वाण) | स्तूप |
बौद्ध धर्म की शिक्षाएँ एवं सिद्धांत –
- गौतम बुद्ध ने पाली भाषा में उपदेश दिये थे। उन्होंने सृष्टि को दुःखमय, क्षणिक एवं आत्मविहीन कहा था। महात्मा बुद्ध के अनुसार, एक वस्तु के विनाश के पश्चात् दूसरे की उत्पत्ति होती है। बुद्ध ने ‘प्रतीत्यसमुत्पाद’ को संपूर्ण जगत पर लागू किया। प्रत्येक घटना के पीछे कार्य-कारण का संबंध होता है इसे ही ‘प्रतीत्यसमुत्पाद’ के नाम से जाना जाता है।
- बौद्ध ने निर्वाण प्राप्त करने को कहा है। निर्वाण का अर्थ है ‘दीपक का बुझ जाना’ अर्थात् जीवन-मरण के चक्र हो जाना है।
आष्टांगिक मार्ग –
बुद्ध के अनुसार आष्टांगिक मार्गों का पालन करने से मनुष्य की भवतृष्णा नष्ट हो जाती है और उसे निर्वाण प्राप्त हो जाता है।
1 | सम्यक् दृष्टि | वास्तविक स्वरूप की समझ |
2 | सम्यक् संकल्प | विचार का लोभ, द्वेष तथा हिंसा से मुक्त होना। |
3 | सम्यक् वाक् | बुरे वचनों को न बोलना |
4 | सम्यक् कर्मात | सत्कर्मों का अनुसरण |
5 | सम्यक् आजीव | सदाचार युक्त आजीविका |
6 | सम्यक् व्यायाम | मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना |
7 | सम्यक् स्मृति | सात्विक भाव |
8 | सम्यक् समाधि | एकाग्रता |
दस शील –
दस शीलों का अनुशीलन नैतिक जीवन का आधार है। इन दस शीलों को शिक्षापद भी कहा गया है। गृहस्त जीवन जीने वालों के लिये 5 शील तथा भिक्षुओं के लिये 10 शील मानना अनिवार्य था।
- अहिंसा
- सत्य
- अस्तेय (चोरी न करना)
- अपरिग्रह (किसी भी प्रकार की संपत्ति को अपने पास नहीं रखना)
- मद्य सेवन न करना
- असमय भोजन न करना
- सुखप्रद बिस्तर पर न सोना
- आभूषणों का त्याग
- ब्रह्मचर्य का पालन करना।
- व्यभिचार आदि से दूर रहना।
बौद्ध धर्म की चार बौद्ध संगीतियाँ –
संगीति | प्रथम बौद्ध संगीति | द्वितीय बौद्ध संगीति | तृतीय बौद्ध संगीति | चतुर्थ बौद्ध संगीति |
वर्ष | 483 ई.पू. | 383 ई.पू. | 250 ई.पू. | प्रथम शताब्दी |
स्थान | राजगीर (सप्तपर्णिगुफा) | वैशाली | पाटलिपुत्र | कुंडलवन (कश्मीर) |
अध्यक्ष | महाकश्यप | साबकमीर/सुबुकामी | मोगलिपुत्त तिस्स | वसुमित्र (उपाध्यक्ष ⇒ अश्वघोष) |
शासनकाल | अजातशत्रु | कालाशोक | अशोक | कनिष्क |
कार्य | बुद्ध के उपदेशों को सुत्तपिटक तथा विनयपिटक में अलग- अलग संकलित किया गया। | बौद्ध संघ स्थविर एवं महासंघिक में विभाजित। | अभिधम्मपिटक का संकलन | बौद्ध धर्म का हीनयान एवं महायान संप्रदायों में विभाजन। हीनयान स्थविरवादी तथा महायान महासंधिक थे। |
हीनयान एवं महायान में अंतर –
चौथी बौद्ध संगीति के बाद बौद्ध धर्म दो भागों में बँट गया।
हीनयान | महायान |
---|---|
हीनयान बौद्ध धर्म का प्राचीन रूप है। | महायान नवीन रूप हैं। |
हीनयान बुद्ध को सामान्य पुरुष मानते हैं। | महायान बुद्ध को भगवान मानते हैं। |
हीनयान कठोर मार्ग हैं इसके द्वारा निर्वाण की प्राप्ति बहुत काम लोग करते हैं। | महायान सरल मार्ग हैं। इसके द्वारा अधिक लोग निर्वाण की प्राप्ति कर सकते हैं। |
हीनयान के ग्रंथ पाली भाषा में लिखी गयी है। | महायान के ग्रंथों को संस्कृत भाषा में लिखा गया हैं। |
हीनयान बुद्ध के प्रतीकों की पूजा करते हैं। | महायान बुद्ध की मूर्ति की पूजा में विश्वाश रखते हैं। |
हीनयान विश्वास रखते थे कर्म तथा धर्म पर। | महायान परोपकार में विश्वास करते हैं। |
गौतम बुद्ध द्वारा कहे गए चार सत्य कथन –
- संसार दुखों से भरा है।
- हर दुख का कोई ना कोई कारण है।
- सभी दुखों का सबसे बड़ा कारण इच्छा है।
- इस इच्छा पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
बौद्ध संघ एवं कार्यप्रणाली –
- बौद्ध संघ में शामिल होने के लिए 15 वर्ष न्यूनतम आयु की सीमा थी।
- संघ में प्रवेश लेने वाले को ‘उपसंपदा’ कहा जाता था, संघ की सदस्यता लेने वालों को ‘श्रमण’ कहा जाता था तथा 10 वर्षों की योग्यता के बाद ‘भिक्षु’ कहा जाता था।
- संघ में रोगी व्यक्ति, ऋणी व्यक्ति, चोर, हत्यारा तथा दास का प्रवेश वर्जित था।
- वर्षा ऋतु के दौरान मठों में लौटतेसमय भिक्षुओं द्वारा अपराध स्वीकार करने का समारोह ‘पवरन’ कहलाता था ।
- बौद्धों का सबसे पवित्र एवं महत्त्वपूर्ण दिन ‘बुद्ध पूर्णिमा’ है, क्योंकि इसी दिन बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति तथा महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई थी।
- बौद्ध धर्म के अनुयायी “भिक्षु और भिक्षुणी” दो भागों में विभाजित थे।
बौद्ध दर्शन –
- अनीश्वरवाद – ईश्वर की सत्ता पर विश्वास ना करना।
- शून्यतावाद – संसार की सारी वस्तुएँ सत्ताहीन हैं।
- अनात्मवाद – आत्मचेतना पर सर्वाधिक बल ।
- क्षणिकवाद – संसार के किसी भी चीज में स्थिरता नहीं है।
स्तूप –
स्तूप का निर्माण मृतक की चुनी हुई अस्थियों को रखने के लिये किया जाता था। स्तूपों को मुख्यतः चार भागों में बाँटा जा सकता है-
- शारीरिक स्तूपः इसमें शरीर को रखा जाता था।
- पारिभोगिक स्तूपः इसमें उपयोग की गई वस्तुओं को रखा जाता था।
- उद्देशिका स्तूपः इनका संबंध बुद्ध के जीवन से जुड़ी घटनाओं से था।
- पूजार्थक स्तूपः इसका निर्माण धनवान व्यक्तियों द्वारा तीर्थ स्थानों पर होता था।
वज्रयान संप्रदाय –
- वज्रयान संप्रदाय के अनुयायी मानते थे की बुद्ध के पास अलौकिक शक्तियाँ थी।
- वज्रयान संप्रदाय के सिद्धांत ‘गुह्य समाज’ तथा ‘मंजुश्री मूल कल्प’ ग्रंथों में मिलते हैं।
- वज्रयान संप्रदाय में तंत्र-मंत्र पर बल दिया गया और बुद्ध को देवी तारा से जोड़ दिया गया।
- इसमें पंचमकार (मद्य, मांस, मैथुन, मत्स्य, मुद्रा) की साधना करने लगे।
बौद्ध साहित्य –
त्रिेपिटक मूल रूप में पाली भाषा में रचे गये हैं। इनकी संख्या तीन है।
- विनय पिटक:- इसमें भिक्षु एवं भिक्षुणियों के आचरण सम्बन्धी नियम हैं।
- सुत्त पिटक:- इसमें बौद्ध धर्म के उपदेश संकलित हैं।
- अभिधम्म पिटक:- इसमें बौद्ध धर्म की दार्शनिक व्याख्यायें दी गई हैं। इसका सबसे महत्वपूर्ण भाग कथावस्तु है।
विनयपिटक –
- इसमें बौद्ध मठों में रहने वाले भिक्षु भिक्षुणियों के अनुशासन संबंधी नियम दिये गए हैं।
- बौद्ध संघ की कार्यप्रणाली की व्यवस्था भी इसी ग्रंथ में उल्लिखित है।
- यह सुत्तविभंग, खंदक तथा परिवार में विभक्त है।
- इसकी रचना उपालि ने की थी।
सुत्तपिटक –
- ‘सुत्त’ का शाब्दिक अर्थ है – धर्मोपदेश।
- बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का उल्लेख सुत्तपिटक में मिलता हैं।
- सुत्तपिटक की रचना आनंद के द्वारा की गयी थी।
सुत्तपिटक को पाँच भागों में बाँटा गया है –
- दीर्घ निकाय: इस निकाय में महात्मा बुद्ध के आखिरी समय, अंतिम उपदेशों, मृत्यु तथा अंत्येष्टि का वर्णन मिलता है।
- संयुक्त निकायः इस निकाय में गद्य एवं पद्य दोनों शैलियों के प्रयोग हुआ है तथा इसमें मज्झिम प्रतिपदा एवं आष्टांगिक मार्ग का उल्लेख मिलता है।
- खुद्दक निकायः इस निकाय में लघु ग्रंथों का संकलन है तथा यह निकाय अपने आप में स्वतंत्र एवं पूर्ण है।
- मज्झिम निकाय: इस निकाय में महात्मा बुद्ध का वर्णन कहीं साधारण मनुष्य तथा कहीं अलौकिक शक्ति वाले देव के रूप में किया गया है।
- अंगुत्तर निकाय: इस निकाय में महात्मा बुद्ध के उपदेशों का वर्णन है तथा इस निकाय में के सोलह महाजनपदों का उल्लेख मिलता है।
अभिधम्मपिटक –
- इसमें महात्मा बुद्ध के बौद्ध मतों, उपदेशों एवं सिद्धांतों की दार्शनिक व्याख्या की गई है।
- इस पिटक का संकलन अशोक के समय आयोजित तृतीय बौद्ध संगीति में की गई थी।
त्रिपिटक के आलावा कुछ अन्य बौद्ध ग्रंथ भी पालि भाषा में लिखे गए हैं।
- मिलिंदपन्हो – इसमें यूनानी शासक मिनाण्डर एवं बौद्ध भिक्षु नागसेन के बीच बौद्ध मत पर वार्ता का वर्णन मिलता है।
- जातक कथाएँ – ये मूल रूप में पाली भाषा में रचे गये हैं। इनकी संख्या 549 हैं। इनमें बुद्ध के पूर्वजन्मों की कथायें हैं।
- बुद्ध चरित – इसकी रचना संस्कृत भाषा में हुई है। अश्वघोष द्वारा रचित यह एक महाकाव्य है। इसमें बुद्ध का जीवनवृत्त एवं उनकी शिक्षाओं का वर्णन है। इसे बौद्धों की रामायण कहा जाता है।
- महावस्तु – यह ‘विनयपिटक’ से संबंधित ग्रंथ है।
- महावंश – इसमें मगध के राजाओं की क्रमबद्ध सूची मिलती है।
- दीपवंश – इसमें द्वीप (श्रीलंका) के इतिहास का उल्लेख मिलता है।
- धम्म पद – पाली भाषा में रचा गया है। इसे बौद्धों की गीता कहा जाता है।
बुद्ध की प्रमुख मुद्राएँ –
- धर्मचक्र मुद्रा – बुद्ध की यह मुद्रा सारनाथ में पहली बार धर्मोपदेश देने का प्रतिक है।
- ज्ञान मुद्रा – हथेली से सीने का स्पर्श तथा अंगूठे के स्पर्श के कारण चक्र के निर्माण।
- वरद मुद्रा – यह मुद्रा ऊर्जा की प्राप्ति के लिये पूर्णत: समर्पित होने का प्रतिक है।
- भूमिस्पर्श मुद्रा – बुद्ध की यह मुद्रा बोधगया में उनके ज्ञान प्राप्ति का प्रतिक है।
- अभय मुद्रा – बुद्ध की यह मुद्रा शांति, सुरक्षा, दयालुता एवं भयमुक्तता का प्रतीक है।
बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में समानता तथा असमानता –
समानता –
- बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में वेदों के प्रमाण पर आस्था नहीं थी।
- बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में कर्मकांड नहीं हैं।
- बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म के संस्थापक क्षत्रिय थे।
- बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म कर्म तथा पुनर्जन्म दोनों मानते हैं।
असमानता –
- बौद्ध धर्म मुक्ति के लिए मध्यम मार्ग पर बल देता हैं मगर जैन धर्म मुक्ति के लिए कठोर साधना पर बल देता है।
- बौद्ध धर्म में जाति प्रथा की कठोर निंदा की गई हैं मगर जैन धर्म में नहीं की गई हैं।
- जैन धर्म में ‘प्राकृत’ भाषा का तथा बौद्ध धर्म में ‘पालि’ भाषा का उपयोग किया गया है।
- बौद्ध धर्म इसी जीवन में निर्वाण को संभव मानते हैं, मगर जैन धर्म मरने के बाद ही निर्वाण संभव मानते हैं।
- जैन धर्म में बौद्ध धर्म की अपेक्षा अहिंसा पर अधिक बल दिया गया हैं।
बुद्ध की अधिकांश मूर्तियों का निर्माण किस शैली में हुआ है ?
बुद्ध की अधिकांश मूर्तियों का निर्माण गांधार शैली में हुआ है। महात्मा बुद्ध की पहली प्रतिमा मथुरा कला शैली में बनाई गई थी।
बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य क्या हैं ?
बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्य – दुःख, दुःख समुदाय, दुःख निरोध, दु:ख निरोधगामिनी प्रतिपदा।
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न क्या हैं ?
बौद्ध धर्म के त्रिरत्न – बुद्ध (संस्थापक), धम्म (उपदेश) और संघ।
बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन किसे कहा गया है ?
बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथों में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है और उन्होंने यह उपदेश पालि भाषा में दिया। बुद्ध ने अपने जीवन के सर्वाधिक उपदेश कोशल राज्य की राजधानी श्रावस्ती में दिये थे तथा उन्होंने अंतिम उपदेश कुशीनगर में शुभद्र को दिया था। मगध को उन्होंने अपना प्रचार केंद्र बनाया था।
बौद्ध ग्रंथों में महापरिनिर्वाण किसे कहा गया है ?
483 ई.पू. महात्मा बुद्ध की 80 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई, इसे बौद्ध परंपरा में ‘महापरिनिर्वाण’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने मृत्यु के पूर्व कुशीनारा में सुभद्द को उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया। महापरिनिर्वाण के बाद बुद्ध के अस्थि अवशेष को 8 जगह- मगध, वैशाली, कपिलवस्तु, अल्लकप्प, रामग्राम, पावा, कुशीनारा और वेधादीप भेजा गया। इन्हीं आठ क्षेत्रों में स्तूप बनाये गए।
बौद्ध धर्म में उपसम्पदा पद का क्या अर्थ है ?
बौद्ध धर्म में उपसम्पदा पद का अर्थ बौद्ध भिक्षुओं के धर्म परिवर्तन की अंतिम अवस्था है।
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