50+ भारत की मिट्टी Quiz – bharat ki mitti mcq in hindi

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भारत की मिट्टियाँ MCQ – Bharat ki Mitti MCQ in Hindi के Objective GK Question के Mock Test देकर (bharat ki mitti) भारत की मिट्टियाँ Quiz के Static GK प्रश्न उत्तर को आसानी से solve कर पायेंगे।

(भारत की मिट्टियाँ) Bharat ki Mitti MCQ in Hindi –

Results

#1. इनमें से कौन सी मिट्टी कपास की खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है ? [SSC CHSL 2015, UPPCS Pre 2014, SSC CPO 2005, MPPSC Pre 2003]

  • भारत के लगभग 15% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • बेसाल्ट चट्टानों के टूटने फूटने से काली मिट्टी का निर्माण होता है।
  • काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • काली मिट्टी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में पाया जाता है। 
  • यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है तथा कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
  • इस मिट्टी में जलधारण (जल सोखने) की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा धुप पड़ने पर इस मिट्टी में दरारें आ जाती है इसलिए इसे “जुते हुए खेत की मिट्टी” भी कहते हैं। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी पाई जाती है।
  • कपास के आलावा इस मिट्टी में मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, दलहन एवं तिलहन की खेती भी की जाती है।

#2. पुरानी कछारी (जलोढ़) मिट्टी को इनमें से क्या कहा जाता है ? [SSC CGL 2012]

  • जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।  
  • भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है। 
  • जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चुना तथा पोटाश प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है। 
  • जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः दो प्रकार की होती है – खादर (नई जलोढ़ मिट्टी) तथा बांगर (पुरानी जलोढ़ मिट्टी)
  • यह मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#3. इनमें से किस मिट्टी का निर्माण ग्रेनाइट तथा नीस चट्टानों के अपक्षयन से होती है ? [IAS Pre 2003]

  • लैटेराइट मिट्टी का निर्माण उस क्षेत्र में होता है जहाँ 200 सेमी. से ज्यादा की वर्षा होती है तथा अत्यधिक गर्मी पड़ती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी को मखमली मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड तथा एल्युमिनियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड की प्रचुर मात्रा होने के कारण इस मिट्टी का रंग भी लाल होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्य रूप से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र  के कुछ क्षेत्र, उड़ीसा का पठारी क्षेत्र, छोटानागपुर का पाट प्रदेश, असम के कुछ क्षेत्र एवं मेघालय के पठार पर पाई जाती है। 
  • इस मिट्टी का सबसे ज्यादा विस्तार केरल में है।
  • इस मिट्टी में चूना, पोटास, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चूने की कमी के कारण यह मिट्टी अम्लीय होती है।
  • लैटेराइट मिट्टी की उर्वरकता लाल मिट्टी से कम होती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी चाय, इलाइची, काजू, कॉफी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#4. भारत की सबसे उपजाऊ मृदा इनमें से कौन सी है ? [UP RO/ARO Pre 2014]

  • जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।  
  • भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है। 
  • जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चुना तथा पोटाश प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है। 
  • जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः दो प्रकार की होती है – खादर (नई जलोढ़ मिट्टी) तथा बांगर (पुरानी जलोढ़ मिट्टी)
  • यह मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#5. इनमें से किसके द्वारा मिट्टी में क्षारीयता को सही किया जाता है ? [RAS/RTS Pre 1997-98, RAS/RTS Pre 1996]

  • फसल उगाने के लिए भूमि का Ph लगभग 6 से 7 होता है। 
  • मिट्टी में अम्लीयता को दूर करने के लिए चुने का प्रयोग किया जाता है। 
  • मिट्टी में क्षारीयता को दूर करने के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है।

#6. इनमें से कौन सी मृदा धान की खेती के लिए आदर्श मानी जाती है ? [SSC CHSL 2013]

  • जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।  
  • भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है। 
  • जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चुना तथा पोटाश प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है। 
  • जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः दो प्रकार की होती है – खादर (नई जलोढ़ मिट्टी) तथा बांगर (पुरानी जलोढ़ मिट्टी)
  • यह मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#7. इनमें से कौन सा प्रदेश लैटेराइट मिट्टी के बनने में सहायक है ? [IAS Pre 2010]

  • लैटेराइट मिट्टी का निर्माण उस क्षेत्र में होता है जहाँ 200 सेमी. से ज्यादा की वर्षा होती है तथा अत्यधिक गर्मी पड़ती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी को मखमली मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड तथा एल्युमिनियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड की प्रचुर मात्रा होने के कारण इस मिट्टी का रंग भी लाल होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्य रूप से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र  के कुछ क्षेत्र, उड़ीसा का पठारी क्षेत्र, छोटानागपुर का पाट प्रदेश, असम के कुछ क्षेत्र एवं मेघालय के पठार पर पाई जाती है। 
  • इस मिट्टी का सबसे ज्यादा विस्तार केरल में है।
  • इस मिट्टी में चूना, पोटास, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चूने की कमी के कारण यह मिट्टी अम्लीय होती है।
  • लैटेराइट मिट्टी की उर्वरकता लाल मिट्टी से कम होती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी चाय, इलाइची, काजू, कॉफी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#8. काली मिट्टी इनमें से किस फसल के लिए सही नहीं है?

  • मूंगफली के लिए रेतीली चिकनी बलुई मिट्टी और बलुई मिट्टी उपयुक्त है।

#9. इनमें से किसका उपयोग कर मिट्टी की अम्लीयता (तेजाबी मिट्टी) को कृषि योग्य बनाया जाता है ? [MPPSC (Pre) 2005]

  • फसल उगाने के लिए भूमि का Ph लगभग 6 से 7 होता है। 
  • मिट्टी में अम्लीयता को दूर करने के लिए चुने या लाइम का प्रयोग किया जाता है। 
  • मिट्टी में क्षारीयता को दूर करने के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है।

#10. भारत में पाई जाने वाली मृदा में इनमें से किस सूक्ष्म तत्व की कमी पाई जाती है ? [UP Lower (Pre) 2003]

#11. भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा बंजर भूमि का विस्तार है ? [SSC CGL 2017]

#12. इनमें से किस मिट्टी का निर्माण बेसाल्ट लावा के अपक्षय के कारण हुआ है ? [UPPCS Pre. 2015]

  • भारत के लगभग 15% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • बेसाल्ट चट्टानों के टूटने फूटने से काली मिट्टी का निर्माण होता है।
  • काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • काली मिट्टी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में पाया जाता है। 
  • यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है तथा कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
  • इस मिट्टी में जलधारण (जल सोखने) की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा धुप पड़ने पर इस मिट्टी में दरारें आ जाती है इसलिए इसे “जुते हुए खेत की मिट्टी” भी कहते हैं। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी पाई जाती है।
  • कपास के आलावा इस मिट्टी में मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, दलहन एवं तिलहन की खेती भी की जाती है।

#13. लाल मिट्टी भारत में मुख्य रूप से किस क्षेत्र में पाए जाते हैं ? [SSC CGL 2016]

  • भारत के लगभग 18% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • लाल मिट्टी प्रायद्वीपीय भारत में कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। 
  • फेरिक ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग लाल होता है। 
  • ग्रेनाइट, नीस तथा शिष्ट जैसी रूपांतरित चट्टानों के विखंडन से इस मिट्टी का निर्माण से हुआ है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है।
  • यह मिट्टी तमिलनाडु, नागालैंड, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के कुछ भागों में पाई जाती है। 
  • इस मिट्टी का सबसे ज्यादा विस्तार तमिलनाडु तथा आंध्रप्रदेश में पाया जाता है। 
  • लाल मिट्टी में मुख्य रूप से मोटे अनाज, दलहन तथा तिलहन की खेती की जाती है। 
  • यह मिट्टी बाजरे की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। 
  • लाल मिट्टी के जल को सोखने के कारण इसका रंग पीला दिखने लगता है। 
  • चूना का इस्तेमाल कर इस मृदा की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है।

#14. इनमें से किसके कारण मिट्टी का लवणीकरण होता है ? [SSC CGL 2016]

#15. जिस मृदा में एलुमिनियम तथा आयरन ऑक्साइड अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है उस मृदा को क्या कहते हैं ? [SSC CGL 2017]

  • जिस मृदा में एलुमिनियम तथा आयरन ऑक्साइड अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है उस मृदा को पेडलफर कहते हैं।
  • जिस मृदा में कैल्सियम अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है उस मृदा को पेडोकल कहते हैं।

#16. इनमे से कौन मृदा के निर्माण में ह्यूमस के निर्माण तथा अपक्षय की दर को प्रभावित करता है ? [SSC CGL 2017]

#17. इनमें से कौन सी फसल जलोढ़ मिट्टी में उगती है तथा इस फसल में प्रचुर मात्रा में पानी का उपयोग किया जाता है ? [SSC 2006]

  • जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।  
  • भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है। 
  • जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चुना तथा पोटाश प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है। 
  • जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः दो प्रकार की होती है – खादर (नई जलोढ़ मिट्टी) तथा बांगर (पुरानी जलोढ़ मिट्टी)
  • यह मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#18. इनमें से किस फसल की खेती के लिए रेगुर मृदा (काली मिट्टी) सबसे ज्यादा उपयुक्त है ? [UPSC CAPF 2015, UPPCS Pre 2009, SSC 2008]

  • भारत के लगभग 15% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • बेसाल्ट चट्टानों के टूटने फूटने से काली मिट्टी का निर्माण होता है।
  • काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • काली मिट्टी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में पाया जाता है। 
  • यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है तथा कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
  • इस मिट्टी में जलधारण (जल सोखने) की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा धुप पड़ने पर इस मिट्टी में दरारें आ जाती है इसलिए इसे “जुते हुए खेत की मिट्टी” भी कहते हैं। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी पाई जाती है।
  • कपास के आलावा इस मिट्टी में मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, दलहन एवं तिलहन की खेती भी की जाती है। 

#19. इनमें से किस मिट्टी में पौधों को सबसे अधिक पानी मिलता है ? [BPSC (Pre) 2011]

#20. इनमें से किसके कारण हिमोढ़ (Moraine) नामक मृदा अपरदन होता है ? [SSC CPO 2017]

#21. भारत में सबसे ज्यादा क्षारीय मृदा वाला क्षेत्र कौन सा है ? [UPPCS (Main) 2007]

#22. महाराष्ट्र में इनमें से कौन सी मिट्टी सबसे ज्यादा पाई जाती है ? [SSC FCI 2012]

  • भारत के लगभग 15% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • बेसाल्ट चट्टानों के टूटने फूटने से काली मिट्टी का निर्माण होता है।
  • काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • काली मिट्टी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में पाया जाता है। 
  • यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है तथा कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
  • इस मिट्टी में जलधारण (जल सोखने) की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा धुप पड़ने पर इस मिट्टी में दरारें आ जाती है इसलिए इसे “जुते हुए खेत की मिट्टी” भी कहते हैं। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी पाई जाती है।
  • कपास के आलावा इस मिट्टी में मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, दलहन एवं तिलहन की खेती भी की जाती है। 

#23. भारत में इनमें से कौन सी मिट्टी सबसे ज्यादा फैली हुई है ? [UPPCS Pre. 2009, MPPSC Pre. 2005, SSC 2002/2001]

  • जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।  
  • भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है। 
  • जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चुना तथा पोटाश प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है। 
  • जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः दो प्रकार की होती है – खादर (नई जलोढ़ मिट्टी) तथा बांगर (पुरानी जलोढ़ मिट्टी)
  • यह मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#24. कार्बनिक पदार्थों की अधिकता इनमें से किस मिट्टी में होती है? [SSC CGL 2012]

#25. इनमें से कौन सी मिट्टी चाय की खेती के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है ? [Uttarakhand Lower (Pre) 2016]

#26. इनमें से कौन सी फसल मृदा में नाइट्रोजन के स्तर को बढ़ा देती है ?

  • दलहनी फसल मृदा में नाइट्रोजन के स्तर को बढ़ा देती है।

#27. इनमें से किसके कारण मृदा में ह्यूमस निर्माण का दर प्रभावित होता है ? [SSC CGL 2017]

#28. इनमें से किस राज्य में भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय लवणीय आर्द्र भूमि पाई जाती है ? [IAS Pre. 2009]

#29. 'काली मिट्टी' को इनमें से किस नाम से जाना जाता है ? [SSC CGL 2016, MPPSC Pre 2006/2007/2013]

#30. इनमें से किसके लिए भारत के कच्छ का रण प्रसिद्ध है ? [SSC CGL 2017]

#31. इनमें से किस स्थान पर रेगुर मिट्टी सबसे ज्यादा पाया जाता है ? [BPSC (Pre.) 2000]

#32. जिस मृदा में कैल्सियम अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है उस मृदा को क्या कहते हैं ? [SSC CHSL 2014]

  • जिस मृदा में एलुमिनियम तथा आयरन ऑक्साइड अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है उस मृदा को पेडलफर कहते हैं।
  • जिस मृदा में कैल्सियम अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है उस मृदा को पेडोकल कहते हैं।

#33. भूमि की उर्वरकता को बढ़ाने के लिए इनमें से किस फसल की खेती की जाती है ? [RAS/RTS 1996]

  • मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाने के लिए दलहनी फसल की खेती की जाती है।

#34. इनमें से किसकी उपस्थिति के कारण भारत के कुछ भागों में मिट्टी का रंग लाल होता है ? [IAS (Pre) 2010]

#35. इनमें से किस स्थान पर लावा मिट्टी पायी जाती है ? [UPPCS Pre. 1998]

#36. इनमें से किस मिट्टी में बिना अधिक खाद दिए हुए सैकड़ों वर्षों से कृषि कार्य चलता रहा है? [SSC 2001]

#37. इनमें से किससे मिट्टी की लवणता मापी जाती है ? [SSC CGL 2012]

#38. इनमें से कहां लैटेराइट मिट्टी पाई जाती है ? [SSC FCI 2012]

  • लैटेराइट मिट्टी का निर्माण उस क्षेत्र में होता है जहाँ 200 सेमी. से ज्यादा की वर्षा होती है तथा अत्यधिक गर्मी पड़ती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी को मखमली मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड तथा एल्युमिनियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड की प्रचुर मात्रा होने के कारण इस मिट्टी का रंग भी लाल होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्य रूप से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र  के कुछ क्षेत्र, उड़ीसा का पठारी क्षेत्र, छोटानागपुर का पाट प्रदेश, असम के कुछ क्षेत्र एवं मेघालय के पठार पर पाई जाती है। 
  • इस मिट्टी का सबसे ज्यादा विस्तार केरल में है।
  • इस मिट्टी में चूना, पोटास, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चूने की कमी के कारण यह मिट्टी अम्लीय होती है।
  • लैटेराइट मिट्टी की उर्वरकता लाल मिट्टी से कम होती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी चाय, इलाइची, काजू, कॉफी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#39. इनमें से किस मिट्टी को ‘स्वतःकृष्य मिट्टी’ कहा जाता है? [UP Lower Pre 2009]

  • भारत के लगभग 15% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • बेसाल्ट चट्टानों के टूटने फूटने से काली मिट्टी का निर्माण होता है।
  • काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • काली मिट्टी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में पाया जाता है। 
  • यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है तथा कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
  • इस मिट्टी में जलधारण (जल सोखने) की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा धुप पड़ने पर इस मिट्टी में दरारें आ जाती है इसलिए इसे “जुते हुए खेत की मिट्टी” भी कहते हैं। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी पाई जाती है।
  • कपास के आलावा इस मिट्टी में मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, दलहन एवं तिलहन की खेती भी की जाती है।

#40. तटीय प्रदेशों तथा शुष्क प्रदेशों में हवा की गति को रोकने के लिए ताकि मृदा आवरण को बचाया जा सके मृदा संरक्षण की किस विधि का प्रयोग किया जाता है ? [SSC CGL 2017]

#41. हिमनद द्वारा लाए गए रेत, पत्थर, तथा तलछठ मिट्टी के जमाव को क्या कहा जाता है ? [SSC CGL 2017]

#42. भारत का उत्तरी मैदान इनमें से किससे बना हुआ है ? [SSC CGL 2017]

  • जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।  
  • भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है। 
  • जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चुना तथा पोटाश प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है। 
  • जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः दो प्रकार की होती है – खादर (नई जलोढ़ मिट्टी) तथा बांगर (पुरानी जलोढ़ मिट्टी)
  • यह मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

#43. लैटेराइट मिट्टी में इनमें से क्या प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ?

#44. इनमें से कौन सी मृदा नमी को रोक कर रखती है तथा इस मृदा को कम सिंचाई की आवश्यकता होती है ? [UPPCS (Pre) 2010]

  • भारत के लगभग 15% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • बेसाल्ट चट्टानों के टूटने फूटने से काली मिट्टी का निर्माण होता है।
  • काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • काली मिट्टी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में पाया जाता है। 
  • यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है तथा कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
  • इस मिट्टी में जलधारण (जल सोखने) की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा धुप पड़ने पर इस मिट्टी में दरारें आ जाती है इसलिए इसे “जुते हुए खेत की मिट्टी” भी कहते हैं। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी पाई जाती है।
  • कपास के आलावा इस मिट्टी में मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, दलहन एवं तिलहन की खेती भी की जाती है।

#45. सामान्य फसलों को उगाने के लिए मृदा का Ph मान कितना होता है ?

#46. दो नदी के बीच के उपजाऊ भूमि को क्या कहा जाता है ? [SSC 2008]

#47. इनमें से कौन सी मिट्टी भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी तटों पर पाई जाती है ? [SSC CHSL 2016]

#48. इनमें से कौन सी मिट्टी चाय बागानों के लिए उपयुक्त होती है ? UPPCS 2002

#49. इनमें से किस प्रक्रिया के द्वारा 'हिमोढ़’ का निर्माण होता है ?

#50. इनमें से किस प्रकार से पर्वतीय स्लोपों में मृदा अपरदन को नियंत्रित किया जा सकता है? [SSC CGL 2010]

#51. इनमें से किस मृदा को सिंचाई की कम आवश्यकता होती है क्यूंकि यह मृदा नमी रोक कर रखती है ? [UPPCS 2014]

Finish

भारत की मिट्टियाँ (Bharat ki Mitti) –

मृदा अध्ययन को (मृदा विज्ञान) पेडोलॉजी कहा जाता है।

चट्टानों के विखंडन के कारण भूमि के ऊपर दानेदार परत का निर्माण होता है तथा इसमें जिव जंतु के सड़ने गलने, जलवायु के क्रमिक परिवर्तन के लाखों वर्षों के निरंतर प्रक्रिया के बाद मृदा का निर्माण होता है। 

भारत की लगभग सभी मिट्टियों में इन तीन तत्वों की कमी रहती है – नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा ह्युमस

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के द्वारा भारत की मिट्टियों को 8 वर्गों में विभाजित किया है। भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में मुख्यतः 4 प्रकार की मिट्टी ही है – जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी, लाल मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी

जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) –

  • जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।  
  • भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है। 
  • जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चुना तथा पोटाश प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
  • जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है। 
  • जलोढ़ मिट्टी मुख्यतः दो प्रकार की होती है – खादर (नई जलोढ़ मिट्टी) तथा बांगर (पुरानी जलोढ़ मिट्टी)यह मिट्टी धान की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

काली मिट्टी (Black Soil) –

  • भारत के लगभग 15% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • बेसाल्ट चट्टानों के टूटने फूटने से काली मिट्टी का निर्माण होता है।
  • काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।
  • काली मिट्टी सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में पाया जाता है। 
  • यह मिट्टी काफी उपजाऊ होती है तथा कपास की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
  • इस मिट्टी में जलधारण (जल सोखने) की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा धुप पड़ने पर इस मिट्टी में दरारें आ जाती है इसलिए इसे “जुते हुए खेत की मिट्टी” भी कहते हैं। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी पाई जाती है।
  • कपास के आलावा इस मिट्टी में मूंगफली, तम्बाकू, गन्ना, दलहन एवं तिलहन की खेती भी की जाती है।

लाल मिट्टी (Red Soil) –

  • भारत के लगभग 18% क्षेत्रफल पर यह मिट्टी फैली हुई है।
  • लाल मिट्टी प्रायद्वीपीय भारत में कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। 
  • फेरिक ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग लाल होता है। 
  • ग्रेनाइट, नीस तथा शिष्ट जैसी रूपांतरित चट्टानों के विखंडन से इस मिट्टी का निर्माण से हुआ है। 
  • इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है।
  • यह मिट्टी तमिलनाडु, नागालैंड, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के कुछ भागों में पाई जाती है। 
  • इस मिट्टी का सबसे ज्यादा विस्तार तमिलनाडु तथा आंध्रप्रदेश में पाया जाता है। 
  • लाल मिट्टी में मुख्य रूप से मोटे अनाज, दलहन तथा तिलहन की खेती की जाती है। 
  • यह मिट्टी बाजरे की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है। 
  • लाल मिट्टी के जल को सोखने के कारण इसका रंग पीला दिखने लगता है। चूना का इस्तेमाल कर इस मृदा की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है।

लैटेराइट मिट्टी (Laterite Soil) –

  • लैटेराइट मिट्टी का निर्माण उस क्षेत्र में होता है जहाँ 200 सेमी. से ज्यादा की वर्षा होती है तथा अत्यधिक गर्मी पड़ती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी को मखमली मिट्टी भी कहा जाता है। 
  • इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड तथा एल्युमिनियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड की प्रचुर मात्रा होने के कारण इस मिट्टी का रंग भी लाल होता है। 
  • यह मिट्टी मुख्य रूप से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र  के कुछ क्षेत्र, उड़ीसा का पठारी क्षेत्र, छोटानागपुर का पाट प्रदेश, असम के कुछ क्षेत्र एवं मेघालय के पठार पर पाई जाती है। 
  • इस मिट्टी का सबसे ज्यादा विस्तार केरल में है।
  • इस मिट्टी में चूना, पोटास, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • इस मिट्टी में चूने की कमी के कारण यह मिट्टी अम्लीय होती है।
  • लैटेराइट मिट्टी की उर्वरकता लाल मिट्टी से कम होती है। 
  • लैटेराइट मिट्टी चाय, इलाइची, काजू, कॉफी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

क्षारीय मिट्टी (Alkaline Soil) –

  • इस मिट्टी को ऊसर, रेह या कल्लर के नाम से भी जाना जाता है। 
  • इन मिट्टियों में सोडियम क्लोराइड एवं सोडियम सल्फेट की अधिकता होती है, इस कारण इस मिट्टी की प्रकृति क्षारीय होती है।
  • इसे लवणीय मिट्टी भी कहते हैं।  
  • क्षारीय मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी होती है। यह एक अनुपजाऊ मृदा है। 
  • इस मिट्टी में नारियल तथा ताड़ की खेती की जाती है।

वनीय मिट्टी (Forest Soil) –

  • वनीय मिट्टी की परत पतली होती है क्यूंकि इसका विकास पर्वतीय ढालों पर होता है। 
  • इस मिट्टी की उर्वरकता कम होती है।
  • इस मिट्टी में चाय, कहवा, मसाले की खेती की जाती है।

मरूस्थलीय मिट्टी (Desert Soil) – 

  • इस प्रकार की बलुई मिट्टी में नमी बहुत कम होती है।
  • मरूस्थलीय मिट्टी का विस्तार राजस्थान, गुजरात, दक्षिण हरियाणा तथा दक्षिण पंजाब में है। 
  • इस मिट्टी में नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है। 
  • मरूस्थलीय मिट्टी में मुख्य रूप से मोटे अनाजों की खेती की जाती है।

पीट मिट्टी या जैविक मिट्टी (Peats Soil) –

  • जैविक पदार्थों का अधिक मात्रा में दलदली क्षेत्रों में जमा होने के कारण इस मिट्टी का निर्माण होता है।
  • यह मिट्टी काली तथा अम्लीय होती है। 
  • इस मिट्टी में फास्फेट तथा पोटाश की कमी होती है।

फसल उगाने के लिए भूमि का Ph लगभग 6 से 7 होता है। 

मिट्टी में अम्लीयता को दूर करने के लिए चुने या लाइम का प्रयोग किया जाता है। 

मिट्टी में क्षारीयता को दूर करने के लिए जिप्सम का प्रयोग किया जाता है।

(भारत की मिट्टियाँ) Bharat ki Mitti List –

मिट्टीक्षेत्रमुख्य फसलपोषक तत्व की अधिकतापोषक तत्व की कमी
जलोढ़ मृदा
(भारत के लगभग 40% भू-भाग पर फैली हुई है)
सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र नदियों के बीच का क्षेत्र तथा समुद्रतटीय क्षेत्रधान, गन्ना, आलू, गेहूँ, तिलहनी तथा दलहनी फसलें।पोटाश तथा चूनानाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा ह्युमस
लाल मिट्टी
(भारत के लगभग 18% भू-भाग पर फैली हुई है)
कर्नाटक, तमिलनाडु, दक्षिण-पूर्व महाराष्ट्र, उड़ीसा, तथा मध्य प्रदेशकेला, तंबाकू, ज्वार, तीसी, कपास, मूंगफली, रागी, गेहूँ, मक्का इत्यादि।लोहानाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा ह्युमस
काली मृदा
(भारत के लगभग 15% भू-भाग पर फैली हुई है)
गुजरात, आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा तमिलनाडुसोयाबीन, चना, कपास, ज्वार, गेहूँ आदि।चूना, मैग्नीशियम, पोटाश तथा एल्युमीनियमनाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा ह्युमस
लैटेराइट मृदा
(भारत के लगभग 3.7% भू-भाग पर फैली हुई है)
तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उड़ीसारबर, चाय, कॉफी, काजू आदि।लोहा तथा एल्युमीनियमनाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा ह्युमस
मरुस्थलीय मृदाराजस्थान, दक्षिणी पंजाब, पश्चिमी हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेशमोटे अनाज, सरसों, बाजरा, ज्वार, जौ आदि।लवण तथा फॉस्फोरसनाइट्रोजन तथा ह्युमस
पर्वतीय मृदाकश्मीर से अरुणाचल प्रदेश (पर्वतीय भाग)आलू सेब, नाशपाती, आदि।ह्युमस, चूना, पोटाश तथा फॉस्फोरस

भारत की मिट्टियाँ (Bharat ki Mitti) –

कौन सी मिट्टी सबसे कम जलधारण क्षमता वाली होती है ?

उत्तर ➲ बलुई दोमट मृदा

सबसे ज्यादा जल पौधों को किस मिट्टी से प्राप्त होता है ?

उत्तर ➲ चिकनी मृदा से

मिट्टी की उर्वरकता को बढ़ाने के लिए किस फसल की खेती की जाती है ?

उत्तर ➲ दलहनी फसल

भारत में लैटेराइट मिट्टी मुख्य रूप से कहाँ मिलती है ?

उत्तर ➲ मालाबार

कौन सी मिट्टी चाय बागानों के लिए उपयोगी मानी जाती है ?

उत्तर ➲ लैटेराइट

कौन सी मिट्टी भारतीय क्षेत्रों में सर्वाधिक पाई जाती है ?

उत्तर ➲ जलोढ़ (Alluvial) / कछारी मृदा

रेगुर मिट्टी को और किस नाम से जानते हैं ?

उत्तर ➲ काली मृदा

किस भारतीय राज्य में रेगुर मिट्टी का विस्तार बहुतायत में है ?

उत्तर ➲ महाराष्ट्र में

पुरानी जलोढ़ मिट्टी को क्या कहते हैं ?

उत्तर ➲ बांगर

मिट्टी में अम्लीयता को दूर करने के लिए किसका उपयोग किया जाता है ?

उत्तर ➲ लाइम या चूना

कौन सी मिट्टी मालवा पठार पर बहुतायत मात्रा में पायी जाती है ?

उत्तर ➲ काली मृदा

भारत में सबसे ज्यादा क्षारीय मिट्टी कहाँ पाई जाती है ?

उत्तर ➲ उत्तर प्रदेश में

पश्चिमी राजस्थान की मिट्टी में कौन सा खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ?

उत्तर ➲ कैल्शियम

कपास की खेती के लिए सबसे उपयोगी मिट्टी कौन सी है ?

उत्तर ➲ काली मिट्टी

मरुस्थलीय मिट्टी में कौन सा खनिज कम पाया जाता है ?

उत्तर ➲ नाइट्रोजन का

मृदा अपरदन को रोकने का उपाय ?

उत्तर ➲ वनारोपण

किस मिट्टी को स्वतः जुताई वाली मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है ?

उत्तर ➲ काली मिट्टी

लैटेराइट मिट्टी भारत के किस हिस्से में मिलती है ?

उत्तर ➲ केरल, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में

मिट्टी की क्षारीयता को कम करने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?

उत्तर ➲ जिप्सम

(भारत की मिट्टियाँ) Bharat ki Mitti FAQ –

काली मिट्टी का दूसरा नाम क्या है?

काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है।

भारत में सबसे बड़े भाग में कौन सी मिट्टी पाई जाती है?

भारत के लगभग 40% क्षेत्रफल पर जलोढ़ मिट्टी फैली हुई है। जलोढ़ मिट्टी का निर्माण नदी द्वारा बहा कर लाये गए तलछट के निक्षेपण के कारण होता है।

लाल मिट्टी कहाँ पाई जाती है?

लाल मिट्टी तमिलनाडु, नागालैंड, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र के कुछ भागों में पाई जाती है। लाल मिट्टी का सबसे ज्यादा विस्तार तमिलनाडु तथा आंध्रप्रदेश में पाया जाता है।

कपास वाली मिट्टी को क्या कहते हैं?

काली मिट्टी को रेगुर मिट्टी, कपास की मिट्टी तथा लावा मिट्टी भी कहा जाता है। टिटानीफेरस मैग्नेटाइट की उपस्थिति के कारण इस मिट्टी का रंग काला होता है।

4 प्रकार की मिट्टी क्या हैं?

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के द्वारा भारत की मिट्टियों को 8 वर्गों में विभाजित किया है। भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में मुख्यतः 4 प्रकार की मिट्टी ही है – जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी, लाल मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी।

भारत में जलोढ़ मिट्टी कहाँ पाई जाती है?

जलोढ़ मिट्टी भारत के सम्पूर्ण उत्तरी मैदान तथा तटीय मैदानों में पाई जाती है।

दोमट मिट्टी का दूसरा नाम क्या है?

जलोढ़ मिट्टी को दोमट मिट्टी या कछारी मिट्टी भी कहा जाता है।

भारत देश में कौन सी मिट्टी पाई जाती है?

भारत के ज्यादातर क्षेत्रों में मुख्यतः 4 प्रकार की मिट्टी ही है – जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी, लाल मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी।

भारत की सबसे महत्वपूर्ण मिट्टी कौन सी है?

जलोढ़ मिट्टी भारत में पाई जाने वाली सबसे उपजाऊ मिट्टी है। इस मिट्टी में फास्फोरस, नाइट्रोजन तथा ह्यूमस की कमी होती है।

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