यूरोपियन आगमन से संबंधित प्रश्न सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इस पोस्ट में यूरोपियन आगमन का Mock Quiz दिया गया है जिस Test को देकर आप अपने Indian Modern History की तैयारी और भी अच्छे से कर सकते हैं।
लगभग सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान से सम्बंधित GK Quiz पूछे जाते हैं इसलिए हम आपके लिए परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए General knowledge quiz लेकर आए हैं। इस पोस्ट में हम आपके लिए यूरोपियन कंपनियों का आगमन से सम्बंधित Important Question Answer लेकर आए हैं जो आपके Exam में आपकी मदद करेगा।
यूरोपियन आगमन से संबंधित GK Online Test
1. भारत में सबसे पहले आने वाली यूरोपीय कंपनी ?
(a) डच ईस्ट इंडिया कंपनी
(b) फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी
(c) पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी
(d) ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी
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उत्तर ➲ (c) पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी
कंपनियों के भारत आने का क्रम –
(1) पुर्तगाली – वर्ष 1498 (2) डच – वर्ष 1605 (3) ब्रिटिश – वर्ष 1608 (4) डेनिश – वर्ष 1620 (5) फ्रेंच – वर्ष 1668
कंपनियों की स्थापना का क्रम –
(1) पुर्तगाली – वर्ष 1498 (2) ब्रिटिश – वर्ष 1600 (3) डच – वर्ष 1602 (4) डेनिश – वर्ष 1616 (5) फ्रेंच – वर्ष 1664
- पुर्तगाल भारत में सबसे पहले आने वाली कंपनी है और भारत से सबसे अंत में जाने वाली कंपनी भी पुर्तगाल ही है। (1498 – 1961)
2. भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की ?
(a) वास्कोडिगामा
(b) बार्थोलोम्यो डिआज़
(c) कोलम्बस
(d) अल्वरेज कैब्राल
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उत्तर ➲ (a) वास्कोडिगामा
महत्वपूर्ण तथ्य –
- केप ऑफ़ गुड होप को पार करते हुए एक गुजरती व्यापारी ‘अब्दुल मजीद’ की सहायता से पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा 17 मई 1498 को भारत के कालीकट बंदरगाह पंहुचा।
- जहाँ कालीकट के हिन्दू शासक ‘जमोरिन’ ने उसका स्वागत किया।
- वास्कोडिगामा ने कालीकट के राजा से व्यापार का अधिकार प्राप्त किया। कुछ महीनों बाद जब वह भारत के मसालों को लेकर पुर्तगाल लौटा तो यूरोपीय बाजार में मसालों से प्राप्त मुनाफा पूरी यात्रा के खर्च का 60 गुना था।
3. पुर्तगालियों ने अपनी पहली कोठी (फैक्ट्री) कहां खोली ?
(a) कोच्चीन
(b) कालीकट
(c) कन्नूर
(d) सूरत
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उत्तर ➲ (b) कालीकट
महत्वपूर्ण तथ्य –
- वास्कोडिगामा द्वारा भारत से लाये गए मसालों से होने वाले मुनाफे को देखते हुए पुर्तगाल के राजा “मैन्युएल प्रथम” ने 1500 में “पेड्रो अल्वरेज कैब्राल” को भारत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित करने भेजा।
- भारत आते हुए उसने “ब्राज़ील” की खोज की थी।
- कैब्राल भारत पहुँच कर कालीकट के राजा से मसालों के व्यापार करने की अनुमति प्राप्त की और पहली पुर्तगाली फैक्ट्री कालीकट में स्थापित किया।
- पुर्तगालियों के आने से पहले “मालाबार तट” से होने वाले समुद्री व्यापार पर अरबों का एकाधिकार था। पुर्तगालियों के आने से अरब खुश नहीं थे। पुर्तगालियों को भी पता था की भारत के मसालों के व्यापार पर पूर्ण रूप से अधिकार प्राप्त कर लेने से उनको कितना बड़ा मुनाफा हो सकता था।
- कुछ समय बाद ही वहाँ एक घटना घटी। पुर्तगाली फैक्ट्री जो कालीकट में स्थापित की गई थी उसपर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। वो हमला अरबों द्वारा ही किया गया था। उसका परिणाम यह हुआ की बहुत से पुर्तगाली मारे गए।
- इसके जवाब में कैब्राल ने अरबों के जहाज पर कब्ज़ा कर लिया और उन जहाजों के सैकड़ो कर्मी दल को मार दिया और उनके जहाज को जला दिया। उसने कालीकट पर बमबारी भी की। जमोरिन ने उस कंपनी को बंद करवा दिया।
- मगर कैब्राल भारत से लिस्बन लौटते समय कोच्चीन और कन्नूर से औपचारिक संधि करने में सफल रहा।
4. किस पुर्तगाली ने 1500 में कालीकट में पहली पुर्तगाली फैक्ट्री खोली ?
(a) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
(b) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
(c) पेड्रो अल्वरेज कैब्राल
(d) वास्कोडिगामा
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उत्तर ➲ (c) पेड्रो अल्वरेज कैब्राल
5. पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) कहां खोली ?
(a) कोच्चीन
(b) कालीकट
(c) कन्नूर
(d) सूरत
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उत्तर ➲ (d) सूरत
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1501 में वास्कोडिगामा भारत वापस आया।
- वह चाहता था कालीकट के राजा ज़मोरिन अरबों के व्यापार करने पर रोक लगाए। मगर जमोरिन ने इंकार कर दिया।
- वास्कोडिगामा कोच्चीन गया और वहाँ उसने पहली व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) बनाई और दूसरी कोठी उसने कन्नूर में बनाई।
6. भारत आने वाला पहला पुर्तगाली गवर्नर ?
(a) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
(b) नीनो डी कुन्हा
(c) फ्रांसिस्को जोविएर
(d) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
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उत्तर ➲ (d) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1505 में पुर्तगाल के राजा ने “फ्रांसिस्को डी अलमिडा” को 3 साल के लिए गवर्नर नियुक्त किया।
- नए नियुक्त गवर्नर को भारत में पुर्तगाल की स्थिति को मजबूत करने तथा अरब व्यापार बर्बाद करने के निर्देश दिए गए थे।
- पुर्तगालियों के आने से अरब, मिस्र, तुर्की तथा गुजरात के व्यापारियों को व्यापर में बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा था। यह नुकसान आगे चलकर 1508 में युद्ध का रूप ले लेता है।
- 1508 के “चौल के युद्ध” में फ्रांसिस्को डी अलमिडा को गुजरात के शासक महमूद बेगड़ा से हार का सामना करना पड़ता है।
- इस युद्ध में मिस्र और तुर्की महमूद बेगड़ा का साथ देते हैं। फ्रांसिस्को डी अलमिडा का बेटा इस युद्ध में मारा जाता है।
- उसके एक साल बाद 1509 में “दीव का युद्ध” होता है जिसमें “फ्रांसिस्को डी अलमिडा” महमूद बेगड़ा, मिस्र और तुर्की के जहाजी बेड़ों को हरा देता है।
- इस युद्ध से साबित हो गया था की आने वाले समय में भारत से होने वाले व्यापर के ऊपर यूरोपीयन का प्रभुत्व स्थापित होने वाला था।
7. भारत में “ब्लू वाटर पालिसी” या “शांत जल निति” को किसने शुरू किया ?
(a) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
(b) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
(c) नीनो डी कुन्हा
(d) फ्रांसिस्को जोविएर
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उत्तर ➲ (b) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
महत्वपूर्ण तथ्य –
- पुर्तगाली चाहते थे भारत के चारो तरफ जितने भी व्यापार समुद्री मार्ग से होते है उसपर पुर्तगाल का एकाधिकार हो।
- इसी एकाधिकार को स्थापित करने के लिए फ्रांसिस्को डी अलमिडा ने “ब्लू वाटर पालिसी” को शुरू किया।
8. भारत में पुर्तगाली शक्ति का वास्तविक संस्थापक कौन था ?
(a) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
(b) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
(c) नीनो डी कुन्हा
(d) फ्रांसिस्को जोविएर
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उत्तर ➲ (b) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1509 में अल्फांसो डी अल्बुकर्क भारत में पुर्तगालियों का दूसरा गवर्नर बना।
- इसने गोवा (1510) , मलक्का (1511) , होर्मुज (1515) पर कब्ज़ा किया।
9. गोवा पर किस पुर्तगाली गवर्नर ने कब्ज़ा किया ?
(a) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
(b) नीनो डी कुन्हा
(c) फ्रांसिस्को जोविएर
(d) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
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उत्तर ➲ (d) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1510 में अल्फांसो डी अल्बुकर्क ने बीजापुर शासक युसूफ आदिल शाह को हराकर गोवा पर कब्ज़ा किया।
- आगे चलकर यही गोवा भारत में पुर्तगालियों की राजधानी बनेगा।
10. कोचीन को किस पुर्तगाली गवर्नर ने अपना केंद्र बनाया ?
(a) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
(b) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
(c) नीनो डी कुन्हा
(d) फ्रांसिस्को जोविएर
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उत्तर ➲ (b) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
महत्वपूर्ण तथ्य –
- इसने भारतीय महिलाओं के साथ विवाह की नीति को अपनाया।
- सती प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास किया।
- विजयनगर के शासक कृष्ण देव राय के साथ इसके अच्छे सम्बन्ध थे।
11. किस पुर्तगाली गवर्नर ने गोवा को राजधानी बनाया ?
(a) फ्रांसिस्को डी अलमिडा
(b) अल्फांसो डी अल्बुकर्क
(c) नीनो डी कुन्हा
(d) फ्रांसिस्को जोविएर
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उत्तर ➲ (c) नीनो डी कुन्हा
महत्वपूर्ण तथ्य –
- नीनो डी कुन्हा ने 1530 में कोचीन की जगह गोवा को अपनी राजधानी बनाया।
- बंगाल में पुर्तगाली प्रभाव बढ़ाने के लिए इसने हुगली और सेंट थॉमस में पुर्तगाली बस्ती बसाई।
- इसी दौरान 1534 में नीनो डी कुन्हा ने गुजरात के शासक बहादुर शाह से मुलाकात के दौरान झगड़े में जहाज पर उसकी हत्या कर दी और बम्बई पर कब्ज़ा कर लिया।
12. कार्टेज-अर्मिडा-काफिला नीति की शुरुआत किसने की थी ?
(a) ब्रिटिश
(b) पुर्तगाली
(c) फ्रेंच
(d) डच
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उत्तर ➲ (b) पुर्तगाली
महत्वपूर्ण तथ्य –
- यह एक प्रकार का परमिट होता था। समुद्री यात्रा करते समय पुर्तगालियों से यह परमिट लेना होता था जिसके लिए उसे शुल्क देने होते थे।
- यह परमिट नहीं लेने पर अक्सर उनके साथ समुद्री लूट हो जाती थी।
- मुग़ल बादशाह अकबर तक को उनसे परमिट लेना पड़ा था।
- पुर्तगाल को अगले 100 सालों तक यूरोपीय देशों से कोई चुनौती नहीं मिलने वाली थी।
13. 1556 में गोवा में प्रिंटिंग प्रेस कौन लेकर आया ?
(a) पुर्तगाली
(b) ब्रिटिश
(c) फ्रेंच
(d) डच
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उत्तर ➲ (a) पुर्तगाली
महत्वपूर्ण तथ्य –
- पुर्तगालियों ने भारत में तम्बाकू की खेती, जहाज निर्माण कला की शुरुआत की।
- ईसाई धर्म का प्रचार शुरू किया। पहला यूरोपियन चर्च सेंट थॉमस (केरल, 1510) भी पुर्तगालियों के समय बना।
- भारत में गोथिक स्थापत्य कला की शुरुआत भी इन्होने ही किया था।
14. भारत में डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री कहां स्थापित की ?
(a) केरल
(b) सूरत
(c) मसूलीपट्नम
(d) ट्रावनकोर
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उत्तर ➲ (c) मसूलीपट्नम
महत्वपूर्ण तथ्य –
- भारत में आने वाली दूसरी यूरोपियन कंपनी डच थी जो की हॉलैंड (वर्त्तमान में नीदरलैंड) निवासी थे।
- 1602 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया में बनाया गया।
- भारत में डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री 1605 में मसूलीपट्नम में स्थापित की।
- बंगाल में प्रथम डच फैक्ट्री पीपली में स्थापित किया गया।
- डचों ने पुलिकट में अपने स्वर्ण निर्मित पैगोडा सिक्कों का प्रचलन करवाया। पुर्तग़ालिओं का वर्चस्व समाप्त करने में डचों का सबसे बड़ा हाथ था।
15. डचों का अंत भारत में किस युद्ध के बाद हुआ ?
(a) बेदरा युद्ध
(b) कर्नाटक युद्ध
(c) मैसूर युद्ध
(d) बंगाल युद्ध
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उत्तर ➲ (a) बेदरा युद्ध
1759 में बेदरा युद्ध में अंग्रेज़ों द्वारा पराजित होने के बाद डच पूर्वी एशिया के द्वीपों पर सिमट कर रह गए।
16. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई थी ?
(a) 1598
(b) 1608
(c) 1592
(d) 1600
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उत्तर ➲ (d) 1600
महत्वपूर्ण तथ्य –
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के समय इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ थी और भारत पर अकबर का शासन था।
- यह एक प्राइवेट कंपनी थी। कंपनी का प्रथम गवर्नर थॉमस स्मिथ (thomas smith) था।
- 1600 में रानी एलिज़ाबेथ ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को “रॉयल चार्टर” जारी कर 15 वर्षों का पूर्ण एकाधिकार दे दिया। इस चार्टर के अनुसार इंग्लैण्ड की केवल ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ही भारत के साथ व्यापर कर सकती थी।
- 1609 में राजा जेम्स ने यह एकाधिकार बढ़ाकर अनिश्चित काल तक कर दिया जो (1609 से 1813) तक चला। 1813 के बाद धीरे धीरे 1833 में जाकर पूर्ण एकाधिकार समाप्त हुआ।
- 1599 में पहला ब्रिटिश यात्री जॉन मिल्डेनहॉल भारत आया था भारत की यात्रा करने।
17. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत कब आई ?
(a) 1600
(b) 1598
(c) 1608
(d) 1610
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उत्तर ➲ (c) 1608
महत्वपूर्ण तथ्य –
- जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी 1608 में भारत आई तो उस समय भारत पर जहांगीर (1605-1625) का शासन था।
- कंपनी “रेड ड्रैगन” जहाज से भारत आई थी।
18. मुग़ल दरबार में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और राजा जेम्स की तरफ से जाने वाला पहला राजदूत कौन था ?
(a) टॉमस रो
(b) कैप्टन हॉकिंस
(c) हैक्टर मुनरो
(d) रॉबर्ट क्लाइव
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उत्तर ➲ (b) कैप्टन हॉकिंस
महत्वपूर्ण तथ्य –
- अंग्रेज़ गुजरात के सूरत में फैक्ट्री खोलना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने 1609 में कैप्टन विलियम हॉकिंस को मुग़ल बादशाह जहांगीर के दरबार में अनुमति लेने भेजा।
- कैप्टन हॉकिंस तुर्की भाषा का बहुत अच्छा जानकर था उसने जहांगीर से तुर्की भाषा में बात किया जिससे जहांगीर बहुत खुश हुआ और हॉकिंस को 400 का मनसब और इंग्लिश खान की उपाधि दी।
- मगर पुर्तगालियों के दबाव के कारण हॉकिंस अनुमति लेने में असफल रहा।
- हॉकिंस “हैक्टर” नामक ब्रिटिश जहाज का कप्तान था।
19. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना पहला फैक्ट्री कहाँ स्थापित किया ?
(a) मसूलीपट्नम
(b) मद्रास
(c) सूरत
(d) उड़ीसा
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उत्तर ➲ (a) मसूलीपट्नम
1609 में सूरत में फैक्ट्री खोलने की इजाज़त ना मिल पाने के कारण 1611 में मसूलीपट्नम में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना पहला फैक्ट्री स्थापित किया।
20. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उत्तर-पश्चिम भारत में पहला स्थायी व्यापारिक केंद्र कहाँ स्थापित किया ?
(a) मसूलीपट्नम
(b) मद्रास
(c) सूरत
(d) उड़ीसा
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उत्तर ➲ (c) सूरत
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1612 में अंग्रेज़ों और पुर्तग़ालिओं के बीच एक छोटा सा युद्ध होता है जिसे “सवाली या सुआली के युद्ध” से जाना जाता है।
- जिसमें “कैप्टन थॉमस बेस्ट” ने सूरत के निकट स्वाली में पुर्तगालियों के जहाजी बेड़ों को परास्त किया जिससे प्रभावित होकर जहांगीर ने अंग्रेज़ों को 1613 में सूरत में स्थायी फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति दे दी।
21. ब्रिटेन के राजा जेम्स के किस राजदूत ने जहांगीर से पुरे मुग़ल साम्राज्य में फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति प्राप्त की ?
(a) टॉमस रो
(b) कैप्टन हॉकिंस
(c) हैक्टर मुनरो
(d) रॉबर्ट क्लाइव
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उत्तर ➲ (a) टॉमस रो
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1615 में राजा जेम्स का राजदूत टॉमस रॉ भारत आता है और उसने जहांगीर से पुरे मुग़ल साम्राज्य में व्यापर करने की अनुमति ले ली।
- अब पुरे उत्तर भारत में ये कही भी फैक्ट्री खोल सकते थे।
- जहांगीर (1605-1627) के बाद शाहजहां (1627-1658) मुग़ल साम्राज्य का शासक बनता है।
- उत्तर भारत में मजबूत केंद्रीकृत शासन होने के कारण अंग्रेज़ों से अभी कोई परेशानी नहीं थी। इस बीच अंग्रेज़ पुर्तगाली शक्ति के प्रभाव को कम करते है और भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी फैक्ट्री खोलते है।
- 1623 तक अंग्रेज़ सूरत और मसूलीपट्नम के आलावा अहमदाबाद तथा भड़ौच में अपनी व्यापारिक फैक्ट्री खोल लेते है।
22. अंग्रेज़ों को स्वर्ण फरमान किसने जारी किया ?
(a) मुग़ल सम्राट ने
(b) गोलकुंडा के शासक ने
(c) बंगाल के गवर्नर ने
(d) हैदराबाद के नवाब ने
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उत्तर ➲ (b) गोलकुंडा के शासक ने
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1632 में गोलकुण्डा के सुल्तान “अब्दुल्ला कुतुब शाह” ने अंग्रेजों को “सुनहरा फरमान” जारी किया।
- इस फरमान के तहत 500 पगोडा वार्षिक कर के बदले में अंग्रेज राज्य के बंदरगाह पर स्वतंत्रतापूर्वक व्यापार कर सकते थे।
23. अंग्रेज़ों ने भारत में पहली किलेबंद व्यापारिक कोठी कहां स्थापित किया ?
(a) सूरत
(b) कोचीन
(c) बंगाल
(d) मद्रास
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उत्तर ➲ (d) मद्रास
1639 में फ्रांसिस डे ने चंद्रगिरी के राजा से मद्रास लीज़ में लिया और बाद में पहली किलेबंद व्यापारिक कोठी “फोर्ट सेंट जॉर्ज” का निर्माण किया जो अंग्रेज़ों का दक्षिण व्यापार का केंद्र बना।
24. अंग्रेज़ों ने बंगाल में पहली फैक्ट्री कहाँ खोली ?
(a) कासिम बाजार
(b) पुलिकट
(c) पटना
(d) हुगली
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उत्तर ➲ (d) हुगली
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1651 में अंग्रेज़ बंगाल में अपनी पहली फैक्ट्री हुगली में खोलते है।
- उस समय बंगाल का गवर्नर शाहशुजा था उसने 3000 रु के वार्षिक कर पर अंग्रेज़ों को “निशान” (एक प्रकार का आदेशपत्र) जारी किया जिसकी मदद से अंग्रेज़ बंगाल के हुगली क्षेत्र में व्यापार कर सकते थे।
25. पुर्तगालियों ने किस वर्ष अंग्रेज़ों को दहेज़ के रूप में पूरा बम्बई टापू दे दिया ?
(a) 1560
(b) 1661
(c) 1561
(d) 1660
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उत्तर ➲ (b) 1661
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1534 में पुर्तगाली गवर्नर नीनो डी कुन्हा ने गुजरात के शासक बहादुर शाह से मुलाकात के दौरान झगड़े में जहाज पर उसकी हत्या कर दी और बम्बई पर कब्ज़ा कर लिया।
- 1661 में ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स प्रथम एवं पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन ऑफ़ ब्रेगेंज़ा का विवाह होता है और पुर्तगाल ने ब्रिटेन को दहेज़ के रूप में पूरा बम्बई दे दिया।
- 1668 में ब्रिटेन ने 10 पाउंड के वार्षिक कर पर बम्बई को ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया।
- इस विवाह का मुख्य कारण 17 वीं शताब्दी में यूरोपीय देशों में तनाव का माहौल था जिसकी वजह से अंग्रेज़ों और पुर्तगालियों ने एक संधि के रूप में यह शादी करवाई।
- गेराल्ड ओगियार द्वारा बम्बई की स्थापना की गई थी।
- 1687 में सूरत के स्थान पर बम्बई को केंद्र बनाया गया।
26. किस मुग़ल बादशाह ने 1686 में अंग्रेज़ों पर आक्रमण कर अंगेज़ों से हुगली और मुसलीपत्तनम छीन लिया ?
(a) जहांगीर
(b) शाहजहां
(c) बहादुर शाह
(d) औरंगजेब
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उत्तर ➲ (d) औरंगजेब
महत्वपूर्ण तथ्य –
- औरंगजेब को खबर मिलती है अंग्रेज़ भारतीय व्यापरियों को परेशान करते है चुंगी नहीं देते।
- 1686 में अंग्रेज़ों और औरंगज़ेब (1658-1707) के बीच छोटी से लड़ाई होती है जिसमें औरंगजेब, अंग्रेज़ों को बुरी तरह पराजित करता है।
- अंग्रेजों से हुगली, मसूलीपट्टनम छीन लिया जाता है इसके लिए अंग्रेज़ माफ़ी मांगते हैं।
- औरंगजेब जुर्माना लेकर अंग्रेज़ों को फिर से व्यापर करने का अधिकार प्रदान कर देता है।
27. कलकत्ता की स्थापना किसने की थी ?
(a) गेराल्ड ओगियार
(b) जॉब चार्नोक
(c) चार्ल्स आयर
(d) फ्रैंको मार्टिन
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उत्तर ➲ (b) जॉब चार्नोक
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1698 में अजीमुशान द्वारा अंग्रेज़ों को बंगाल के तीन गाँव कालीकट, सुतानाती, गोविंदपुर मिलते है।
- इन तीनों गाँव को मिलाकर जॉब चरनॉक (Job Charnock) ने कलकत्ता की स्थापना की।
- अंग्रेज़ों ने इसे “फोर्ट विलियम्स” नाम दिया तथा प्रथम प्रेसिडेंट चार्ल्स आयर को बनाया।
- 1700 में कलकत्ता को पहला प्रेसिडेंसी नगर बनाया गया।
- 1707 में अंतिम प्रभावी मुग़ल शासक औरंगजेब की मृत्यु हो जाती है।
- उत्तर भारत में व्यवस्थित और केंद्रीकृत मुग़ल साम्राज्य का पतन यहाँ से शुरू हो जाता है। यहाँ से अंग्रेज़ अपनी पैर पसारना शुरू कर देते है।
- मुग़ल साम्राज्य पर अब कमजोर शासक फरुखसियर का शासन था। फरुखसियर को घृणित कायर भी कहा जाता है।
28. अंग्रेज़ों को शाही फरमान किसने जारी किया ?
(a) अब्दुल्ला कुतुब शाह
(b) फरुखसियर
(c) शाहशुजा
(d) युसूफ आदिल शाह
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उत्तर ➲ (b) फरुखसियर
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1717 को जॉन सरमन मिशन एवं डॉक्टर हैमिल्टन, फरुखसियर से मिलने जाते हैं। उस समय फरुखसियर एक बीमारी से ग्रसित था जिसका इलाज़ डॉक्टर हैमिल्टन ने कर दिया।
- जॉन सरमन मिशन ने इसके बदले में फरुखसियर से पुरे उत्तर भारत पर कर मुक्त व्यापार करने की अनुमति मांगी।
- फरुखसियर ने अंग्रेज़ों को शाही फरमान (Royal decree) जारी कर दिया।
- अंग्रेज़ों को 3000 रु के वार्षिक कर पर पुरे बंगाल और 10000 रु के वार्षिक कर पर पुरे सूरत पर कर मुक्त व्यापर करने की अनुमति दे दी।
- बम्बई में ढाले जाने वाले ब्रिटिश कंपनी के सिक्कों को पुरे मुग़ल साम्राज्य में चलाने की अनुमति भी दे दी।
- इसी को इतिहासकारों ने मैग्नाकार्टा ऑफ़ कंपनी (Magna carta of company) कहा।
- अंग्रेज़ों को शाही फरमान जारी किया – फरुखसियर (मुग़ल सम्राट) ने 1717
- अंग्रेज़ों को स्वर्ण फरमान जारी किया – गोलकुंडा के शासक अब्दुल्ला कुतुब शाह ने 1632
- अंग्रेज़ों को निशान जारी किया – बंगाल का गवर्नर शाहशुजा ने 1651
29. डेनिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पहली फैक्ट्री कहां खोली ?
(a) मसूलीपट्नम
(b) त्रेंकोबर (तमिलनाडु)
(c) सूरत
(d) कोचीन
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उत्तर ➲ (b) त्रेंकोबर (तमिलनाडु)
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1616 में डेनिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आई।
- पहली फैक्ट्री 1620 में त्रेंकोबर (तमिलनाडु) में खोली। दूसरी फैक्ट्री सीरामपुर बंगाल में खोली।
- 1845 में अंग्रेज़ों को सारी फैक्ट्री बेच कर चले गए।
30. फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी भारत कब आई ?
(a) 1668
(b) 1608
(c) 1616
(d) 1658
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उत्तर ➲ (a) 1668
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1668 में यह कंपनी भारत आती है।
- 1664 में फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना होती है कंपनी का फ्रेंच नाम (कंपनी देस इनदेस ओरिऐंटलेस) था।
- यह एक पूर्णतः सरकारी कंपनी थी। इस समय फ्रांस के राजा लुइस 14 (Louis XIV) थे।
- इस कंपनी की स्थापना का सुझाव राजा के एक मंत्री कोल्बर्ट ने दिया था।
31. फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पहला केंद्र कहां खोला ?
(a) कोचीन
(b) सूरत
(c) मसूलीपट्नम
(d) बंगाल
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उत्तर ➲ (b) सूरत
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1668 में यह कंपनी भारत आती है और “फैंको कैरो” के नेतृत्व में पहली फैक्ट्री सूरत में खोलती है तथा 1669 में दूसरी फैक्ट्री मसूलीपट्नम में खोलती है।
- 1673 में बंगाल के नवाब इब्राहिम खां की अनुमति से फ़्राँसीसी चंद्रनगर में बस्ती बसाते है। 1688 में चंद्रनगर फ़्राँसीसीओं का स्थाई केंद्र बन गया।
- शेर खां लोदी से कुछ गांव प्राप्त करने के बाद फ्रैंकोइस मार्टिन ने 1674 में पांडिचेरी की स्थापना की।
32. डूप्ले (Joseph François Dupleix) गवर्नर जनरल कब बनता है ?
(a) 1742
(b) 1732
(c) 1642
(d) 1632
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उत्तर ➲ (a) 1742
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1668 से 1742 तक कंपनी का एक मात्रा उद्देश्य व्यापर करना था।
- 1742 में डूप्ले (Joseph François Dupleix) गवर्नर जनरल बनता है और साम्राज्य विस्तार पर काम करना शुरू करता है। ताकि भारत पर व्यापर का एकाधिकार जमा सके।
- इससे पहले डूप्ले चंद्रनगर का गवर्नर था।
- मुग़ल बादशाह आलमगीर द्वितीय ने डूप्ले को “नवाब” की पदवी प्रदान की थी।
डूप्ले की निति –
- भारत के आंतरिक मामलों पर हस्तक्षेप करना।
- इसने सहायक संधि की स्थापना की (भारत उस समय तक छोटे छोटे राज्यों में टूट रहा था। वो छोटे राज्यों के साथ संधि कर उनको सुरक्षा देता था)
- फ्रांस बहुत तेज़ी से पैर पसार रहा था और इसी के चलते उसका संघर्ष तेज़ी से फैलते अंग्रेज़ों से होता है। दोनों के बिच 3 प्रमुख युद्ध होंगे।
- इन युद्धों को कर्नाटक के युद्ध से जाना जाता है। इस युद्ध में भारतीय राजा भी शामिल थे मगर वास्तविक रूप में यह युद्ध ब्रिटेन और फ्रांस के बीच था।
- मुगलों के पतन के बाद राजनैतिक प्रभुत्वता को देसी शासकों के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी प्राप्त करना चाहती थी।
- देसी ताकतों में मुख्य मराठा थे और विदेशी ताकतों में वर्चस्व की लड़ाई ब्रिटेन और फ्रांस के बिच हो रही थी।
33. कर्नाटक का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
(a) कर्नाटक के नवाब और अंग्रेज़ों के बीच
(b) कर्नाटक के नवाब और फ़्राँसीसिओं के बीच
(c) अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसिओं के बीच
(d) अंग्रेज़ों और पुर्तग़ालिओं के बीच
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उत्तर ➲ (c) अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसिओं के बीच
34. प्रथम कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था ?
(a) कर्नाटक के उत्तराधिकार का युद्ध
(b) फ्रांस के उत्तराधिकार का युद्ध
(c) ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार का युद्ध
(d) इंग्लैंड के उत्तराधिकार का युद्ध
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उत्तर ➲ (c) ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार का युद्ध
महत्वपूर्ण तथ्य –
- प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746-1748) ‘ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार के युद्ध’ से प्रभावित था।
- यूरोप में फ्रांस और इंग्लैंड के बीच ऑस्ट्रिया पर अधिकार को लेकर संघर्ष शुरू हुआ तो भारत में भी इन दोनों की लड़ाई शुरू हो गई।
- भारत में इनकी लड़ाई की शुरुआत अंग्रेजी नौसेना द्वारा फ़्राँसीसी जलपोतों को जप्त कर लेने से होती है।
- प्रथम कर्नाटक युद्ध में फ़्राँसीसिओं और अंग्रेज़ों के बीच बहुत से छोटे छोटे युद्ध होते है, फ्रांस का नेतृत्व ‘डूप्ले’ और अंग्रेज़ का नेतृत्व ‘मोर्स’ कर रहा था। युद्ध में फ़्राँसीसिओं का पलड़ा भारी रहता है।
- सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई “अड्यार की लड़ाई या सेंट थोम” (St.Thome) की लड़ाई थी।
35. अड्यार की लड़ाई या सेंट थोम (St.Thome) की लड़ाई किसके बीच हुई ?
(a) कर्नाटक के नवाब और अंग्रेज़ों के बीच
(b) कर्नाटक के नवाब और फ़्राँसीसिओं के बीच
(c) अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसिओं के बीच
(d) अंग्रेज़ों और पुर्तग़ालिओं के बीच
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उत्तर ➲ (b) कर्नाटक के नवाब और फ़्राँसीसिओं के बीच
महत्वपूर्ण तथ्य –
- अड्यार की लड़ाई या सेंट थोम (St.Thome) की लड़ाई (1746) फ्रांस की सेना और कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन के बीच हुई जिसमे फ्रांस जीत गया।
- पांडिचेरी का फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले था और मद्रास का अंग्रेज़ गवर्नर मोर्स था।
- 1746 में डूप्ले ने मॉरीशस के गवर्नर लाबोर्डोने की सहायता से अंग्रेज़ों को हरा कर मद्रास को अपने अधिकार में ले लिया।
- मद्रास तथा पांडिचेरी के बंदरगाह कर्नाटक के अंदर आते थे। डूप्ले ने मद्रास जितने के बाद कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन को मद्रास देने का वादा किया था मगर बाद में इंकार कर दिया।
- तब अनवरुद्दीन ने 10,000 की सेना के साथ हमला कर दिया मगर डूप्ले के नेतृत्व में छोटी सी प्रशिक्षित फ्रांसीसी सेना ने अड्यार के समीप नवाब की सेना को हरा दिया।
- इस युद्ध ने भारतीय राजनीति का खोखलापन उजागर कर दिया। भारतीय राजाओं का आपसी संघर्ष, उनकी सैनिक कमजोरी, नौसेना का आभाव, इन सब तत्वों ने मिलकर विदेशियों को भारत में साम्राज्य कायम करने की प्रेरणा दी।
36. प्रथम कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ ख़त्म हुआ ?
(a) पांडिचेरी की संधि
(b) एक्स-ला-शैपेल की संधि
(c) पेरिस की संधि
(d) सूरत की संधि
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उत्तर ➲ (b) एक्स-ला-शैपेल की संधि
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1748 में यूरोप में एक्स-ला-शैपेल की संधि हुई जिससे यूरोप में युद्ध समाप्त हो गया।
- इससे भारत में भी दोनों पक्षों के बीच युद्ध समाप्त हो गया। इस संधि के शर्तों के साथ अंग्रेज़ों को मद्रास तथा फ़्राँसीसीओं को अमेरिका में लुइसबर्ग वापस मिल गया।
- कर्नाटक के प्रथम युद्ध के अंत में दोनों दल बराबर रहे किसी को कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।
37. दूसरे कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था?
(a) मद्रास और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर
(b) पांडिचेरी और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर
(c) हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर
(d) बम्बई और सूरत के उत्तराधिकार को लेकर
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उत्तर ➲ (c) हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर
महत्वपूर्ण तथ्य –
- दूसरा कर्नाटक युद्ध (1749-1754) हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर हुआ।
- 1748 में हैदराबाद के संस्थापक निजाम-उल-मुल्क(चिनकिलिच खां) की मृत्यु होने के बाद पुत्र नासिर जंग और पोते मुज्ज़फरजंग के बीच संघर्ष शुरू हो जाता है।
- दूसरी तरफ कर्नाटक में अनवरुद्दीन और चंदा साहब के बीच गद्दी के लिए संघर्ष शुरू हो जाता है।
- अंग्रेज़ों ने अनवरुद्दीन और नासिर जंग का समर्थन किया तथा फ़्राँसीसीओं ने चंदा साहब और मुज्ज़फरजंग का समर्थन किया।
- 1749 में अम्बर के युद्ध में अनवरुद्दीन मारा जाता है और 1750 में हैदराबाद में नासिरजंग भी मारा जाता है।
- फ़्राँसीसीओं का पलड़ा भारी था मगर राबर्ट क्लाइव की कूटनीति ने अंग्रेज़ों की इस हारी हुई जंग को बराबरी में बदल दिया।
38. द्वितीय कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ ख़त्म हुआ ?
(a) एक्स-ला-शैपेल की संधि
(b) पांडिचेरी की संधि
(c) पेरिस की संधि
(d) सूरत की संधि
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उत्तर ➲ (b) पांडिचेरी की संधि
महत्वपूर्ण तथ्य –
- द्वितीय कर्नाटक युद्ध में डूप्ले के नेतृत्व में फ़्राँसीसी हावी थे अंग्रेज़ों पर, मगर राबर्ट क्लाइव की कूटनीति ने अंग्रेज़ों को बराबरी पर खड़ा कर दिया।
- डूप्ले को फ्रांस वापस बुला लिया गया और उसकी जगह गोडेहू को अगला गवर्नर बनाया गया।
- 1754 में ‘पांडिचेरी की संधि’ से यह युद्ध समाप्त हुआ। पांडिचेरी के संधि को “गोडेहू संधि” से भी जाना जाता है।
इस संधि के अनुसार–
- दोनों कंपनी एक दूसरे के कब्जे किये हुए क्षेत्रों को वापस करेगी।
- दोनों ही कंपनी भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगी।
- मगर यह संधि कुछ ही महीनों में टूटने वाली थी।
39. तीसरे कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था ?
(a) ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार का युद्ध
(b) हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर
(c) बम्बई और सूरत के उत्तराधिकार को लेकर
(d) फ्रांस और इंग्लैंड के बीच सप्तवर्षीय युद्ध
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उत्तर ➲ फ्रांस और इंग्लैंड के बीच सप्तवर्षीय युद्ध
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1756 में यूरोप में इंग्लैंड और फ्रांस के बीच सप्तवर्षीय युद्ध (7 year war) शुरू हो जाती है जिसके कारण भारत में भी इन दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो जाती है।
- तृतीय कर्नाटक युद्ध (1758 – 1763) के बीच लड़ा गया।
40. तीसरे कर्नाटक युद्ध में फ़्रांसीसी सेना का नेतृत्व किसने किया था ?
(a) डूप्ले
(b) गोडेहू
(c) लाली
(d) बुस्सी
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उत्तर ➲ (c) लाली
महत्वपूर्ण तथ्य –
- भारत में अंग्रेज़ों के बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए फ़्रांसीसी सरकार ने “काउंट डी लाली” को अप्रैल 1758 में भारत भेजा।
- इस समय तक अंग्रेज़ भारत में प्लासी का युद्ध जीतकर बंगाल पर कब्ज़ा कर चुके थे और बंगाल में फ़्रांसीसी बस्ती चंद्रनगर भी अंग्रेज़ों के कब्जे में आ चुका था।
- भारत आते ही लाली ने सबसे पहले जून 1758 में अंग्रेज़ों की बस्ती सेंट फोर्ट डेविड पर कब्ज़ा कर लिया उसके बाद उसने मद्रास को कब्जा करने का निर्णय किया उसके लिए लाली ने हैदराबाद के गवर्नर बुस्सी को मद्रास बुला लिया।
- इस मौके का फायदा उठाकर अंग्रेज़ों ने हैदराबाद पर कब्ज़ा कर लिया।
- 1760 में इन दोनों के बीच निर्णायक युद्ध “वांडीवाश का युद्ध” होता है।
41. वांडीवाश के युद्ध में अंग्रेज़ों का नेतृत्व किसने किया था ?
(a) आयरकूट
(b) लाली
(c) डूप्ले
(d) गोडेहू
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उत्तर ➲ (a) आयरकूट
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1760 में मद्रास तथा पांडिचेरी के बीच स्थित वांडीवाश नामक स्थान पर अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसीओ के बीच वांडीवाश का निर्णायक युद्ध लड़ा गया।
- अँग्रेज़ी सेना का नेतृत्व आयरकूट कर रहा था और फ़्राँसीसी सेना का नेतृत्व लाली के हाथों में था।
- इस युद्ध में अँग्रेज़ी सेना ने फ़्राँसीसी सेना को बुरी तरह हराया तथा 1761 में पांडिचेरी को अपने कब्जे में ले लिया।
42. तीसरा कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ खत्म हुआ ?
(a) पांडिचेरी की संधि
(b) एक्स-ला-शैपेल की संधि
(c) पेरिस की संधि
(d) सूरत की संधि
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उत्तर ➲ (c) पेरिस की संधि
महत्वपूर्ण तथ्य –
- 1763 में यूरोप में अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसीओं के बीच हुई “पेरिस की संधि” के साथ तीसरे कर्नाटक युद्ध का अंत हुआ।
- इस संधि के तहत अंग्रेज़ों ने फ़्राँसीसीओं को पांडिचेरी, चंद्रनगर सहित जीते हुए सारे प्रदेश उनको लौटा दिए लेकिन इस शर्त के साथ की फ़्राँसीसी अब भारत में अपनी सेना नहीं रख सकते और फैक्ट्रयों की किलेबंदी नहीं कर सकते। फ़्राँसीसी फ़ैक्ट्रियाँ अब केवल व्यापर करने के ऊपर ही केंद्रित रहेगी।
- इस संधि के बाद फ़्राँसीसीओं ने अंग्रेज़ों का विरोध करना छोड़ दिया और अपना सारा ध्यान व्यापर पर केंद्रित कर लिया।
- पुरे कर्नाटक युद्ध के दौरान अंग्रेज़ों को भारतीय राजाओं का आपसी संघर्ष, उनकी सैनिक कमजोरी, नौसेना का आभाव, उनकी छोटी सी प्रशिक्षित सेना के सामने भारतीय राजाओं की बड़ी सेना का हार जाना, ये सारे पेहलु उनके सामने खुली किताब की तरह सामने आ गई थी। फ़्राँसीसीओं की हार के बाद अंग्रेज़ अब पुरे भारत पर एकछत्र राज करने का सपना देखने लगे।
भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन –
GK Online Test in Hindi शुरू करने से पहले हमलोग ये जान लेते हैं की यूरोपियन को भारत के मार्ग की खोज करने की लालसा जगी कैसे। इससे हमलोगों को अच्छे से इस घटना का background clear हो जायेगा और Objective GK Quiz in Hindi में Solve करने में बहुत आसानी होगी।
भारत के सामान तथा मसालों के व्यापार के 2 मुख्य Trade route रहे हैं जो आसान और तेज़ी से व्यापार करने के लिए प्रसिद्ध थे। जिसमें एक route था फारस की खाड़ी (Persian Gulf) का route जिसके जरिये भारत के सामान तथा मसालों को इराक तथा तुर्की लाया जाता था, और दूसरा route था Gulf of Eden से होते हुए Red Sea का route जिसके जरिये भारत के सामान तथा मसालों को मिस्र (Egypt) के अलेक्सांद्रिया (Alexandria) लाया जाता था।
Red Sea वाले route का इस्तेमाल Roman भारत से व्यापार करने के लिए बहुत ज्यादा किया करते थे, मगर इन trade route पर किसी का कब्ज़ा होने वाला था देखते हैं कैसे।
रोमन साम्राज्य (roman empire) 395 AD में दो भागों में बंट गया था Eastern Roman Empire and Western Roman Empire में। Western Roman Empire कुछ ही सालों में ख़त्म हो गया और Eastern Roman Empire बना Byzantine Empire जिसका capital था Constantinople– कुस्तुन्तुनिआ (present name – Istanbul)। Constantinople महत्वपूर्ण इसलिए भी था क्योंकि यह यूरोप महाद्वीप और एशिया महाद्वीप को एक दूसरे से जोड़ता था और उस समय का trade center हुआ करता था।
1299 में Ottoman Empire (उस्मानिया सल्तनत) का जन्म हुआ। Ottoman Empire ने बहुत तेज़ी से अपने साम्राज्य का विस्तार किया और वही दूसरी ओर Byzantine Empire कमजोर होता चला गया और सिमट कर Constantinople तक रह गया। Ottoman Empire का एशिया के सारे trade route पर कब्ज़ा हो गया था मगर ऊँची ऊँची दीवारों से घिरे होने के कारण Constantinople अभी इनके कब्जे में नहीं आया था।
Ottoman Empire ने सारे trade routes पर व्यापर के लिए टैक्स लगाया हुआ था जिससे बाहरी वस्तुओं का दाम आसमान छूने लगा। यूरोपीय बाजार तक ज्यादातर भारतीय सामान तथा मसालें Constantinople से भेजे जाते थे। Greece, Bulgaria, Serbia, Romania तथा इसके आस पास के क्षेत्र पर Ottoman Empire का कब्ज़ा था इसलिए भारतीय मसालों का यूरोपीय बाजार तक पहुंचने का एक मात्र रास्ता इटली था।
धीरे धीरे इटली ने यूरोपीय बाजार में होने वाले एशियाई मसालों के व्यापार पर अपना एकाधिकार कर लिया। भारतीय मसालें यूरोपीय बाजार तक पहुंचते पहुंचते बहुत महंगे हो जाते थे मगर उसके बावजूद वहां भारतीय मसालों की मांग बहुत ज्यादा थी।
1453 में Ottoman Empire ने Byzantine Empire को हरा दिया तथा Constantinople उनके कब्ज़े में आ गया। यूरोपीय देशों को अब और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। यूरोपीय इटली के एकाधिकार को भी तोड़ना चाहते थे और तुर्कों से शत्रुता भी मोल नहीं लेना चाहते थे।
इसलिए यूरोपीय अब पूर्व से सीधे व्यापार सम्बन्ध स्थापित करना चाहते थे। मगर अब सवाल यहाँ ये उठता है की यूरोपीय पहले भी तो पूर्व से सीधे व्यापार करने की सोच सकते थे।
उसका कारण यह था की उसी समय यूरोप में पुनर्जागरण शुरू हुआ था। यूरोप में साहित्य एवं विज्ञान का विकास हो रहा था। यूरोपियों ने विज्ञानं की मदद से समुद्री यातायात को और बेहतर बनाया। जिससे अब दूर की यात्रा आसान हो गई। इसलिए आप देखोगे इसी समय अंतराल में ज्यादातर नए देशों की खोज की गई।
यूरोप में पुनर्जागरण के बाद समुद्री मार्ग खोजना उतना कठिन काम नहीं रह गया था। जहाज निर्माण में कुशलता और दिशा सूचक के अविष्कार के बाद यूरोपीय देश भारत से सीधे व्यापर करना चाहते थे।
समुद्री मार्ग के खोज का पहला कदम पुर्तगाल और स्पेन ने उठाया। पुर्तगाल के प्रिंस हेनरी को भारत को लेकर जूनून सवार था, उसका उपनाम “हेनरी द नेविगेटर” था। वेनिस (इटली का एक शहर) की समृद्धि से उसे अंदाज़ा था की भारत से सीधा व्यापार उसके लिए कितना फायदेमंद हो सकता है। उसने अपना पूरा जीवन भारत के समुद्री मार्ग के खोज में समर्पित कर दिया। मगर भारत के मार्ग की खोज से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई।
1487 में बार्थोलोम्यो डिआज़ नामक एक पुर्तगाली यात्री भारत के समुद्री मार्ग की खोज में निकला और अफ्रीका के दक्षिणी छोर तक पहुंच गया और इस जगह को “केप ऑफ़ गुड होप” या “उत्तमाशा अंतरीप” का नाम दिया गया। 1488 में डिआज़ लिस्बन लौट आया और इसके 10 वर्ष के बाद 1498 में वास्कोडिगामा भारत पंहुचा।
स्पेन का नाविक कोलम्बस 1492 में भारत के समुद्री मार्ग को खोजने निकला, लेकिन वो भटक कर एक अलग ही द्वीप चला गया। इस तरह उसने अमेरिका की खोज की।
इसके आगे हमलोग GK Quiz in Hindi – GK Online Test in Hindi में जानेंगे की किस तरह यूरोपियों ने भारत में व्यापर करने की अनुमति मांगी तथा व्यापर करते करते किस तरह भारत पर आधिपत्य स्थापित करने का षड़यंत्र रचने लगे।
यूरोपियन आगमन MCQ in Hindi –
Results
You Can Do It With Just A Little Effort.
#1. भारत में सबसे पहले आने वाली यूरोपीय कंपनी ?
Important Note –
कंपनियों के भारत आने का क्रम –
(1) पुर्तगाली – वर्ष 1498 (2) डच – वर्ष 1605 (3) ब्रिटिश – वर्ष 1608 (4) डेनिश – वर्ष 1620 (5) फ्रेंच – वर्ष 1668
कंपनियों की स्थापना का क्रम –
(1) पुर्तगाली – वर्ष 1498 (2) ब्रिटिश – वर्ष 1600 (3) डच – वर्ष 1602 (4) डेनिश – वर्ष 1616 (5) फ्रेंच – वर्ष 1664
- पुर्तगाल भारत में सबसे पहले आने वाली कंपनी है और भारत से सबसे अंत में जाने वाली कंपनी भी पुर्तगाल ही है। (1498 – 1961)
#2. भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की ?
Important Note –
- केप ऑफ़ गुड होप को पार करते हुए एक गुजरती व्यापारी ‘अब्दुल मजीद’ की सहायता से पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा 17 मई 1498 को भारत के कालीकट बंदरगाह पंहुचा।
- जहाँ कालीकट के हिन्दू शासक ‘जमोरिन’ ने उसका स्वागत किया।
- वास्कोडिगामा ने कालीकट के राजा से व्यापार का अधिकार प्राप्त किया। कुछ महीनों बाद जब वह भारत के मसालों को लेकर पुर्तगाल लौटा तो यूरोपीय बाजार में मसालों से प्राप्त मुनाफा पूरी यात्रा के खर्च का 60 गुना था।
#3. पुर्तगालियों ने अपनी पहली कोठी (फैक्ट्री) कहां खोली ?
- वास्कोडिगामा द्वारा भारत से लाये गए मसालों से होने वाले मुनाफे को देखते हुए पुर्तगाल के राजा “मैन्युएल प्रथम” ने 1500 में “पेड्रो अल्वरेज कैब्राल” को भारत के साथ व्यापारिक सम्बन्ध स्थापित करने भेजा।
- भारत आते हुए उसने “ब्राज़ील” की खोज की थी।
- कैब्राल भारत पहुँच कर कालीकट के राजा से मसालों के व्यापार करने की अनुमति प्राप्त की और पहली पुर्तगाली फैक्ट्री कालीकट में स्थापित किया।
- पुर्तगालियों के आने से पहले “मालाबार तट” से होने वाले समुद्री व्यापार पर अरबों का एकाधिकार था। पुर्तगालियों के आने से अरब खुश नहीं थे। पुर्तगालियों को भी पता था की भारत के मसालों के व्यापार पर पूर्ण रूप से अधिकार प्राप्त कर लेने से उनको कितना बड़ा मुनाफा हो सकता था।
- कुछ समय बाद ही वहाँ एक घटना घटी। पुर्तगाली फैक्ट्री जो कालीकट में स्थापित की गई थी उसपर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। वो हमला अरबों द्वारा ही किया गया था। उसका परिणाम यह हुआ की बहुत से पुर्तगाली मारे गए।
- इसके जवाब में कैब्राल ने अरबों के जहाज पर कब्ज़ा कर लिया और उन जहाजों के सैकड़ो कर्मी दल को मार दिया और उनके जहाज को जला दिया। उसने कालीकट पर बमबारी भी की। जमोरिन ने उस कंपनी को बंद करवा दिया।
- मगर कैब्राल भारत से लिस्बन लौटते समय कोच्चीन और कन्नूर से औपचारिक संधि करने में सफल रहा।
#4. किस पुर्तगाली ने 1500 में कालीकट में पहली पुर्तगाली फैक्ट्री खोली ?
#5. पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) कहां खोली ?
- 1501 में वास्कोडिगामा भारत वापस आया।
- वह चाहता था कालीकट के राजा ज़मोरिन अरबों के व्यापार करने पर रोक लगाए। मगर जमोरिन ने इंकार कर दिया।
- वास्कोडिगामा कोच्चीन गया और वहाँ उसने पहली व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) बनाई और दूसरी कोठी उसने कन्नूर में बनाई।
#6. भारत आने वाला पहला पुर्तगाली गवर्नर ?
- 1505 में पुर्तगाल के राजा ने “फ्रांसिस्को डी अलमिडा” को 3 साल के लिए गवर्नर नियुक्त किया।
- नए नियुक्त गवर्नर को भारत में पुर्तगाल की स्थिति को मजबूत करने तथा अरब व्यापार बर्बाद करने के निर्देश दिए गए थे।
- पुर्तगालियों के आने से अरब, मिस्र, तुर्की तथा गुजरात के व्यापारियों को व्यापर में बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा था। यह नुकसान आगे चलकर 1508 में युद्ध का रूप ले लेता है।
- 1508 के “चौल के युद्ध” में फ्रांसिस्को डी अलमिडा को गुजरात के शासक महमूद बेगड़ा से हार का सामना करना पड़ता है।
- इस युद्ध में मिस्र और तुर्की महमूद बेगड़ा का साथ देते हैं। फ्रांसिस्को डी अलमिडा का बेटा इस युद्ध में मारा जाता है।
- उसके एक साल बाद 1509 में “दीव का युद्ध” होता है जिसमें “फ्रांसिस्को डी अलमिडा” महमूद बेगड़ा, मिस्र और तुर्की के जहाजी बेड़ों को हरा देता है।
- इस युद्ध से साबित हो गया था की आने वाले समय में भारत से होने वाले व्यापर के ऊपर यूरोपीयन का प्रभुत्व स्थापित होने वाला था।
#7. भारत में "ब्लू वाटर पालिसी" या "शांत जल निति" को किसने शुरू किया ?
- पुर्तगाली चाहते थे भारत के चारो तरफ जितने भी व्यापार समुद्री मार्ग से होते है उसपर पुर्तगाल का एकाधिकार हो।
- इसी एकाधिकार को स्थापित करने के लिए फ्रांसिस्को डी अलमिडा ने “ब्लू वाटर पालिसी” को शुरू किया।
#8. भारत में पुर्तगाली शक्ति का वास्तविक संस्थापक कौन था ?
- 1509 में अल्फांसो डी अल्बुकर्क भारत में पुर्तगालियों का दूसरा गवर्नर बना।
- इसने गोवा (1510) , मलक्का (1511) , होर्मुज (1515) पर कब्ज़ा किया।
#9. गोवा पर किस पुर्तगाली गवर्नर ने कब्ज़ा किया ?
- 1510 में अल्फांसो डी अल्बुकर्क ने बीजापुर शासक युसूफ आदिल शाह को हराकर गोवा पर कब्ज़ा किया।
- आगे चलकर यही गोवा भारत में पुर्तगालियों की राजधानी बनेगा।
#10. कोचीन को किस पुर्तगाली गवर्नर ने अपना केंद्र बनाया ?
- इसने भारतीय महिलाओं के साथ विवाह की नीति को अपनाया।
- सती प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास किया।
- विजयनगर के शासक कृष्ण देव राय के साथ इसके अच्छे सम्बन्ध थे।
#11. किस पुर्तगाली गवर्नर ने गोवा को राजधानी बनाया ?
- नीनो डी कुन्हा ने 1530 में कोचीन की जगह गोवा को अपनी राजधानी बनाया।
- बंगाल में पुर्तगाली प्रभाव बढ़ाने के लिए इसने हुगली और सेंट थॉमस में पुर्तगाली बस्ती बसाई।
- इसी दौरान 1534 में नीनो डी कुन्हा ने गुजरात के शासक बहादुर शाह से मुलाकात के दौरान झगड़े में जहाज पर उसकी हत्या कर दी और बम्बई पर कब्ज़ा कर लिया।
#12. कार्टेज-अर्मिडा-काफिला नीति की शुरुआत किसने की थी ?
- यह एक प्रकार का परमिट होता था। समुद्री यात्रा करते समय पुर्तगालियों से यह परमिट लेना होता था जिसके लिए उसे शुल्क देने होते थे।
- यह परमिट नहीं लेने पर अक्सर उनके साथ समुद्री लूट हो जाती थी।
- मुग़ल बादशाह अकबर तक को उनसे परमिट लेना पड़ा था।
- पुर्तगाल को अगले 100 सालों तक यूरोपीय देशों से कोई चुनौती नहीं मिलने वाली थी।
#13. 1556 में गोवा में प्रिंटिंग प्रेस कौन लेकर आया ?
- पुर्तगालियों ने भारत में तम्बाकू की खेती, जहाज निर्माण कला की शुरुआत की।
- ईसाई धर्म का प्रचार शुरू किया। पहला यूरोपियन चर्च सेंट थॉमस (केरल, 1510) भी पुर्तगालियों के समय बना।
- भारत में गोथिक स्थापत्य कला की शुरुआत भी इन्होने ही किया था।
#14. भारत में डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री कहां स्थापित की ?
- भारत में आने वाली दूसरी यूरोपियन कंपनी डच थी जो की हॉलैंड (वर्त्तमान में नीदरलैंड) निवासी थे।
- 1602 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया में बनाया गया।
- भारत में डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री 1605 में मसूलीपट्नम में स्थापित की।
- बंगाल में प्रथम डच फैक्ट्री पीपली में स्थापित किया गया।
- डचों ने पुलिकट में अपने स्वर्ण निर्मित पैगोडा सिक्कों का प्रचलन करवाया। पुर्तग़ालिओं का वर्चस्व समाप्त करने में डचों का सबसे बड़ा हाथ था।
#15. डचों का अंत भारत में किस युद्ध के बाद हुआ ?
- 1759 में बेदरा युद्ध में अंग्रेज़ों द्वारा पराजित होने के बाद डच पूर्वी एशिया के द्वीपों पर सिमट कर रह गए।
#16. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई थी ?
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना के समय इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ थी और भारत पर अकबर का शासन था।
- यह एक प्राइवेट कंपनी थी। कंपनी का प्रथम गवर्नर थॉमस स्मिथ (thomas smith) था।
- 1600 में रानी एलिज़ाबेथ ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को “रॉयल चार्टर” जारी कर 15 वर्षों का पूर्ण एकाधिकार दे दिया। इस चार्टर के अनुसार इंग्लैण्ड की केवल ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ही भारत के साथ व्यापर कर सकती थी।
- 1609 में राजा जेम्स ने यह एकाधिकार बढ़ाकर अनिश्चित काल तक कर दिया जो (1609 से 1813) तक चला। 1813 के बाद धीरे धीरे 1833 में जाकर पूर्ण एकाधिकार समाप्त हुआ।
- 1599 में पहला ब्रिटिश यात्री जॉन मिल्डेनहॉल भारत आया था भारत की यात्रा करने।
#17. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत कब आई ?
- जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी 1608 में भारत आई तो उस समय भारत पर जहांगीर (1605-1625) का शासन था।
- कंपनी “रेड ड्रैगन” जहाज से भारत आई थी।
#18. मुग़ल दरबार में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और राजा जेम्स की तरफ से जाने वाला पहला राजदूत कौन था ?
- अंग्रेज़ गुजरात के सूरत में फैक्ट्री खोलना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने 1609 में कैप्टन विलियम हॉकिंस को मुग़ल बादशाह जहांगीर के दरबार में अनुमति लेने भेजा।
- कैप्टन हॉकिंस तुर्की भाषा का बहुत अच्छा जानकर था उसने जहांगीर से तुर्की भाषा में बात किया जिससे जहांगीर बहुत खुश हुआ और हॉकिंस को 400 का मनसब और इंग्लिश खान की उपाधि दी।
- मगर पुर्तगालियों के दबाव के कारण हॉकिंस अनुमति लेने में असफल रहा।
- हॉकिंस “हैक्टर” नामक ब्रिटिश जहाज का कप्तान था।
#19. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना पहला फैक्ट्री कहाँ स्थापित किया ?
- 1609 में सूरत में फैक्ट्री खोलने की इजाज़त ना मिल पाने के कारण 1611 में मसूलीपट्नम में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना पहला फैक्ट्री स्थापित किया।
#20. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उत्तर-पश्चिम भारत में पहला स्थायी व्यापारिक केंद्र कहाँ स्थापित किया ?
- 1612 में अंग्रेज़ों और पुर्तग़ालिओं के बीच एक छोटा सा युद्ध होता है जिसे “सवाली या सुआली के युद्ध” से जाना जाता है।
- जिसमें “कैप्टन थॉमस बेस्ट” ने सूरत के निकट स्वाली में पुर्तगालियों के जहाजी बेड़ों को परास्त किया जिससे प्रभावित होकर जहांगीर ने अंग्रेज़ों को 1613 में सूरत में स्थायी फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति दे दी।
#21. ब्रिटेन के राजा जेम्स के किस राजदूत ने जहांगीर से पुरे मुग़ल साम्राज्य में फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति प्राप्त की ?
- 1615 में राजा जेम्स का राजदूत टॉमस रॉ भारत आता है और उसने जहांगीर से पुरे मुग़ल साम्राज्य में व्यापर करने की अनुमति ले ली।
- अब पुरे उत्तर भारत में ये कही भी फैक्ट्री खोल सकते थे।
- जहांगीर (1605-1627) के बाद शाहजहां (1627-1658) मुग़ल साम्राज्य का शासक बनता है।
- उत्तर भारत में मजबूत केंद्रीकृत शासन होने के कारण अंग्रेज़ों से अभी कोई परेशानी नहीं थी। इस बीच अंग्रेज़ पुर्तगाली शक्ति के प्रभाव को कम करते है और भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी फैक्ट्री खोलते है।
- 1623 तक अंग्रेज़ सूरत और मसूलीपट्नम के आलावा अहमदाबाद तथा भड़ौच में अपनी व्यापारिक फैक्ट्री खोल लेते है।
#22. अंग्रेज़ों को स्वर्ण फरमान किसने जारी किया ?
- 1632 में गोलकुण्डा के सुल्तान “अब्दुल्ला कुतुब शाह” ने अंग्रेजों को “सुनहरा फरमान” जारी किया।
- इस फरमान के तहत 500 पगोडा वार्षिक कर के बदले में अंग्रेज राज्य के बंदरगाह पर स्वतंत्रतापूर्वक व्यापार कर सकते थे।
#23. अंग्रेज़ों ने भारत में पहली किलेबंद व्यापारिक कोठी कहां स्थापित किया ?
- 1639 में फ्रांसिस डे ने चंद्रगिरी के राजा से मद्रास लीज़ में लिया और बाद में पहली किलेबंद व्यापारिक कोठी “फोर्ट सेंट जॉर्ज” का निर्माण किया जो अंग्रेज़ों का दक्षिण व्यापार का केंद्र बना।
#24. अंग्रेज़ों ने बंगाल में पहली फैक्ट्री कहाँ खोली ?
- 1651 में अंग्रेज़ बंगाल में अपनी पहली फैक्ट्री हुगली में खोलते है।
- उस समय बंगाल का गवर्नर शाहशुजा था उसने 3000 रु के वार्षिक कर पर अंग्रेज़ों को “निशान” (एक प्रकार का आदेशपत्र) जारी किया जिसकी मदद से अंग्रेज़ बंगाल के हुगली क्षेत्र में व्यापार कर सकते थे।
#25. पुर्तगालियों ने किस वर्ष अंग्रेज़ों को दहेज़ के रूप में पूरा बम्बई टापू दे दिया ?
- 1534 में पुर्तगाली गवर्नर नीनो डी कुन्हा ने गुजरात के शासक बहादुर शाह से मुलाकात के दौरान झगड़े में जहाज पर उसकी हत्या कर दी और बम्बई पर कब्ज़ा कर लिया।
- 1661 में ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स प्रथम एवं पुर्तगाल की राजकुमारी कैथरीन ऑफ़ ब्रेगेंज़ा का विवाह होता है और पुर्तगाल ने ब्रिटेन को दहेज़ के रूप में पूरा बम्बई दे दिया।
- 1668 में ब्रिटेन ने 10 पाउंड के वार्षिक कर पर बम्बई को ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया।
- इस विवाह का मुख्य कारण 17 वीं शताब्दी में यूरोपीय देशों में तनाव का माहौल था जिसकी वजह से अंग्रेज़ों और पुर्तगालियों ने एक संधि के रूप में यह शादी करवाई।
- गेराल्ड ओगियार द्वारा बम्बई की स्थापना की गई थी।
- 1687 में सूरत के स्थान पर बम्बई को केंद्र बनाया गया।
#26. किस मुग़ल बादशाह ने 1686 में अंग्रेज़ों पर आक्रमण कर अंगेज़ों से हुगली और मुसलीपत्तनम छीन लिया ?
- औरंगजेब को खबर मिलती है अंग्रेज़ भारतीय व्यापरियों को परेशान करते है चुंगी नहीं देते।
- 1686 में अंग्रेज़ों और औरंगज़ेब (1658-1707) के बीच छोटी से लड़ाई होती है जिसमें औरंगजेब, अंग्रेज़ों को बुरी तरह पराजित करता है।
- अंग्रेजों से हुगली, मसूलीपट्टनम छीन लिया जाता है इसके लिए अंग्रेज़ माफ़ी मांगते हैं।
- औरंगजेब जुर्माना लेकर अंग्रेज़ों को फिर से व्यापर करने का अधिकार प्रदान कर देता है।
#27. कलकत्ता की स्थापना किसने की थी ?
- 1698 में अजीमुशान द्वारा अंग्रेज़ों को बंगाल के तीन गाँव कालीकट, सुतानाती, गोविंदपुर मिलते है।
- इन तीनों गाँव को मिलाकर जॉब चरनॉक (Job Charnock) ने कलकत्ता की स्थापना की।
- अंग्रेज़ों ने इसे “फोर्ट विलियम्स” नाम दिया तथा प्रथम प्रेसिडेंट चार्ल्स आयर को बनाया।
- 1700 में कलकत्ता को पहला प्रेसिडेंसी नगर बनाया गया।
- 1707 में अंतिम प्रभावी मुग़ल शासक औरंगजेब की मृत्यु हो जाती है।
- उत्तर भारत में व्यवस्थित और केंद्रीकृत मुग़ल साम्राज्य का पतन यहाँ से शुरू हो जाता है। यहाँ से अंग्रेज़ अपनी पैर पसारना शुरू कर देते है।
- मुग़ल साम्राज्य पर अब कमजोर शासक फरुखसियर का शासन था। फरुखसियर को घृणित कायर भी कहा जाता है।
#28. अंग्रेज़ों को शाही फरमान किसने जारी किया ?
- 1717 को जॉन सरमन मिशन एवं डॉक्टर हैमिल्टन, फरुखसियर से मिलने जाते हैं। उस समय फरुखसियर एक बीमारी से ग्रसित था जिसका इलाज़ डॉक्टर हैमिल्टन ने कर दिया।
- जॉन सरमन मिशन ने इसके बदले में फरुखसियर से पुरे उत्तर भारत पर कर मुक्त व्यापार करने की अनुमति मांगी।
- फरुखसियर ने अंग्रेज़ों को शाही फरमान (Royal decree) जारी कर दिया।
- अंग्रेज़ों को 3000 रु के वार्षिक कर पर पुरे बंगाल और 10000 रु के वार्षिक कर पर पुरे सूरत पर कर मुक्त व्यापर करने की अनुमति दे दी।
- बम्बई में ढाले जाने वाले ब्रिटिश कंपनी के सिक्कों को पुरे मुग़ल साम्राज्य में चलाने की अनुमति भी दे दी।
- इसी को इतिहासकारों ने मैग्नाकार्टा ऑफ़ कंपनी (Magna carta of company) कहा।
- अंग्रेज़ों को शाही फरमान जारी किया – फरुखसियर (मुग़ल सम्राट) ने 1717
- अंग्रेज़ों को स्वर्ण फरमान जारी किया – गोलकुंडा के शासक अब्दुल्ला कुतुब शाह ने 1632
- अंग्रेज़ों को निशान जारी किया – बंगाल का गवर्नर शाहशुजा ने 1651
#29. डेनिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पहली फैक्ट्री कहां खोली ?
- 1616 में डेनिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आई।
- पहली फैक्ट्री 1620 में त्रेंकोबर (तमिलनाडु) में खोली। दूसरी फैक्ट्री सीरामपुर बंगाल में खोली।
- 1845 में अंग्रेज़ों को सारी फैक्ट्री बेच कर चले गए।
#30. फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी भारत कब आई ?
- 1668 में यह कंपनी भारत आती है।
- 1664 में फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना होती है कंपनी का फ्रेंच नाम (कंपनी देस इनदेस ओरिऐंटलेस) था।
- यह एक पूर्णतः सरकारी कंपनी थी। इस समय फ्रांस के राजा लुइस 14 (Louis XIV) थे।
- इस कंपनी की स्थापना का सुझाव राजा के एक मंत्री कोल्बर्ट ने दिया था।
#31. फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पहला केंद्र कहां खोला ?
- 1668 में यह कंपनी भारत आती है और “फैंको कैरो” के नेतृत्व में पहली फैक्ट्री सूरत में खोलती है तथा 1669 में दूसरी फैक्ट्री मसूलीपट्नम में खोलती है।
- 1673 में बंगाल के नवाब इब्राहिम खां की अनुमति से फ़्राँसीसी चंद्रनगर में बस्ती बसाते है। 1688 में चंद्रनगर फ़्राँसीसीओं का स्थाई केंद्र बन गया।
- शेर खां लोदी से कुछ गांव प्राप्त करने के बाद फ्रैंकोइस मार्टिन ने 1674 में पांडिचेरी की स्थापना की।
#32. डूप्ले (Joseph François Dupleix) गवर्नर जनरल कब बनता है ?
- 1668 से 1742 तक कंपनी का एक मात्रा उद्देश्य व्यापर करना था।
- 1742 में डूप्ले (Joseph François Dupleix) गवर्नर जनरल बनता है और साम्राज्य विस्तार पर काम करना शुरू करता है। ताकि भारत पर व्यापर का एकाधिकार जमा सके।
- इससे पहले डूप्ले चंद्रनगर का गवर्नर था।
- मुग़ल बादशाह आलमगीर द्वितीय ने डूप्ले को “नवाब” की पदवी प्रदान की थी।
डूप्ले की निति –
- भारत के आंतरिक मामलों पर हस्तक्षेप करना।
- इसने सहायक संधि की स्थापना की (भारत उस समय तक छोटे छोटे राज्यों में टूट रहा था। वो छोटे राज्यों के साथ संधि कर उनको सुरक्षा देता था)
- फ्रांस बहुत तेज़ी से पैर पसार रहा था और इसी के चलते उसका संघर्ष तेज़ी से फैलते अंग्रेज़ों से होता है। दोनों के बिच 3 प्रमुख युद्ध होंगे।
- इन युद्धों को कर्नाटक के युद्ध से जाना जाता है। इस युद्ध में भारतीय राजा भी शामिल थे मगर वास्तविक रूप में यह युद्ध ब्रिटेन और फ्रांस के बीच था।
- मुगलों के पतन के बाद राजनैतिक प्रभुत्वता को देसी शासकों के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी प्राप्त करना चाहती थी।
- देसी ताकतों में मुख्य मराठा थे और विदेशी ताकतों में वर्चस्व की लड़ाई ब्रिटेन और फ्रांस के बिच हो रही थी।
#33. कर्नाटक का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
#34. प्रथम कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था ?
- प्रथम कर्नाटक युद्ध (1746-1748) ‘ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार के युद्ध’ से प्रभावित था।
- यूरोप में फ्रांस और इंग्लैंड के बीच ऑस्ट्रिया पर अधिकार को लेकर संघर्ष शुरू हुआ तो भारत में भी इन दोनों की लड़ाई शुरू हो गई।
- भारत में इनकी लड़ाई की शुरुआत अंग्रेजी नौसेना द्वारा फ़्राँसीसी जलपोतों को जप्त कर लेने से होती है।
- प्रथम कर्नाटक युद्ध में फ़्राँसीसिओं और अंग्रेज़ों के बीच बहुत से छोटे छोटे युद्ध होते है, फ्रांस का नेतृत्व ‘डूप्ले’ और अंग्रेज़ का नेतृत्व ‘मोर्स’ कर रहा था। युद्ध में फ़्राँसीसिओं का पलड़ा भारी रहता है।
- सबसे महत्वपूर्ण लड़ाई “अड्यार की लड़ाई या सेंट थोम” (St.Thome) की लड़ाई थी।
#35. अड्यार की लड़ाई या सेंट थोम (St.Thome) की लड़ाई किसके बीच हुई ?
- अड्यार की लड़ाई या सेंट थोम (St.Thome) की लड़ाई (1746) फ्रांस की सेना और कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन के बीच हुई जिसमे फ्रांस जीत गया।
- पांडिचेरी का फ्रांसीसी गवर्नर डूप्ले था और मद्रास का अंग्रेज़ गवर्नर मोर्स था।
- 1746 में डूप्ले ने मॉरीशस के गवर्नर लाबोर्डोने की सहायता से अंग्रेज़ों को हरा कर मद्रास को अपने अधिकार में ले लिया।
- मद्रास तथा पांडिचेरी के बंदरगाह कर्नाटक के अंदर आते थे। डूप्ले ने मद्रास जितने के बाद कर्नाटक के नवाब अनवरुद्दीन को मद्रास देने का वादा किया था मगर बाद में इंकार कर दिया।
- तब अनवरुद्दीन ने 10,000 की सेना के साथ हमला कर दिया मगर डूप्ले के नेतृत्व में छोटी सी प्रशिक्षित फ्रांसीसी सेना ने अड्यार के समीप नवाब की सेना को हरा दिया।
- इस युद्ध ने भारतीय राजनीति का खोखलापन उजागर कर दिया। भारतीय राजाओं का आपसी संघर्ष, उनकी सैनिक कमजोरी, नौसेना का आभाव, इन सब तत्वों ने मिलकर विदेशियों को भारत में साम्राज्य कायम करने की प्रेरणा दी।
#36. प्रथम कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ ख़त्म हुआ ?
- 1748 में यूरोप में एक्स-ला-शैपेल की संधि हुई जिससे यूरोप में युद्ध समाप्त हो गया।
- इससे भारत में भी दोनों पक्षों के बीच युद्ध समाप्त हो गया। इस संधि के शर्तों के साथ अंग्रेज़ों को मद्रास तथा फ़्राँसीसीओं को अमेरिका में लुइसबर्ग वापस मिल गया।
- कर्नाटक के प्रथम युद्ध के अंत में दोनों दल बराबर रहे किसी को कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।
#37. दूसरे कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था?
- दूसरा कर्नाटक युद्ध (1749-1754) हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर हुआ।
- 1748 में हैदराबाद के संस्थापक निजाम-उल-मुल्क(चिनकिलिच खां) की मृत्यु होने के बाद पुत्र नासिर जंग और पोते मुज्ज़फरजंग के बीच संघर्ष शुरू हो जाता है।
- दूसरी तरफ कर्नाटक में अनवरुद्दीन और चंदा साहब के बीच गद्दी के लिए संघर्ष शुरू हो जाता है।
- अंग्रेज़ों ने अनवरुद्दीन और नासिर जंग का समर्थन किया तथा फ़्राँसीसीओं ने चंदा साहब और मुज्ज़फरजंग का समर्थन किया।
- 1749 में अम्बर के युद्ध में अनवरुद्दीन मारा जाता है और 1750 में हैदराबाद में नासिरजंग भी मारा जाता है।
- फ़्राँसीसीओं का पलड़ा भारी था मगर राबर्ट क्लाइव की कूटनीति ने अंग्रेज़ों की इस हारी हुई जंग को बराबरी में बदल दिया।
#38. द्वितीय कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ ख़त्म हुआ ?
- द्वितीय कर्नाटक युद्ध में डूप्ले के नेतृत्व में फ़्राँसीसी हावी थे अंग्रेज़ों पर, मगर राबर्ट क्लाइव की कूटनीति ने अंग्रेज़ों को बराबरी पर खड़ा कर दिया।
- डूप्ले को फ्रांस वापस बुला लिया गया और उसकी जगह गोडेहू को अगला गवर्नर बनाया गया।
- 1754 में ‘पांडिचेरी की संधि’ से यह युद्ध समाप्त हुआ। पांडिचेरी के संधि को “गोडेहू संधि” से भी जाना जाता है।
इस संधि के अनुसार–
- दोनों कंपनी एक दूसरे के कब्जे किये हुए क्षेत्रों को वापस करेगी।
- दोनों ही कंपनी भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेगी।
- मगर यह संधि कुछ ही महीनों में टूटने वाली थी।
#39. तीसरे कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था ?
- 1756 में यूरोप में इंग्लैंड और फ्रांस के बीच सप्तवर्षीय युद्ध (7 year war) शुरू हो जाती है जिसके कारण भारत में भी इन दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो जाती है।
- तृतीय कर्नाटक युद्ध (1758 – 1763) के बीच लड़ा गया।
#40. तीसरे कर्नाटक युद्ध में फ़्रांसीसी सेना का नेतृत्व किसने किया था ?
- भारत में अंग्रेज़ों के बढ़ते वर्चस्व को रोकने के लिए फ़्रांसीसी सरकार ने “काउंट डी लाली” को अप्रैल 1758 में भारत भेजा।
- इस समय तक अंग्रेज़ भारत में प्लासी का युद्ध जीतकर बंगाल पर कब्ज़ा कर चुके थे और बंगाल में फ़्रांसीसी बस्ती चंद्रनगर भी अंग्रेज़ों के कब्जे में आ चुका था।
- भारत आते ही लाली ने सबसे पहले जून 1758 में अंग्रेज़ों की बस्ती सेंट फोर्ट डेविड पर कब्ज़ा कर लिया उसके बाद उसने मद्रास को कब्जा करने का निर्णय किया उसके लिए लाली ने हैदराबाद के गवर्नर बुस्सी को मद्रास बुला लिया।
- इस मौके का फायदा उठाकर अंग्रेज़ों ने हैदराबाद पर कब्ज़ा कर लिया।
- 1760 में इन दोनों के बीच निर्णायक युद्ध “वांडीवाश का युद्ध” होता है।
#41. वांडीवाश के युद्ध में अंग्रेज़ों का नेतृत्व किसने किया था ?
- 1760 में मद्रास तथा पांडिचेरी के बीच स्थित वांडीवाश नामक स्थान पर अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसीओ के बीच वांडीवाश का निर्णायक युद्ध लड़ा गया।
- अँग्रेज़ी सेना का नेतृत्व आयरकूट कर रहा था और फ़्राँसीसी सेना का नेतृत्व लाली के हाथों में था।
- इस युद्ध में अँग्रेज़ी सेना ने फ़्राँसीसी सेना को बुरी तरह हराया तथा 1761 में पांडिचेरी को अपने कब्जे में ले लिया।
#42. तीसरा कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ खत्म हुआ ?
- 1763 में यूरोप में अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसीओं के बीच हुई “पेरिस की संधि” के साथ तीसरे कर्नाटक युद्ध का अंत हुआ।
- इस संधि के तहत अंग्रेज़ों ने फ़्राँसीसीओं को पांडिचेरी, चंद्रनगर सहित जीते हुए सारे प्रदेश उनको लौटा दिए लेकिन इस शर्त के साथ की फ़्राँसीसी अब भारत में अपनी सेना नहीं रख सकते और फैक्ट्रयों की किलेबंदी नहीं कर सकते। फ़्राँसीसी फ़ैक्ट्रियाँ अब केवल व्यापर करने के ऊपर ही केंद्रित रहेगी।
- इस संधि के बाद फ़्राँसीसीओं ने अंग्रेज़ों का विरोध करना छोड़ दिया और अपना सारा ध्यान व्यापर पर केंद्रित कर लिया।
- पुरे कर्नाटक युद्ध के दौरान अंग्रेज़ों को भारतीय राजाओं का आपसी संघर्ष, उनकी सैनिक कमजोरी, नौसेना का आभाव, उनकी छोटी सी प्रशिक्षित सेना के सामने भारतीय राजाओं की बड़ी सेना का हार जाना, ये सारे पेहलु उनके सामने खुली किताब की तरह सामने आ गई थी। फ़्राँसीसीओं की हार के बाद अंग्रेज़ अब पुरे भारत पर एकछत्र राज करने का सपना देखने लगे।
GK Quiz in Hindi – GK Online Test in Hindi
1. भारत में सबसे पहले आने वाली यूरोपीय कंपनी ?
उत्तर ➲ पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी
2. भारत के समुद्री मार्ग की खोज किसने की ?
उत्तर ➲ वास्कोडिगामा
3. पुर्तगालियों ने अपनी पहली कोठी (फैक्ट्री) कहां खोली ?
उत्तर ➲ कालीकट
4. किस पुर्तगाली ने 1500 ई. में कालीकट में पहली पुर्तगाली फैक्ट्री खोली ?
उत्तर ➲ पेड्रो अल्वरेज कैब्राल
5. पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक कोठी (फैक्ट्री) कहां खोली ?
उत्तर ➲ सूरत
6. भारत आने वाला पहला पुर्तगाली गवर्नर ?
उत्तर ➲ फ्रांसिस्को डी अलमिडा
(Circulatory System) परिसंचरण तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
7. भारत में “ब्लू वाटर पालिसी” या “शांत जल निति” को किसने शुरू किया ?
उत्तर ➲ फ्रांसिस्को डी अलमिडा
8. भारत में पुर्तगाली शक्ति का वास्तविक संस्थापक कौन था ?
उत्तर ➲ अल्फांसो डी अल्बुकर्क
9. गोवा पर किस पुर्तगाली गवर्नर ने कब्ज़ा किया ?
उत्तर ➲ अल्फांसो डी अल्बुकर्क
10. कोचीन को किस पुर्तगाली गवर्नर ने अपना केंद्र बनाया ?
उत्तर ➲ अल्फांसो डी अल्बुकर्क
11. किस पुर्तगाली गवर्नर ने गोवा को राजधानी बनाया ?
उत्तर ➲ नीनो डी कुन्हा
12. कार्टेज-अर्मिडा-काफिला नीति की शुरुआत किसने की थी ?
उत्तर ➲ पुर्तगाली
(Digestive System) पाचन तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
13. 1556 ई. में गोवा में प्रिंटिंग प्रेस कौन लेकर आया ?
उत्तर ➲ पुर्तगाली
14. पुर्तगाल का अंतिम गवर्नर कौन था ?
उत्तर ➲ मैनुएल अंटोनिओ
15. भारत में डचों ने अपनी पहली फैक्ट्री कहां स्थापित की ?
उत्तर ➲ मसूलीपट्नम
16. डचों का अंत भारत में किस युद्ध के बाद हुआ ?
उत्तर ➲ बेदरा युद्ध
17. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कब हुई थी ?
उत्तर ➲ 1600 ई.
18. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत कब आई ?
उत्तर ➲ 1608 ई.
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19. मुग़ल दरबार में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और राजा जेम्स की तरफ से जाने वाला पहला राजदूत कौन था ?
उत्तर ➲ कैप्टन हॉकिंस
20. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना पहला फैक्ट्री कहाँ स्थापित किया ?
उत्तर ➲ मसूलीपट्नम
21. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उत्तर-पश्चिम भारत में पहला स्थायी व्यापारिक केंद्र कहाँ स्थापित किया ?
उत्तर ➲ सूरत
22. ब्रिटेन के राजा जेम्स के किस राजदूत ने जहांगीर से पुरे मुग़ल साम्राज्य में फैक्ट्री स्थापित करने की अनुमति प्राप्त की ?
उत्तर ➲ टॉमस रो
23. अंग्रेज़ों को स्वर्ण फरमान किसने जारी किया ?
उत्तर ➲ गोलकुंडा के शासक ने
24. अंग्रेज़ों ने भारत में पहली किलेबंद व्यापारिक कोठी कहां स्थापित किया ?
उत्तर ➲ मद्रास
(Nervous System) तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
25. अंग्रेज़ों ने बंगाल में पहली फैक्ट्री कहाँ खोली ?
उत्तर ➲ हुगली
26. पुर्तगालियों ने किस वर्ष अंग्रेज़ों को दहेज़ के रूप में पूरा बम्बई टापू दे दिया ?
उत्तर ➲ 1661 ई.
27. बम्बई की स्थापना किसने की थी ?
उत्तर ➲ गेराल्ड ओगियार
28. किस मुग़ल बादशाह ने 1686 ई. में अंग्रेज़ों पर आक्रमण कर अंगेज़ों से हुगली और मुसलीपत्तनम छीन लिया ?
उत्तर ➲ औरंगजेब
29. कलकत्ता फोर्ट विलियम (Calcutta Fort William) की स्थापना किसने की ?
उत्तर ➲ जॉब चरनॉक (Job Charnock)
30. वह मुग़ल सूबेदार जिसने अंग्रेज़ों को कालीकट, सुतानाती, गोविंदपुर तीनो गाँव की जमींदारी 1200 रुपये में खरीदने की अनुमति प्रदान की थी ?
उत्तर ➲ अजीमुशान
(Excretory System) उत्सर्जन तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
31. अंग्रेज़ों को शाही फरमान किसने जारी किया ?
उत्तर ➲ फरुखसियर (मुग़ल सम्राट)
32. अंग्रेज़ों को शाही फरमान किसने जारी किया ?
उत्तर ➲ फरुखसियर (मुग़ल सम्राट) 1717 ई.
33. अंग्रेज़ों को स्वर्ण फरमान किसने जारी किया ?
उत्तर ➲ गोलकुंडा के शासक ने 1632 ई. में।
34. अंग्रेज़ों को निशान किसने जारी किया ?
उत्तर ➲ बंगाल का गवर्नर शाहशुजा 1651 ई.
35. डेनिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पहली फैक्ट्री कहां खोली ?
उत्तर ➲ त्रेंकोबर तमिलनाडु
36. फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी भारत कब आई ?
उत्तर ➲ 1668 ई. में यह कंपनी भारत आती है।
(Skeleton System) कंकाल तंत्र से सम्बंधित important MCQ – click here
37. फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में पहला केंद्र कहां खोला ?
उत्तर ➲ सूरत
38. डूप्ले (Joseph François Dupleix) गवर्नर जनरल कब बनता है ?
उत्तर ➲ 1742 ई. में
39. कर्नाटक का युद्ध किसके बिच हुआ था ?
उत्तर ➲ अंग्रेज़ों और फ़्राँसीसिओं के बीच
40. प्रथम कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था ?
उत्तर ➲ ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकार का युद्ध
41. अड्यार की लड़ाई या सेंट थोम (St. Thome) की लड़ाई किसके बीच हुई ?
उत्तर ➲ कर्नाटक के नवाब और फ़्राँसीसिओं के बीच
42. प्रथम कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ ख़त्म हुआ ?
उत्तर ➲ एक्स-ला-शैपेल की संधि
Cell – कोशिका से सम्बंधित important MCQ – click here
43. दूसरे कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर ➲ हैदराबाद और कर्नाटक के उत्तराधिकार को लेकर
44. द्वितीय कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ ख़त्म हुआ ?
उत्तर ➲ पांडिचेरी की संधि
45. तीसरे कर्नाटक युद्ध का मुख्य कारण क्या था ?
उत्तर ➲ फ्रांस और इंग्लैंड के बीच सप्तवर्षीय युद्ध
46. तीसरे कर्नाटक युद्ध में फ़्रांसीसी सेना का नेतृत्व किसने किया था ?
उत्तर ➲ काउंट डी लाली
47. वांडीवाश के युद्ध में अंग्रेज़ों का नेतृत्व किसने किया था ?
उत्तर ➲ आयरकूट
48. तीसरा कर्नाटक युद्ध किस संधि के साथ खत्म हुआ ?
उत्तर ➲ पेरिस की संधि
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