Prachin kal me jharkhand (प्राचीन काल में झारखण्ड) मुख्यतः Jharkhand Quiz or MCQ है जिसके Objective Questions झारखण्ड में मौर्य काल और गुप्त काल से सम्बंधित होंगे।
झारखण्ड क्षेत्र में मौर्य और गुप्त वंश का प्रभाव था। इसके प्रमाण भी हमें मिलते हैं झारखण्ड के विभिन्न क्षेत्र से प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों के द्वारा। झारखण्ड का योगदान विभिन्न साम्राज्य के लिए रहा है जिन्होंने यहाँ पाए जाने वाले लोहे का उपयोग हथियारों के निर्माण में किया तथा यहाँ के हाथियों का उपयोग अपने युद्ध निति में किया।
Prachin kal me jharkhand के इस मौर्य और गुप्त वंश के Most Important Questions को Solve करते हैं।
TOP 25 Important Prachin kal me jharkhand MCQ –
Results
#1. मौर्योत्तर काल के इंडो-सीथियन के सिक्के झारखण्ड के किस क्षेत्र में पाए गए ?
- मौर्योत्तर काल के इंडो-सीथियन के सिक्के झारखण्ड के ‘चाईबासा’ में पाए गए।
#2. झारखण्ड के किस स्थान पर "पहाड़ी पर स्थित कुआँ" के गुप्तकालीन पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हुए हैं ?
#3. प्राचीन काल का वह कौन सा शासक था जिसकी राजधानी झारखण्ड क्षेत्र में थी ?
#4. शशांक किस धर्म का अनुयायी था ?
- गौड़ का शासक शशांक इस काल का प्रतापी शासक था।
#5. मौर्योत्तर काल के रोमन साम्राज्य के सिक्के झारखण्ड के किस क्षेत्र में पाए गए ?
- इससे यह साबित होता है की उस काल में झारखण्ड के सम्बन्ध विदेशों से भी थे।
#6. इंद्रवाहक नदियों का सम्बन्ध किस नदी क्षेत्र से था जिसके बारे में कौटिल्य ने लिखा था इंद्रवाहक नदियों से हिरे प्राप्त किये जाते थे ?
#7. शशांक के काल का प्रसिद्ध शिव मंदिर इनमें से कौन सा है ?
- यह मंदिर मयूरभंज और सिंहभूम के सीमा क्षेत्र पर स्थित ‘कोचांग’ में है।
#8. फाह्यान कब तथा किसके शासनकाल में भारत आया था जिसने झारखण्ड क्षेत्र को कुक्कुटलाड कहा ?
- चद्रगुप्त द्वितीय का उपनाम ‘विक्रमादित्य’ था।
- 405 ई. में चन्द्रगुप्त द्वितीय ‘विक्रमादित्य’ के शासनकाल में चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था।
#9. झारखण्ड के किस स्थान पर उत्तर गुप्त काल के "मंदिरों के अवशेष" प्राप्त हुए हैं ?
#10. अशोक ने झारखण्ड में बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए किस नाम का अधिकारी भेजा था ?
#11. भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है ?
#12. हर्यक वंश का शासक बिम्बिसार झारखण्ड क्षेत्र में किस धर्म का प्रचार करना चाहता था ?
#13. अशोक के किस शिलालेख में सीमावर्ती राज्यों की सूचि मिलती है जिसमें आटविक प्रदेश भी शामिल था जिसके अंतर्गत झारखण्ड का प्रदेश आता था ?
#14. समुद्रगुप्त के प्रवेश के बाद झारखण्ड क्षेत्र में किस धर्म का पतन शुरू हो गया ?
#15. कुषाणकालीन सिक्के कहाँ से प्राप्त हुए ?
- इन सिक्कों से झारखण्ड में ‘कनिष्क’ के प्रभाव का पता चलता है।
#16. कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य ने कुकुटदेश (झारखण्ड) के जनजातियों पर नियंत्रण रखने तथा शत्रुओं के साथ इनके गठबंधन को रोकने के लिए किस पदाधिकारी को नियुक्त किया था ?
- वन अधिकारी को ‘आटविक’ कहा जाता था।
- चन्द्रगुप्त मौर्य के शासन काल में झारखण्ड से हाथी मंगाया जाता था।
#17. समुद्रगुप्त के शासनकाल में छोटा नागपुर को क्या कहा गया है ?
#18. झारखण्ड को कौटिल्य के अर्थशास्त्र में किस नाम से सम्बोधित किया गया है ?
- कौटिल्य के अनुसार कुकुटदेश (झारखण्ड) में गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली स्थापित थी।
#19. झारखण्ड के किस स्थान पर चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा निर्मित मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए हैं ?
#20. झारखण्ड में इनमें से किस प्रथा को गुप्तकाल की देन नहीं माना जाता है ?
- मुण्डा, पाहन, महतो तथा भंडारी प्रथा को गुप्तकाल की देन माना जाता है।
#21. "इस क्षेत्र की अविजित जनजातियों को मेरे धम्म का आचरण करना चाहिए, ताकि वे लोक और परलोक प्राप्त कर सकें" अशोक के कलिंग के किस शिलालेख में यह वर्णित है ?
#22. भारत का नेपोलियन किसे कहा जाता है ?
#23. 13वीं सदी में उड़ीसा के किस राजा ने स्वयं को झारखण्ड का शासक घोषित किया था ?
#24. किसने समुद्रगुप्त के विजयों का वर्णन 'प्रयाग प्रशस्ति' में किया है ?
- इसमें आटविक प्रदेश के विजय का भी वर्णन है इससे यह स्पष्ट होता है झारखण्ड प्रदेश समुद्रगुप्त के अधीन था।
#25. झारखण्ड के किस स्थान पर "पत्थरों को काटकर बनाये गए चार मंदिर" के गुप्तकालीन पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हुए हैं ?
प्राचीन काल में झारखण्ड के दौरान मौर्य काल –
कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में यह वर्णन किया है कि इंद्रनावक नदी से हिरे निकले जाते थे। इंद्रनावक नदी मुख्यतः ईब और शंख नदियों का क्षेत्र था। चन्द्रगुप्त द्वारा झारखण्ड से हाथी का आयात किया जाता था सैनिक गतिविधियों के लिए।
मौर्य काल में झारखण्ड का आर्थिक, सामाजिक और राजनितिक महत्त्व था। उस समय झारखण्ड एक व्यापारिक मार्ग हुआ करता था मगध से दक्षिण भारत की ओर जाने के लिए।
कौटिल्य ने अर्थशास्त्र में यह वर्णन किया है कि जनजातियों को नियंत्रित करने के लिए, मगध साम्राज्य के लिए इन जनजातियों का किस तरह उपयोग किया जा सकता है तथा इनका किसे शत्रु से गठबंधन न हो इसे रोकने के लिए चन्द्रगुप्त मौर्य ने आटविक नाम के एक पदाधिकारी को नियुक्त किया था।
कुकुट/कुकुटदेश के नाम से कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इस क्षेत्र का वर्णन किया गया है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार झारखण्ड एक गणतंत्रात्मक शासन प्रणाली वाला प्रदेश था।
अशोक –
- अशोक के कलिंग शिलालेख-II में यह उल्लेखित है जिसमें अशोक ने कहा है कि ‘इस क्षेत्र के लोगों को मेरे धम्म का पालन करना चाहिए ताकि वे लोक तथा परलोक प्राप्त कर सकें।
- झारखण्ड आटविक प्रदेश में शामिल था और इस आटविक प्रदेश का उल्लेख अशोक के 13 वें शिलालेख में समीपवर्ती राज्यों कि सूचि में मिलती है।
- झारखण्ड कि जनजातियों पर अशोक का नियंत्रण था।
- बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अशोक ने रक्षित नमक अधिकारी को भेजा था।
मौर्योत्तर काल –
- रोमन साम्राज्य के सिक्के सिंहभूम क्षेत्र से पाए गए।
- इंडो-सिथियन सिक्के मिले चाईबासा से।
- कुषाणकालीन सिक्के रांची से पाए गए।
- मौर्योत्तर काल में विदेश से आक्रमण हुए तथा उन्होंने अपने राज्य भी स्थापित किये।
- झारखण्ड में कनिष्क का प्रभाव भी था।
- इसी काल में विदेशों के साथ भारत का भी सम्बन्ध स्थापित हुआ और इसका प्रभाव झारखण्ड में भी देखने को मिला।
प्राचीन काल में झारखण्ड के दौरान गुप्त काल –
गुप्त काल में भारत का सांस्कृतिक विकास अभूतपूर्व था इसलिए स्वर्णयुग कहा जाता है इस काल को भारत का। गुप्त काल में पत्थरों को काटकर मंदिर बनाया गया था, यह मंदिर हजारीबाग जिले के मदुही पहाड़ पर मिली है। गुप्तकाल की ही देन है झारखण्ड में पाहन, मुण्डा, महतो तथा भंडारी की प्रथा।
समुद्रगुप्त –
- बौद्ध धर्म का पतन झारखण्ड में समुद्रगुप्त के आने के बाद ही हुआ था।
- झारखण्ड का क्षेत्र पुण्डवर्धन में शामिल था जिसे समुद्रगुप्त ने अपने राज्य में मिला लिया था।
- भारत का नेपोलियन समुद्रगुत, गुप्त वंश का सबसे महान शासक था।
- हरिसेन जिसने प्रयाग प्रशस्ति लिखा था उसने समुद्रगुप्त के विजय का वर्णन प्रयाग प्रशस्ति में किया है जिसमें समुद्रगुत के आटविक विजय का भी उल्लेख है।
- छोटानागपुर को समुद्रगुप्त के शासन काल में मुरुण्ड देश कहा गया था।
चन्द्रगुप्त द्वितीय “विक्रमादित्य” –
- गुप्तकाल में पत्थरों को काट कर बनाये गए चार मंदिर का पुरातात्विक अवशेष झारखण्ड के हजारीबाग जिला के मदुहि पहाड़ से प्राप्त हुआ है।
- झारखण्ड के रांची जिले में स्थित पिठोरिया में एक पहाड़ी पर गुप्तकालिम कुआँ मिला है।
- 405 ई.पू चीनी यात्री फाह्यान विक्रमादित्य के शासन काल में भारत आया था तथा इसने झारखण्ड को कुकुटलाड से सम्बोधित किया था।
- झारखण्ड के कुछ क्षेत्रों में चन्द्रगुप्त द्वितीय “विक्रमादित्य” का भी प्रभाव था।
- उत्तर गुप्त काल में निर्मित मंदिरों के पुरातात्विक अवशेष झारखण्ड के कोडरमा जिला के सतगावां से मिला से प्राप्त हुआ है।
गुप्तोत्तर काल –
- शशांक प्रथम शासक था प्राचीन शासकों में जिसकी राजधानी झारखण्ड क्षेत्र में थी।
- गुप्तोत्तर काल का प्रतापी शासक गौड़ प्रान्त का राजा शासक था।
- शशांक शैव धर्म को मानने वाला था उसने झारखण्ड के कई स्थानों में शिव मंदिर का निर्माण करवाया था।
- कोचांग में स्थित शिव मंदिर वेणुसागर शशांक के काल खंड का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर सिंहभूम और मयूरभंज की सीमा पर स्थित है।
- ह्वेनसांग ने उल्लेख किया है की शशांक ने अशहिष्णुता की निति अपनाई थी बौद्ध धर्म के प्रति।
- झारखण्ड के विभिन्न क्षेत्र के बौद्ध केंद्रों को नष्ट कर दिया गया शशांक ने तथा हिन्दू धर्म को स्थापित किया।
- शशांक ने इतने बड़े साम्राज्य को चलाने के लिए दो राजधानी स्थापित की – दुलमी और संथाल परगना का बड़ा बाजार।
- गौड़ शासक शशांक के साम्राज्य का विस्तार पुरे झारखण्ड, बंगाल तथा उड़ीसा तक था।
हर्षवर्धन –
- ह्वेनसांग से हर्षवर्धन राजमहल में मिला था ह्वेनसांग ने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए राजमहल के बारे में भी जिक्र किया था।
- हर्षवर्धन सर्वाधिक शक्तिशाली शासक था वर्धन वंश का।
- उड़ीसा का राजा जय सिंह ने 13 वीं सदी में खुद को झारखण्ड का शासक घोषित कर दिया।
- चन्द्रगुप्त प्रथम द्वारा बनाये गए मंदिर के अवशेष झारखण्ड के पलामू जिले से प्राप्त हुए हैं।
- राजमहल का कुछ भाग हर्षवर्धन के साम्राज्य में शामिल था। माना जाता है मगध की सीमा उस समय दामोदर नदी के उद्गम स्थल तक थी।
- झारखण्ड मगध के साम्राज्य क्षेत्र के अंदर आता था नन्द वंश के समय। इस समय झारखण्ड से हाथियों को मंगाया जाता था सैनिक गतिविधियों के लिए तथा जनजातीय लोगों को सेना में शामिल किया जाता था।
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धन्यवाद !
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